Kanpur: स्कूलों ने बच्चों का नहीं लिया प्रवेश, दो के यू-डायस नंबर निलंबित, DM के निर्देश पर बीएसए की कार्रवाई
Kanpur News: बीईओ ने विद्यालय पहुंचकर प्रबंधन को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्कूल में बच्चों का दाखिला नहीं लिया गया। बीएसए ने बीईओ को पत्र लिखकर डॉ. वीरेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल और एस्कॉर्ट वर्ल्ड स्कूल का यू-डायस नंबर निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए।

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कानपुर में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) की अनदेखी करने पर दो स्कूलों का यू-डायस नंबर निलंबित कर दिया गया। बीएसए सुरजीत कुमार कई बार स्कूलों को दाखिला लेने के लिए पत्र लिख चुके थे, लेकिन प्रधानाचार्यों ने प्रवेश नहीं लिया। वहीं अभिभावक जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह बार-बार गुहार लगा रहे थे। जिलाधिकारी के निर्देश पर बीएसए ने गोविंदनगर स्थित डॉ. वीरेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल और केशवपुरम कल्याणपुर एस्कॉर्ट वर्ल्ड स्कूल पर कार्रवाई की।

जिले में वित्तीय वर्ष 2025-26 में आरटीई के तहत करीब 8200 आवेदन आए थे। इनमें 4663 बच्चों को ही प्रवेश मिल पाया। इनमें कई बच्चे ऐसे थे जिनका नाम सूची में आने के बाद भी चिह्नित स्कूलों ने प्रवेश नहीं दिया गया। नियति मिश्रा और प्रनय सोनी को क्रमश: 30 दिसंबर 2024 व 29 जनवरी 2025 को डॉ. वीरेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल आवंटित हुआ था। दोनों के अभिभावक पिछले 10 महीने से डीएम के जनता दर्शन में पहुंचकर गुहार लगा रहे थे। डीएम के निर्देश पर आठ और नाै अक्तूबर को स्कूल प्रबंधन को चेतावनी जारी की गई।
स्कूल में बच्चों का दाखिला नहीं लिया गया
लेकिन विद्यालय प्रबंधन ने साफ कहा कि आरटीई के तहत कोई प्रवेश नहीं लिया जाएगा। वहीं दिव्यम श्रीवास्तव, मानवेंद्र और मोहम्मद रेयान अख्तर को एस्कॉर्ट वर्ल्ड स्कूल आवंटित हुआ था। विभाग ने नाै जून, 11 जुलाई और 19 सितंबर 2025 को तीन बार नोटिस भेजे। बीईओ ने विद्यालय पहुंचकर प्रबंधन को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्कूल में बच्चों का दाखिला नहीं लिया गया। बीएसए ने बीईओ को पत्र लिखकर डॉ. वीरेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल का यू-डायस नंबर 09341103909 और एस्कॉर्ट वर्ल्ड स्कूल का यू-डायस नंबर 09341110927 निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए।
यू-डायस के निलंबन का असर
बीएसए ने बताया कि यू डायस नंबर विद्यालय की शैक्षणिक पहचान है। इसके निलंबन से विद्यालय विभागीय पोर्टलों पर अपडेट नहीं हो पाता और सरकारी योजनाओं से वंचित हो जाता है। नए विद्यार्थियों का ऑनलाइन पंजीकरण और दाखिला रुक जाता है। साथ ही शिक्षा विभाग मान्यता निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर देता है।