UP: डॉक्टरों को पहले क्लोन एप पर दिखाया बड़ा मुनाफा, फिर SEBI का फर्जी लेटर भेजकर मांगे एक करोड़, पढ़ें मामला
Kanpur News: करोड़ों की साइबर ठगी की एफआईआर होने के बावजूद भी डॉक्टरों से उनकी रकम निकाल देने के नाम पर एक करोड़ की मांग की जा रही है। डॉक्टरों के पास रोजाना व्हाट्सएप कॉल आ रहे हैं। इस पर उनसे उनकी रकम रिलीज कर देने की अंतिम तिथि बताकर अभी भी एक करोड़ की मांग की जा रही है।
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कानपुर में डॉक्टरों से साढ़े पांच करोड़ रुपये ठगने वाले साइबर अपराधी बेहद शातिर हैं। पहले नामचीन कंपनी का शेयर ट्रेडिंग एप का क्लोन बनाकर डॉक्टरों को उसमें फंसाया। उनसे करोड़ों का निवेश करवा कर एप पर रकम को दोगुना होता दिखाया। फिर सेबी का फर्जी लेटर बनाकर डॉक्टरों के पास भेजा और एप पर दिख रही रकम निकालने के लिए एक करोड़ रुपये की मांग कर दी। इस पर डॉक्टरों को संदेह हुआ और उन्होंने साइबर थाने में संपर्क किया। हालांकि, इतने समय में साइबर ठगों ने रकम कई राज्यों के सैकड़ों खातों में ट्रांसफर कर दी।
इतने खातों को ट्रेस करना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। साइबर ठगों ने जिन खातों में रकम ट्रांसफर की है वह कई अलग-अलग राज्यों में खुले हैं। अब साइबर सेल रोजाना 100 से अधिक ऐसे खातों को सीज करा रही है। हैरत की बात यह है कि साइबर ठगों ने करोड़ों की रकम को किसी एक खाते में नहीं बल्कि गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तरप्रदेश के कई खातों ट्रांसफर की है। इस मामले पुलिस एथिकल हैकर की भी मदद ले रही है। एथिकल हैकर के अनुसार डॉक्टरों के साथ जिस एप के जरिए ठगी की गई।
एक डॉक्टर तो वर्षों से शेयर बाजार में पैसा लगा रहे थे
उस क्लोन एप को सिंगापुर से बनवाया गया था। यह क्लोन न सिर्फ असली एप की हूबहू दिखता था बल्कि ठीक उसी तरह काम भी करता था। डॉक्टरों ने कई बार ट्रेडिंग करके पैसा निकाला और फिर ज्यादा फायदा दिखने पर दोबारा ट्रेडिंग की। हैरत की बात यह है कि ठगी का शिकार एक डॉक्टर तो वर्षों शेयर बाजार में पैसा लगा रहे थे , लेकिन वह भी इन ठगों से गच्चा खा गए। वह ये भांप ही नहीं पाए कि साइबर अपराधी उनसे आगे की सोच रखते हैं।
अकाउंट में छह करोड़ से अधिक की रकम दिखने लगी
एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह कई वर्षों से शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं। उनके पास तीन महीने पहले एक कॉल आया, जिसने एक नए शेयर ट्रेडिंग एप के फायदे बताकर उसे डाउनलोड करवाया। शेयर बाजार में पहले उन्होंने कुछ लाख रुपये लगाए, तो फायदा हुआ। एक बार चेक करने के लिए पैसे निकाले, तो वह फायदे के साथ मिल गए। 10 वर्ष से अधिक समय से चली आ रही पारिवारिक एफडी तुड़वा कर दो करोड़ रुपये जमा कर दिए। कुछ दिनों में ही शेयर ट्रेडिंग एप के अकाउंट में छह करोड़ से अधिक की रकम दिखने लगी।
लॉग इन करवाने के लिए एपीके फाइल बनाते थे
इस पर उन्होंने रकम निकालनी चाही, तो एकाउंट फ्रीज मिला। फिर सेबी का फर्जी लेटर दिखाकर एक करोड़ रुपये की मांग की गई। बताया गया कि यह रकम देने के बाद वह रकम निकाल सकते हैं। इस पर उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ और तब पुलिस की मदद ली। ठगी के शिकार एक अन्य डॉक्टर ने बताया कि साइबर ठग इस फर्जी एप पर लॉग इन करवाने के लिए एपीके फाइल बनाते थे और शेयर ट्रेडिंग के व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर करते थे। इससे लोग आसानी से झांसे में आ जाते।
अभी भी डॉक्टरों से मांगी जा रही रकम
करोड़ों की साइबर ठगी की एफआईआर होने के बावजूद भी डॉक्टरों से उनकी रकम निकाल देने के नाम पर एक करोड़ की मांग की जा रही है। डॉक्टरों के पास रोजाना व्हाट्सएप कॉल आ रहे हैं। इस पर उनसे उनकी रकम रिलीज कर देने की अंतिम तिथि बताकर अभी भी एक करोड़ की मांग की जा रही है।