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आधुनिक विधि से इत्र कारोबार को मिलेगी नई रफ्तार
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कन्नौज। शहर के इत्र कारोबार को जल्द नई रफ्तार मिलेगी। आधुनिक साल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट की मदद से कम समय में अधिक इत्र का उत्पादन होगा। इससे व्यापारियों को पहले के मुकाबले अधिक मुनाफा होगा।
शहर में 300 छोटे-बड़े इत्र कारखाने गली-मोहल्लों में चल रहे हैं। जल्द यह कारखाने आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर निर्माणाधीन इत्र पार्क में शिफ्ट होंगे। इत्र पार्क में आधुनिक यंत्र स्थापित किए जाएंगे। सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) ने इस प्लांट को स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है। डायरेक्टर शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि डेग-भवका से कारोबारी एक क्विंटल चंदन की लकड़ी से चार से पांच किलोग्राम चंदन तेल निकाल पाते है। वहीं, इस हाईटेक साल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट से छह से साढ़े सात किलोग्राम तेल निकलेगा। इतना ही नहीं देशी विधि से चंदन तेल निकालने के बाद वेस्ट से भी डेढ़ किलो रेजोनाइड निकालने की प्लांट की क्षमता है। इसी तरह गुलाब, बेला, गेंदा, चमेली समेत अन्य फूलों का इत्र भी प्लांट से कम समय में अधिक मात्रा में निकाला जा सकेगा। इससे व्यापारियों को करीब डेढ़ लाख रुपये का फायदा होगा। एफएफडीसी के डिप्टी डायरेक्टर नदीम अकबर ने बताया कि एफएफडीसी में साल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट का मॉडल स्थापित है। व्यापारियों की सुगमता के लिए इससे अधिक क्षमता वाला हाईटेक साल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट इत्र पार्क में स्थापित किया जाएगा। इसकी कीमत 300 करोड़ रुपये से अधिक की है। यह पुणे महाराष्ट्र से लाया जाएगा।
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सरकार देगी 90 फीसदी अनुदान
विश्व में इत्र कारोबार को बढ़ावा देने के लिए इत्र पार्क में हाईटेक साल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट, पैकेजिंग, लोडिंग हाइड्रोलिक के लिए शासन ने 90 फीसदी अनुदान मिलेगा जबकि 10 फीसदी व्यापारियों से सामूहिक ढंग से धनराशि ली जाएगी।
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देशी विधि से मिलेगा छुटकारा
इत्र एवं अतर एसोसिएशन अध्यक्ष पवन त्रिवेदी का कहना है कि अक्तूबर में इत्र पार्क शुरू हो जाएगा। पार्क बनने से देशी विधि की जगह आधुनिक विधि से इत्र बनाने का मौका मिलेगा। इससे श्रम और ईंधन की बचत होगी।
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सरकार देगी 90 फीसदी अनुदान
विश्व में इत्र कारोबार को बढ़ावा देने के लिए इत्र पार्क में हाईटेक साल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट, पैकेजिंग, लोडिंग हाइड्रोलिक के लिए शासन ने 90 फीसदी अनुदान मिलेगा जबकि 10 फीसदी व्यापारियों से सामूहिक ढंग से धनराशि ली जाएगी।
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देशी विधि से मिलेगा छुटकारा
इत्र एवं अतर एसोसिएशन अध्यक्ष पवन त्रिवेदी का कहना है कि अक्तूबर में इत्र पार्क शुरू हो जाएगा। पार्क बनने से देशी विधि की जगह आधुनिक विधि से इत्र बनाने का मौका मिलेगा। इससे श्रम और ईंधन की बचत होगी।