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Kannauj News: एक तरफ हादसे में गई जान, दूसरी तरफ मवेशियों की तरह सवारियां ढोते रहे ऑटो-टेंपो
संवाद न्यूज एजेंसी, कन्नौज
Updated Wed, 31 May 2023 11:28 PM IST
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कन्नौज। हादसे पर हादसे हो रहे है। इसके बावजूद प्रशासन इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा है। समय-समय पर इक्का-दुक्का कार्रवाई करके पल्ला झाड़ लिया जा रहा है। अमर उजाला ने हाल के दिनों में समय-समय पर ऑटो-रिक्श और टेंपो संचालकों की मनमानी और क्षमता से अधिक सवारियां ढोने की खबर को लगातार प्रकाशित भी किया है। बुधवार को भी तिर्वा रोड पर हादसे के बावजूद शहर में बेफिक्री से क्षमता से अधिक सवारियां ढोई जाती रहीं।
फतेहपुर में हुए हादसे के बाद शासन सख्त हुआ तो प्रशासन ने गंभीरता दिखाई, लेकिन उसके बाद मामला फिर से बेपटरी हो गया। शहर में रोडवेज बस स्टैंड से तिर्वा क्रॉसिंग के बीच जगह-जगह अवैध स्टैंड से ऑटो-रिक्शा और टेंपो की डग्गामारी जारी है। क्षमता से अधिक सवारियों को आराम से बैठाकर नियमों की अनदेखी की जा रही है। बुधवार की दोपहर जब तिर्वा रोड पर डंपर की चपेट में आने से ऑटो-रिक्शा के परखच्चे उड़े, उसके बाद भी शहर में डग्गामारी जारी रही। प्रशासनिक अमला शहर में संचालित होने वाली अनियमित स्टैंड पर डग्गामारी से आंखें फेरे रहा।
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ऑटो-रिक्शा में 10, टेंपो में 16 सवारियां
ऑटो-रिक्शा और टेंपो में क्षमता से अधिक सवारियां ढोने का मामला शहर में आम है। यहां तीन सीट वाले ऑटो-रिक्शा में 10 या उससे ज्यादा सवारियां ढोई जाती हैं। टेंपो में सवारियों की संख्या 16 या उससे भी ज्यादा रहती है। बुधवार को जिस ऑटो-रिक्शा से हादसा हुआ, उसमें ड्राइवर के अलावा 10 सवारियां थीं। उसके अलावा भी शहर में इसी तरह से सवारियों को मवेशियों की तरह ठूंस-ठूंस कर बैठाकर खतरे को दावत दी जा रही है।
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डीएम ने बैठक में दिया था निर्देश, फिर भी अमल नहीं
हैरानी यह है कि दो दिन पहले ही 29 मई को कलक्ट्रेट में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीएम शुभ्रांत शुक्ला ने संबंधित अफसरों को निर्देश दिया था कि डग्गामारी पर लगाम लगाएं। उन्होंने रोडवेज बस स्टैंड के आसपास एक किलोमीटर दायरे में अवैध स्टैंड को हटाने का भी निर्देश दिया था। उसके बाद भी सम्बंधित अफसरों की ओर से इस आदेश को दरकिनार कर दिया गया।
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तिर्वा में चार गाड़ियां पकड़ी गईं
हादसे के बाद तिर्वा में अभियान चलाया गया। वहां डग्गामारी करने पर चार ऑटो-रिक्शा को पकड़ा गया। एआरटीओ प्रवर्तन रामबाबू ने बताया कि जरूरी कागज नहीं दिखाने पर उन्हें पकड़कर तिर्वा कोतवाली में खड़ा करवा दिया गय।
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ऑटो-रिक्शा में 10, टेंपो में 16 सवारियां
ऑटो-रिक्शा और टेंपो में क्षमता से अधिक सवारियां ढोने का मामला शहर में आम है। यहां तीन सीट वाले ऑटो-रिक्शा में 10 या उससे ज्यादा सवारियां ढोई जाती हैं। टेंपो में सवारियों की संख्या 16 या उससे भी ज्यादा रहती है। बुधवार को जिस ऑटो-रिक्शा से हादसा हुआ, उसमें ड्राइवर के अलावा 10 सवारियां थीं। उसके अलावा भी शहर में इसी तरह से सवारियों को मवेशियों की तरह ठूंस-ठूंस कर बैठाकर खतरे को दावत दी जा रही है।
डीएम ने बैठक में दिया था निर्देश, फिर भी अमल नहीं
हैरानी यह है कि दो दिन पहले ही 29 मई को कलक्ट्रेट में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीएम शुभ्रांत शुक्ला ने संबंधित अफसरों को निर्देश दिया था कि डग्गामारी पर लगाम लगाएं। उन्होंने रोडवेज बस स्टैंड के आसपास एक किलोमीटर दायरे में अवैध स्टैंड को हटाने का भी निर्देश दिया था। उसके बाद भी सम्बंधित अफसरों की ओर से इस आदेश को दरकिनार कर दिया गया।
तिर्वा में चार गाड़ियां पकड़ी गईं
हादसे के बाद तिर्वा में अभियान चलाया गया। वहां डग्गामारी करने पर चार ऑटो-रिक्शा को पकड़ा गया। एआरटीओ प्रवर्तन रामबाबू ने बताया कि जरूरी कागज नहीं दिखाने पर उन्हें पकड़कर तिर्वा कोतवाली में खड़ा करवा दिया गय।