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Jhansi: पंचायत परिक्रमा...ग्राम पंचायत ककवारा में विकास योजनाओं का धरातल पर उतरने का है इंतजार
संवाद न्यूज एजेंसी, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Sat, 20 Dec 2025 06:42 PM IST
सार
मऊरानीपुर विकासखंड से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत ककवारा के मजरा सिद्धपुरा में देश की आजादी के बाद से अब तक लाइट नहीं पहुंची है। यहां के निवासी अब भी लालटेन युग में जीने को मजबूर हैं।
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ग्राम पंचायत ककवारा
- फोटो : संवाद
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विस्तार
मऊरानीपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत ककवारा विकास योजनाओं के धरातल पर उतरने का इंतजार कर रही है। यहां बिजली का संकट है और पानी की भी समस्या बनी हुई है। सड़कों की दशा खराब है। इसके अलावा ग्रामीणों की अन्य सुविधाओं की भी दरकार है।
मऊरानीपुर विकासखंड से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत ककवारा के मजरा सिद्धपुरा में देश की आजादी के बाद से अब तक लाइट नहीं पहुंची है। यहां के निवासी अब भी लालटेन युग में जीने को मजबूर हैं। शाम होते ही गांव के घरों में मोमबत्ती व लालटेन जल जाती हैं। इन हालातों में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ ग्रामीणों के रोजमर्रा के काम भी प्रभावित बने रहते हैं।
खेल का मैदान और बरात घर की कमी
जल जीवन मिशन के तहत ग्राम पंचायत में पाइपलाइन डाली गई है, लेकिन अब तक लोगों को नलों से पानी नहीं मिल पाया है। ग्राम पंचायत की आबादी पानी लिए हैंडपंपों पर ही निर्भर बनी हुई है। इसके अलावा पाइपलाइन डालने के लिए खोदी गईं सड़कों की काम पूरा होने के बाद सही ढंग से मरम्मत भी नहीं की गई, जिससे ज्यादातर सड़कें क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं। वहीं, ककवारा से ग्राम पंचायत के मजरे बिहटा तक रास्ता ही नहीं बना है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत में बिजली की आवाजाही भी लगातार बनी रहती है। ग्रामीणों को ग्राम पंचायत में खेल मैदान और सामुदायिक बरात घर की कमी खलती है। जबकि, आबादी के लिहाज से ग्राम पंचायत में एक और श्मशानघाट की दरकार है।
एक नजर में...
ग्राम पंचायत का नाम- ककवारा
ग्राम पंचायत में शामिल मजरे- सिद्धपुरा, गुल्लिया व बिहटा
ग्राम पंचायत की आबादी- 8000
ग्राम पंचायत में मतदाताओं की संख्या- 5000
यह है समस्याएं
ग्राम पंचायत में सड़कों की दशा है खराब।
लोगों को अब तक नहीं मिल पाया नलों से पानी।
सिद्धपुरा मजरे का अब तक नहीं हो सका विद्युतीकरण।
बिजली की भी बनी रहती है आवाजाही।
बीते चार साल की उपलब्धियां
20 सीसी सड़कों का हुआ निर्माण, पंचायत भवन का हुआ कायाकल्प।
आठ हैंडपंप और 10 स्ट्रीट लाइट लगीं, आरआरसी सेंटर की हुई स्थापना।
स्कूल में सीसीटीवी कैमरे व वाटर कूलर लगा।
ओपन जिम की हुई स्थापना, आंगनबाड़ी केंद्र का हुआ कायाकल्प।
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मऊरानीपुर विकासखंड से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत ककवारा के मजरा सिद्धपुरा में देश की आजादी के बाद से अब तक लाइट नहीं पहुंची है। यहां के निवासी अब भी लालटेन युग में जीने को मजबूर हैं। शाम होते ही गांव के घरों में मोमबत्ती व लालटेन जल जाती हैं। इन हालातों में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ ग्रामीणों के रोजमर्रा के काम भी प्रभावित बने रहते हैं।
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खेल का मैदान और बरात घर की कमी
जल जीवन मिशन के तहत ग्राम पंचायत में पाइपलाइन डाली गई है, लेकिन अब तक लोगों को नलों से पानी नहीं मिल पाया है। ग्राम पंचायत की आबादी पानी लिए हैंडपंपों पर ही निर्भर बनी हुई है। इसके अलावा पाइपलाइन डालने के लिए खोदी गईं सड़कों की काम पूरा होने के बाद सही ढंग से मरम्मत भी नहीं की गई, जिससे ज्यादातर सड़कें क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं। वहीं, ककवारा से ग्राम पंचायत के मजरे बिहटा तक रास्ता ही नहीं बना है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत में बिजली की आवाजाही भी लगातार बनी रहती है। ग्रामीणों को ग्राम पंचायत में खेल मैदान और सामुदायिक बरात घर की कमी खलती है। जबकि, आबादी के लिहाज से ग्राम पंचायत में एक और श्मशानघाट की दरकार है।
एक नजर में...
