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UP: जो राम को मानेगा…वह धर्म को जानेगा, कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड बनाने की मांग की, कही ये बात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Wed, 29 Oct 2025 02:50 PM IST
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सार

Kanpur News: कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने कानपुर में अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में कहा कि मंदिर के पैसे में सरकार का अधिकार नहीं है। इसका उपयोग अस्पताल और गोशाला बनाने में हो। उन्होंने सनातन बोर्ड बनाने की मांग की, और आरोप लगाया कि कुछ लोग कुर्सी के लिए सनातन का विरोध कर रहे हैं।

Kanpur Devki Nandan Thakur said whoever believes in Ram will know religion well said this about Sanatan Board
कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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जो राम को मान लेगा…वह अच्छी तरह से धर्म को जान लेगा। प्रधानमंत्री कौन है, राष्ट्रपति कौन है। यह लोग ब्राह्मण नहीं हैं। आज कल लोग कुर्सी के लिए सनातन का विरोध कर रहे हैं। सनातनी बनकर देश को आगे बढ़ने दें। राम मंदिर है, कृष्ण जन्म भूमि बनाना है। काशी विश्वनाथ को बसाना है। मंदिर के रुपयों से मदरसा नहीं बनना है। सड़क नहीं बननी है। सनातन बोर्ड बने चाहे नाम अलग हो। सरकार की ओर से नामित सदस्य हों। धर्म और जाति की राजनीति कर रहे हैं, यह खतरनाक है। यह बातें, कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने अमर उजाला के संवाद कार्यक्रम में कहीं।


उन्होंने कहा कि अंबेडकर साहब देश को इतना प्रेम करते थे। वह पाकिस्तान नहीं गए। जबकि देश में उनको मनाने वाले पाकिस्तनी लवर्स हैं। शास्त्रों में रावण को राम विरोधी कहा गया है। उन्होंने कहा कि धर्म को बचाने की बात करेंगे तो सभी जाति आ जाएगी। सनातनी बोर्ड में कोई शंकराचार्य ही रहे ।अब तो यूट्यूब, चैनल आ गए हैं। सनातन के प्रति और सनातन को बचाना हम सब की ड्यूटी है। कानपुर में हमने कहा था, तीन जगह दे दो, हम 300 मस्जिद बनाएंगे। आज हम यह आशा करते हैं कि कृष्ण धाम बने। सनातन धर्म बोर्ड बने। राम मंदिर बन गया है।

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मंदिर के पैसे में सरकार का राइट नहीं
उन्होंने आगे कहा कि मंदिरों का पैसा मंदिर के लिए है। हिमाचल हाइकोर्ट में यही बात आ रही है। मंदिरों में हर साल दो लाख करोड़ रुपये आते हैं। चार लाख मदरसे हैं, लेकिन भारत मे कितने गुरूकुल हैं। उनका अस्तित्व क्या है। भगवान का पैसा भगवान में ही लगाया जाए। मंदिर के पैसे में सरकार का राइट नहीं है। मंदिर भी तो पैसे का सदुपयोग नहीं कर रहे हैं। इसके लिए बड़े बड़े प्रतिनिधियों को रखना चाहिए। वैष्णो देवी और अन्य बोर्ड के अधिकारी शामिल किए जाएं। उन रुपयों से अस्पताल बनाए जाएं। गाय माता का उद्धार किया जाए।

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