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Kannauj News: गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस, ई-रिक्शा से जाते समय सड़क पर बच्चे को दिया जन्म
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फतेहपुर। स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित 108 एंबुलेंस सेवा की लचर व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। 10 मिनट में पहुंचने का दावा करने वाली यह सेवा प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती को काॅल करने के घंटे भर बाद भी नहीं मिल सकी। मजबूरन परिजन गर्भवती महिला को ई-रिक्शा से जिला अस्पताल ले जा रहे थे तभी रास्ते में ही उसने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। इस घटना से स्थानीय लोगों में रोष है और उन्होंने जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।
गाजीपुर थानाक्षेत्र के गंभरी निवासी नरेश रैदास की पत्नी बृजम देवी को मंगलवार सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी। परिवार के लोगों और आशा कार्यकर्ता ऊषा देवी ने 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल की लेकिन एक घंटे तक वाहन नहीं पहुंचा। हालात बिगड़ती देख परिजन गर्भवती को ई-रिक्शा से जिला अस्पताल ले जाने लगे। सदर कोतवाली क्षेत्र स्थित साईं मंदिर के पास महिला की पीड़ा बढ़ गई। ऐसे में आशा उषा देवी ने राहगीरों और आसपास की महिलाओं की मदद से सड़क पर ही चादर तानकर प्रसव कराया। कुछ ही देर में महिला ने सुरक्षित बच्चे को जन्म दिया।
ऊषा देवी ने बताया कि बृजम देवी को करीब 24 घंटे से प्रसव पीड़ा हो रही थी। घटना के करीब एक घंटे बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची। जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने दोनों की हालत ठीक बताई। वहीं इस घटना से आक्रोशित लोगों ने कहा कि आपातकालीन सेवाओं में इतनी देरी मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। नाराज लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और सेवा में सुधार की मांग की है।
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गाजीपुर थानाक्षेत्र के गंभरी निवासी नरेश रैदास की पत्नी बृजम देवी को मंगलवार सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी। परिवार के लोगों और आशा कार्यकर्ता ऊषा देवी ने 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल की लेकिन एक घंटे तक वाहन नहीं पहुंचा। हालात बिगड़ती देख परिजन गर्भवती को ई-रिक्शा से जिला अस्पताल ले जाने लगे। सदर कोतवाली क्षेत्र स्थित साईं मंदिर के पास महिला की पीड़ा बढ़ गई। ऐसे में आशा उषा देवी ने राहगीरों और आसपास की महिलाओं की मदद से सड़क पर ही चादर तानकर प्रसव कराया। कुछ ही देर में महिला ने सुरक्षित बच्चे को जन्म दिया।
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ऊषा देवी ने बताया कि बृजम देवी को करीब 24 घंटे से प्रसव पीड़ा हो रही थी। घटना के करीब एक घंटे बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची। जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने दोनों की हालत ठीक बताई। वहीं इस घटना से आक्रोशित लोगों ने कहा कि आपातकालीन सेवाओं में इतनी देरी मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। नाराज लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और सेवा में सुधार की मांग की है।