ग्राम पंचायत का नाम- ककवारा
ग्राम पंचायत में शामिल मजरे- सिद्धपुरा, गुल्लिया व बिहटा
ग्राम पंचायत की आबादी- 8000
ग्राम पंचायत में मतदाताओं की संख्या- 5000
यह है समस्याएं
ग्राम पंचायत में सड़कों की दशा है खराब।
लोगों को अब तक नहीं मिल पाया नलों से पानी।
सिद्धपुरा मजरे का अब तक नहीं हो सका विद्युतीकरण।
बिजली की भी बनी रहती है आवाजाही।
बीते चार साल की उपलब्धियां
20 सीसी सड़कों का हुआ निर्माण, पंचायत भवन का हुआ कायाकल्प।
आठ हैंडपंप और 10 स्ट्रीट लाइट लगीं, आरआरसी सेंटर की हुई स्थापना।
स्कूल में सीसीटीवी कैमरे व वाटर कूलर लगा।
ओपन जिम की हुई स्थापना, आंगनबाड़ी केंद्र का हुआ कायाकल्प।
गांव की सड़क कीचड़ में तब्दील
- फोटो : संवाद
इनका यह है कहना
लोगों की सहूलियतों में वृद्धि की दृष्टि से ग्राम पंचायत में विकास कार्य लगातार जारी हैं। कई कार्य और प्रस्तावित हैं, जिन पर जल्द काम शुरू करने की तैयारी है। लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी लगातार दिलाया जा रहा है।- सर्वेश राय, ग्राम प्रधान
ग्राम पंचायत में पानी की पाइपलाइन तो डाल दी गई है, परंतु लोगों के घरों तक नलों से पानी अब तक नहीं पहुंच पाया है। इसके अलावा पाइपलाइन डालने के लिए खोदी गईं सड़कों की मरम्मत पर भी ध्यान नहीं दिया गया।- लक्ष्मी अहिरवार
देश की आजादी के इतने वर्षों बाद भी ग्राम पंचायत के मजरे सिद्धापुरा के लोग लालटेन युग में जीने को मजबूर हैं। मजरे का विद्युतीकरण अब तक नहीं हो पाया है। इससे यहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। - पवन अहिरवार
गांव ककवारा से मजरे बिहटा की दूरी लगभग डेढ़ किलोमीटर है। सड़क न होने की वजह से मजरे के लोगों को आवागमन में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद, ध्यान नहीं दिया जा रहा है।- दिलीप राय
ग्राम पंचायत ककवारा में विकास के कई कार्य कराए जा चुके हैं। गांव के पात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाया जा रहा है। अभी कई कार्य और किए जाने हैं।- दिलीप वर्मा, सचिव
लोगों की सहूलियतों में वृद्धि की दृष्टि से ग्राम पंचायत में विकास कार्य लगातार जारी हैं। कई कार्य और प्रस्तावित हैं, जिन पर जल्द काम शुरू करने की तैयारी है। लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी लगातार दिलाया जा रहा है।- सर्वेश राय, ग्राम प्रधान
ग्राम पंचायत में पानी की पाइपलाइन तो डाल दी गई है, परंतु लोगों के घरों तक नलों से पानी अब तक नहीं पहुंच पाया है। इसके अलावा पाइपलाइन डालने के लिए खोदी गईं सड़कों की मरम्मत पर भी ध्यान नहीं दिया गया।- लक्ष्मी अहिरवार
देश की आजादी के इतने वर्षों बाद भी ग्राम पंचायत के मजरे सिद्धापुरा के लोग लालटेन युग में जीने को मजबूर हैं। मजरे का विद्युतीकरण अब तक नहीं हो पाया है। इससे यहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। - पवन अहिरवार
गांव ककवारा से मजरे बिहटा की दूरी लगभग डेढ़ किलोमीटर है। सड़क न होने की वजह से मजरे के लोगों को आवागमन में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद, ध्यान नहीं दिया जा रहा है।- दिलीप राय
ग्राम पंचायत ककवारा में विकास के कई कार्य कराए जा चुके हैं। गांव के पात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाया जा रहा है। अभी कई कार्य और किए जाने हैं।- दिलीप वर्मा, सचिव
