Etawah: भतीजे की हत्या में दंपती व उनके दो बेटों को आजीवन कारावास, पैतृक जमीन के विवाद में हुई थी वारदात
Etawah News: विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र की कोर्ट ने पांच साल पहले पैतृक जमीन विवाद में भतीजे की हत्या के मामले में चाचा, चाची और उनके दो बेटों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा, 42-42 हजार जुर्माना भी लगाया है।

विस्तार
इटावा जिले में विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम आलोक कुमार श्रीवास्तव ने पांच साल पहले पैतृक जमीन के विवाद में हुई भतीजे की हत्या में दंपती व उनके दो बेटों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने चारों पर 42- 42 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

करहल निवासी पंकज पांडे ने 29 अक्तूबर 2020 को सैफई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उनके बहनोई अरविंद दुबे का चाचा उमाकांत दुबे के परिवार से पैतृक जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। 29 अक्तूबर 2020 को अरविंद दुबे अपनी मां मिथलेश व भाई अतुल के साथ खेतों पर गए थे। इस बीच चाचा उमाकांत, उनके बेटे अंशुल दुबे, अक्षय दुबे, अनुराग दुबे और चाची जूली खेत पर पहुंच गए थे।
वारदात में बहनोई अरविंद की मौत हो गई थी
चाचा और उनके बेटों ने बहनोई और उनकी मां व भाई को गोली मार दी थी। बहनोई की चाची ने इसका सहयोग किया था। आरोपी मौके से फरार हो गए थे। वारदात में बहनोई अरविंद की मौत हो गई थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। सभी को गिरफ्तार करके चार आरोपियों को जेल भेज दिया था, जबकि अनुराग फरार है। छानबीन के बाद पुलिस ने सभी के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में पेश किए थे।
कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई
इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र की कोर्ट में हुई। विशेष लोक अभियोजक गौरव दीक्षित की ओर से अरविंद दुबे का पक्ष रखा गया। साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने उमाकांत, अंशुल, अक्षय व जूली को दोषी पाया। दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उधर, फरार अनुराग दुबे के कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर उसका वारंट जारी करके उसकी पत्रावली को अलग कर दिया है।