UP: चित्रकूट कोषागार में 50 करोड़ का घोटाला, पेंशन खातों में भेजी गई रकम…95 बैंक खाते सीज, ऐसे खुला फर्जीवाड़ा
Chitrakoot News: चित्रकूट के कोषागार विभाग में सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन खातों का दुरुपयोग कर करीब 50 करोड़ का बड़ा घोटाला सामने आया है। रूटीन ऑडिट में खुलासा होने के बाद 95 बैंक खातों को सीज कर दिया गया है।

विस्तार
चित्रकूट जिले के कोषागार विभाग में करीब 50 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ है। यह रकम सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन खातों में पेंशन राशि के अतिरिक्त भेजी गई है। पेंशन खातों में अतिरिक्त धनराशि किस मद में भेजी गई इसकी जांच चल रही है। विभाग की रूटीन ऑडिट में 2023 से अब तक 95 सेवानिवृत्त शिक्षकों के बैंक खातों में धनराशि भेजने का मामला पकड़ में आया है।

सूत्रों के मुताबिक ऑडिट में अभी और भी लोगों के नाम सामने आएंगे। मामला सामने आने के बाद वरिष्ठ कोषाधिकारी के आदेश पर सभी खातों को सीज कर दिया गया है। विभागीय जांच जारी है और आशंका जताई जा रही है कि घोटाले की धनराशि और अधिक हो सकती है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक कोषागार विभाग के कुछ कर्मचारियों ने दलालों के नेटवर्क के साथ मिलकर सेवानिवृत्त शिक्षकों के खातों का दुरुपयोग किया।
95 खातों को सीज करने के निर्देश
बिचौलियों ने अपने परिचितों और रिश्तेदारों को भरोसे में लेकर उनके खाता नंबरों का इस्तेमाल घोटाले की रकम के लेनदेन के लिए किया। इन खातों में लगातार पांच लाख से लेकर 50 लाख रुपये तक की रकम ट्रेजरी से भेजी जाती रही। ऑडिट में पता चला कि पेंशन के अलावा लाखों रुपये अतिरिक्त ट्रेजरी से भेजे गए हैं। इसके बाद सात सितंबर को वरिष्ठ कोषाधिकारी ने एलडीएम व बैंक शाखा प्रबंधकों को पत्र भेजकर ऐसे 95 खातों को सीज करने के निर्देश दिए।
खाते में ट्रेजरी से 45 लाख रुपये आ गए
पत्र जारी होते ही सेवानिवृत्त पूर्व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और घोटाले की परतें खुलने लगीं। 10 सितंबर को नेवरा थाना मऊ निवासी जगतराम तिवारी ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि ओमप्रकाश पटेल नामक व्यक्ति ने कहा था कि उसके रिश्तेदार इंदौर में प्रॉपर्टी का कारोबार करते हैं और उन्हें किसी के खाते की जरूरत है। उन्होंने पासबुक दे दी थी, जिसके बाद उनके खाते में ट्रेजरी से 45 लाख रुपये आ गए।
ट्रेजरी कर्मचारियों के साथ किया गया बंटवारा
इसी प्रकार खंडेला निवासी कमला देवी के खाते में 15 मई 2023 से एक मार्च 2024 के बीच 31 लाख रुपये ट्रेजरी से आए। उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं पता कि यह रकम किस उद्देश्य से भेजी गई। जांच में सामने आया है कि ट्रेजरी से भेजी गई राशि दलालों ने निकाल ली और उसका बंटवारा ट्रेजरी कर्मचारियों के साथ किया गया।
किस मद का बजट भेजा गया, चल रही जांच
विभाग यह पता लगाने में जुटा है कि यह रकम किस मद से जारी हुई और सेवानिवृत्त पूर्व सूचकों को ही क्यों चुना गया।
कोषागार के एक कर्मचारी पर शक
कोषागार में लंबे समय से तैनात एक कर्मचारी का नाम इस पूरे सिंडिकेट में सामने आ रहा है। आरोप है कि विभाग उसी कर्मचारी से जांच में सहयोग ले रहा है।
अभी मामले की जांच जारी है। जिन खातों की जानकारी मिली है, उन्हें सीज करने के लिए बैंक को पत्र भेजा गया है। जांच पूरी होने के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जाएगी। -रमेश सिंह, वरिष्ठ कोषाधिकारी