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Exclusive: अनवरगंज-मंधना एलिवेटेड रेलवे ट्रैक को मंजूरी, 17 क्रॉसिंगों से दूर होगा जाम, तीन साल में होगा तैयार

शशांक शेखर भारद्वाज, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Wed, 17 Jul 2024 10:33 AM IST
सार

Kanpur News: रेलवे अधिकारियों के मुताबिक एलिवेटेड रेलवे ट्रैक तीन वर्ष के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा। सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और अन्य विभाग मिलकर कार्य करेंगे। अनवरगंज-मंधना रूट की कुछ ट्रेनों को रिशेड्यूल किया जा सकता है।

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Anwarganj-Mandhana elevated railway track approved, jam will be removed from 17 crossings
रावतपुर में बंद क्रासिंग खुलने पर निकलते वाहन - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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कानपुर में अनवरगंज-मंधना एलिवेटेड रेलवे ट्रैक को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। इससे दोनों स्टेशनों के बीच पड़ने वाली 17 क्रॉसिंगों से रोज गुजरने वाले 40 लाख लोगों को जाम से निजात मिलेगी। रेलवे बोर्ड की ओर से उत्तर पूर्वी रेलवे के जनरल मैनेजर के पास इस संबंध में पत्र भेजा गया है। ट्रैक के निर्माण कार्य में 994 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जरीब चौकी क्रॉसिंग के पहले से एलिवेटेड रैंप शुरू होकर मंधना में उतरेगा। एलिवेटेड ट्रैक 15 किमी लंबा है।

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अनवरगंज-मंधना रूट पर 40 से अधिक सुपरफास्ट, एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों के अलावा छह से ज्यादा मालगाड़ियां संचालित हो रही हैं। ट्रेनों के आने से दो मिनट पहले क्रॉसिंग बंद होती है और जाने के दो मिनट बाद ही खुलती है। इससे 18 रेलवे क्रॉसिंगों पर दिन भर में कई बार जाम लगता है। ज्यादा समस्या जरीब चौकी, गुमटी नंबर पांच, कोकाकोला क्रॉसिंग, गुटैया, गीतानगर, नौ नंबर, शारदानगर, दलहन क्रॉसिंग, बगिया क्रॉसिंग, कल्याणपुर, गूबा गार्डन, आईआईटी, मंधना क्रॉसिंग पर होती है।

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अनवरगंज-मंधना रेलवे लाइन जीटी रोड के समानांतर है, ऐसे में जीटी रोड पर भी यातायात प्रभावित हो जाता है। इसको दूर करने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे। जाम में कई बार एंबुलेंस फंस जाती हैं। इस समस्या को देखते हुए तत्कालीन मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर, डीएम विशाख जी अय्यर, पुलिस कमिश्नर और अन्य विभागों के अधिकारियों और उत्तर पूर्वी रेलवे के इंजीनियरों ने एलिवेटेड रेलवे ट्रैक को लेकर प्लान तैयार किया, जिसे तत्कालीन सांसद सत्यदेव पचौरी और वर्तमान सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने भी शासन तक पहुंचाने में सहयोग किया।

हर साल मंडल को धनराशि जारी कर दी जाती है
इसके बाद एलिवेटेड ट्रैक की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) नीति आयोग, केंद्र और राज्य सरकार को भेजी गई थी। सर्वे हुआ और रिपोर्ट और डीपीआर रेलवे बोर्ड को भेजी गई। उत्तर पूर्व रेलवे के सीपीआरओ पंकज सिंह ने बताया कि मंजूरी के संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से एक जुलाई को पत्र भेजा गया था। एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का कार्य अंब्रैला योजना के तहत के अंतर्गत कराया जाएगा। योजना के तहत यात्री सुविधा और सुरक्षा से जुड़े काम होते हैं। इसके लिए हर साल मंडल को धनराशि जारी कर दी जाती है।

तीन वर्ष में बनकर होगा तैयार
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक एलिवेटेड रेलवे ट्रैक तीन वर्ष के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा। सिविल, इलेक्टि्रकल, मैकेनिकल और अन्य विभाग मिलकर कार्य करेंगे। अनवरगंज-मंधना रूट की कुछ ट्रेनों को रिशेड्यूल किया जा सकता है। कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज की ओर से आने वाले ट्रेनें मंधना तक ही आएंगी, जबकि मथुरा होकर जाने वाले ट्रेनों को दूसरे रूट पर संचालित किया जा सकता है।

रेलवे बोर्ड ने एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के निर्माण को मंजूरी दे दी है। बोर्ड के निदेशक की ओर नार्थ ईस्टर्न रेलवे के जनरल मैनेजर को पत्र भेजा गया है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया चालू होगी।  -पंकज सिंह, सीपीआरओ, एनईआर रेलवे

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