Aarav Suicide Case: 60-65 बार गूगल सर्च कर जुटाई बीमारी की जानकारी, खुद ही ढूंढ रहा था लक्षण और इलाज
Kanpur News: कफन में अपने लाल आरव का शव देख मां दिव्या और बहन मान्या चीख पड़ीं। बिलखती मां बोली अरे हम क्यों चले गए थे तुमको अकेले छोड़कर, इतना बड़ा कदम उठा लिया...लौट आओ। हम किसके सहारे जिएंगे।
विस्तार
कानपुर में इकलौते बेटे आरव मिश्रा की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। पोस्टमार्टम हाउस के बाद पिता व अन्य परिजन शव लेकर घर पहुंचे तो मां का रो-रोकर हाल बेहाल रहा। वहीं, पुलिस की जांच में पता चला है कि आरव ने अपनी बीमारी के बारे में 60-65 बार गूगल में सर्च किया। कोहना थाना प्रभारी विनय तिवारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि छात्र आरव सीजोफ्रेनिया बीमारी से एक साल से परेशान था। इसके लिए परिजनों को बिना बताए वह लक्षण के अनुसार गूगल में बीमारी सर्च कर जानकारी जुटाता रहा। उन्होंने बताया कि एक साल से करीब उसने 60-65 बार गूगल में बीमारी को सर्च किया है। बताया कि मामले की और गहनता से जांच की जा रही है।
अरे हम क्यों चले गए थे तुमको छोड़कर लौट आओ
परिजन शव लेकर घर पहुंचे तो कफन में अपने लाल आरव का शव देख मां दिव्या और बहन मान्या चीख पड़ीं। बिलखती मां बोली अरे हम क्यों चले गए थे तुमको अकेले छोड़कर, इतना बड़ा कदम उठा लिया...लौट आओ। हम किसके सहारे जिएंगे। वहीं, दादी नीलम मिश्रा को भी कई महिलाएं संभालकर दिलासा देती रहीं। यहां 15 मिनट तक शव रोका गया। इसके बाद परिजन शव लेकर भैरों घाट चले गए।
बार-बार बेटे का नाम बुदबुदाते रहे
कक्षा 11 के छात्र आरव मिश्रा की माैत की जानकारी जैसे ही परिजनों, रिश्तेदारों और इलाके के लोगों को वह लोग सन्न रह गए। घर में महिलाएं एक दूसरे को ढांढस बंधाती नजर आईं। सदमे से पिता आलोक मिश्रा बदहवास हो गए। बार-बार बेटे का नाम बुदबुदाते रहे। बेटे के मौत के सदमे ने उन्हें इतना झकझोर दिया कि उनके आंसू सूख गए। वहीं, कल्याणपुर विधायक नीलिमा कटियार ने दुखी पिता को सांत्वना दी।
स्कूल में छात्र-छात्राएं और टीचर के होश उड़े
परिजनों ने बताया कि आरव के हाईस्कूल में 97 प्रतिशत नंबर थे। उसकी बहन मान्या ने भी स्कूल में टॉप किया था। इस घटना की जानकारी होने पर स्कूल में साथ पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के भी पैरों तले जमीन खिसक गई। चर्चा थी कि आरव ने स्कूल में किसी को इस परेशानी को नहीं बताई। दिन प्रतिदिन घुटता रहा।
ये है पूरा मामला
दवा कारोबारी आलोक मिश्रा के बेटे आरव मिश्रा (16) ने सोमवार को घर में फंदा लगाकर जान दे दी। यह द जैन इंटरनेशनल स्कूल में 11वीं का छात्र था। फॉरेंसिक टीम को छात्र की जेब में कागज मिला था, जिसमें नोट फॉर मोबाइल लिखा हुआ था। पुलिस ने मोबाइल के नोटपैड को खोला, तो उसमें अंग्रेजी में चार चेहरे दिखने वाली बात लिखी हुई मिली। लिखा है कि चेहरे कहते हैं कि खुद जान दे दो या मां-बाप और बहन को मार दो।
बड़ी बहन को बताई थी सुसाइड नोट में लिखी बातें
परिजनों के अनुसार, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा रिश्ते में आलोक मिश्रा के मामा लगते हैं। कोहना थानाक्षेत्र के रानीघाट के पुराना कानपुर में आलोक मिश्रा रहते हैं। उनका इकलौता बेटा आरव स्टेट लेवल का स्विमिंग खिलाड़ी था। 10वीं में उसके 97 प्रतिशत अंक थे। परिजनों के अनुसार, दीपावली में आरव ने बड़ी बहन मान्या को सुसाइड नोट में लिखी बातें बताई थी। कहा था कि इससे वह काफी तनाव में है।
छठ पूजा के लिए भागलपुर चले गए परिजन
दीपावली के बाद घर में छठ पूजा की तैयारी होने से बहन ने घरवालों से इसका जिक्र नहीं किया। इस बीच माता-पिता छठ पूजा के लिए भागलपुर चले गए। परिजनों के अनुसार, सोमवार की शाम मान्या कोचिंग गई थी। घर में आरव और उसकी दादी नीलम थे। शाम करीब 4:30 बजे दादी ने आरव को आवाज दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। कई बार आवाज देने के बाद भी कोई जवाब न आने पर पड़ोसी परमिंदर चंद्रा को बुलाया।
अंग्रेजी में सुसाइड नोट मिला
क्षेत्रीय लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो आरव का शव पंखे के कुंडे में रस्सी से लटकता देखकर दादी गश खा गईं। माता-पिता और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए भेजने के साथ ही मोबाइल फोन को कब्जे में ले लिया है। कोहना थाना प्रभारी विनय तिवारी ने बताया कि छात्र ने आत्महत्या की है। फॉरेंसिक टीम को उसकी जेब में कागज का टुकड़ा और मोबाइल के नोटपैड में अंग्रेजी में सुसाइड नोट मिला है। परिजनों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है।