गंगा बैराज कांड: बीटेक छात्रों ने उड़ाया था पुलिसकर्मियों को, दो गिरफ्तार…तीन की तलाश; UPI पेमेंट ने फंसाया
Kanpur News: गंगा बैराज पर पुलिसकर्मियों को कुचलने वाली काली कार बरामद कर ली गई है। इसके साथ ही, नशे में धुत यूनिवर्सिटी के दो बीटेक छात्रों समेत पांच को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
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कानपुर में गंगा बैराज पर मंगलवार शाम दो दरोगा और होमगार्ड को बीटेक छात्रों ने कार से उड़ाया था। कोहना पुलिस ने दो छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन की तलाश जारी है। घटना में इस्तेमाल हुई कर भी बरामद हो गई है। पांचो छात्र नशे में थे और घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। मंगलवार शाम साढ़े छह बजे गंगा बैराज पर अटल घाट चौकी इंचार्ज संजय, एसआई पूरन सिंह और होमगार्ड हरि प्रकाश नाका लगाकर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे।
इस दौरान काले रंग की ऑरा कार आई और बैरियर का टक्कर मारने के बाद फरार हो गई। बैरियर को टक्कर लगते ही एसआई संजय, पूरन सिंह और होमगार्ड हरि प्रकाश भी चपेट में आ गए। घटना के बाद कार फरार हो गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और क्राइम ब्रांच के सहयोग से जांच शुरू की। इस दौरान गंगा बैराज पर बने शराब के ठेके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में कार आई, जिसके बाद उनकी तलाश शूरू हुई। पुलिस ने दो छात्रों को गिरफ्तार कर लियाभी को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई। उन्हीं की निशानदेही पर आरोपी गिरफ्तार हुए।
यूपीआई पेमेंट से हुआ खुलासा
शराब ठेके में एक छात्र ने यूपीआई के माध्यम से रुपये दिए थे, जिसकी मदद से उसकी लोकेशन पता चली। कोहना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने दो छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आशुतोष कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपी की पहचान मथुरा के श्याम सुंदर, बिधनू के अभिजीत चतुर्वेदी के रूप में हुई, जबकि हिमांशु मिश्रा, प्रशांत और अन्य की तलाश जारी है। कार हिमांशु के पिता विष्णुदत्त मिश्रा की है। मूलरूप से चित्रकूट के रहने वाले हैं। प्रशांत बिहार को निवासी है।
शनिवार को सभी की है परीक्षा
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सभी का शनिवार को सेमेटर की परीक्षा है। घटना के बाद सभी ने मोबाइल बंद कर लिया था, जबकि अलग अलग जगहों पर छिप गए थे। केवल हिमांशु हॉस्टल में था। यूपीआई से पेमेंट अभिजीत ने किया था। पुलिस ने सबसे पहले उसी को गिरफ्तार किया।
गुडवर्क के पांच टीमें बनाई गई
डीसीपी सेंट्रल एसके सिंह ने बताया कि गुडवर्क के लिए पांच टीमें बनाई गई थी। सभी को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई। उन्हीं की निशानदेही पर आरोपी गिरफ्तार हुए।
