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Kannauj News: तीन दिन में चार डिग्री न्यूनतम तापमान घटा, बढ़ी मुश्किलें

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:04 PM IST
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Minimum temperature dropped by four degrees in three days, difficulties increased
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कन्नौज। तीन दिन से कोहरे के साथ शीतलहर का प्रकोप जारी है। 18 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया जो 21 को चार डिग्री घट कर आठ डिग्री सेल्सियस रह गया। इससे सर्दी का असर काफी बढ़ गया है। भीषण सर्दी स्कूली बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों के लिए मुसीबत पैदा कर रही है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है।
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पांच दिनों से मौसम का रुख तल्ख होता जा रहा है। घने कोहरे के कारण शनिवार व रविवार को सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। तापमान लगातार गिरता जा रहा है। मौसम विभाग के आंकड़ाें के मुताबिक 18 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो 21 दिसंबर को चार डिग्री घट गया।
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कड़ाके की सर्दी को देखते हुए डीएम ने कक्षा आठ तक के स्कूलों का समय सुबह 10 से तीन बजे तक निर्धारित कर दिया है। मौसम की मार का सर्वाधिक असर स्कूली बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है। कामकाजी लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। पशु पक्षी भी भीषण सर्दी के प्रकोप से बेहाल हैं। जिला प्रशासन से सर्दी के बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। बुजुर्गों को सुबह टहलने से परहेज करने की हिदायत दी गई है। वहीं, बच्चों को सर्दी से बचाए रखने की बात कही गई है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. अमरेंद्र कुमार ने बताया कि तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। अगले दिन में घने कोहरे के साथ सर्दी बढ़ने की संभावना है।
आलू को झुलसा व सरसों को माहू से बचाएं
कोहरे व शीतलहर के कारण प्रमुख फसल आलू में झुलसा रोग लगने का खतरा बढ़ गया है। वहीं तिलहन की मुख्य फसल सरसों में माहू रोग लगने की संभावना बढ़ गई है। इससे किसानों को चिंता सताने लगी है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी संतलाल गुप्ता ने बताया कि आलू को झुलसा रोग से बचाने के लिए दो ग्राम मैन्कोजेब पाउडर को एक लीटर पानी में मिलाकर 15 दिन के अंतराल में छिड़काव करना होता है। वहीं सरसों को माहू से बचाने के लिए मेटासिस्टॉक दवाई का छिड़काव कर फसल को बचाया जा सकता है।
श्वांस, दमा व हृदयरोगी रहें सावधान
जिला अस्पताल के डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि कड़ाके की सर्दी श्वांस, दमा रोगियों के लिए मुसीबत बन रही है। ऐसे में सर्दी से बचाव करना बेहद जरूरी है। हृदय रोगियों को सर्दी में दिक्कतें अधिक होने लगती हैं। इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है।
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