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असमंजस में कारोबारी: ये कैसी राहत…कागज पर बढ़ा दिया जीाएसटी, कॉपी-किताबों में कर दिया शून्य, पढ़ें पूरी डिटेल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Tue, 09 Sep 2025 11:48 AM IST
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सार

Kanpur News: जीएसटी काउंसिल ने दैनिक वस्तुओं पर जीएसटी की दरें कम कर दी हैं। इसका व्यापक प्रभाव आने वाले समय में उत्पादन क्षेत्र पर दिखेगा। हालांकि कंपनियों को कम जीएसटी होने का लाभ आम जनता को देना चाहिए। इससे महंगाई घटेगी और लोगों की क्रय क्षमता बढ़ेगी।

Kanpur GST Update What kind of relief is this GST increased on paper made zero in copies and books
सुनील वैश्य - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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जीएसटी काउंसिल ने लोगों को जीएसटी दरों में राहत दी है लेकिन कॉपी किताब और कागज मिल संचालक असमंजस में हैं। दरअसल काउंसिल ने कॉपी, प्रैक्टिकल, एक्सरसाइज बुक, टेस्ट बुक, ग्राफ बुक और नोट बुक में जीएसटी शून्य कर दी है। वहीं कागज पर जीएसटी की दर 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी है जबकि कागज से ही यह उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इसके मायने यह है हुआ कि छह प्रतिशत टैक्स और बढ़ गया है। कारोबारियों ने सरकार से मांग उठाई है कि इस पर स्थिति 22 सितंबर से पहले स्पष्ट कर दी जाए।

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असमंजस के चलते कारोबारी गतिविधियां ठप हो गई हैं। शहर में 800 से ज्यादा कॉपी किताब व्यापारी और पेपर मिल संचालक हैं जो नई घोषणा के बाद से परेशान हैं। पेपर वेलफेयर सोसाइटी उत्तर प्रदेश के चेयरमैन गोपी किशन माहेश्वरी और कोषाध्यक्ष राजीव माहेश्वरी ने बताया कि कागज पर पहले 12 प्रतिशत जीएसटी था। अब अब इसे बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है, जबकि इससे बनने वाले उत्पाद जैसे कॉपी, प्रैक्टिकल, एक्सरसाइज बुक, टेक्स्ट बुक, ग्राफ बुक और नोट बुक में जीएसटी शून्य कर दी है।

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कागज वाला पेपर मैन्युफैक्चरर से माल कैसे मंगाएगा
उन्होंने बताया कि कागज का एचएसएन कोड 4802 में आता है। काउंसिल ने अब इसे दो पार्ट में विभाजित कर दिया है 4802 के पहले पार्ट में मंगाया जाने वाला कागज कॉपी वालों को बिका तो शून्य जीएसटी में बिकेगा। दूसरे पार्ट में इसमें मंगाया जाने वाला कागज कॉपी वालों के अलावा किसी अन्य को बेचा जाएगा तो 18 प्रतिशत में बिकेगा। सवाल यह है कि कागज वाला पेपर मैन्युफैक्चरर से माल कैसे मंगाएगा। पेपर मैन्युफैक्चरर कागज वाले को बिलिंग कैसे करेगा। 18 प्रतिशत में करेगा, तो शिक्षा सस्ती नहीं होगी। शून्य में करेगा तो कागज से टैक्स ही समाप्त हो जाएगा।

सरकार समस्या का समाधान जल्द से जल्द करे
सुझाव दिया कि सरकार सभी कॉपी मैन्युफैक्चरर को एक नंबर जारी करे जैसे अखबार वालों को दिया जाता है। अखबार वाले कागज खरीद पर अपना प्रमाणपत्र कागज मैन्युफैक्चरर को देता है। तब उसको टैक्स में छूट मिलती है। उसी प्रकार अगर कॉपी वाले को नंबर दे तो उसके प्रमाणपत्र पर जो माल आगा तो वह शून्य बिलिंग पर आएगा जिसका प्रमाण पत्र नहीं होगा। एसोसिएशन के मंत्री प्रदीप दीक्षित ने बताया कि अब एचएसएन 4802 के अलावा एचएसएन 4810, 4805, 4806 का माल भी कॉपी वाले को लगता है। ड्यूप्लेक्स बोर्ड, ड्राइंग कॉपी में ट्रेसिंग पेपर, कॉपी किताब में चढ़ने वाला जिल्द का कागज 18 प्रतिशत में और अन्य वस्तुएं भी 18 प्रतिशत जीएसटी में चली गई हैं। सरकार समस्या का समाधान जल्द से जल्द करे।

जीएसटी काउंसिल ने दैनिक वस्तुओं पर जीएसटी की दरें कम कर दी हैं। इसका व्यापक प्रभाव आने वाले समय में उत्पादन क्षेत्र पर दिखेगा। हालांकि कंपनियों को कम जीएसटी होने का लाभ आम जनता को देना चाहिए। इससे महंगाई घटेगी और लोगों की क्रय क्षमता बढ़ेगी। हालांकि, यह भी आशंका है कि कंपनियां आम लोगों को जीएसटी घटने का फायदा नहीं मिलेगी।  -सुनील वैश्य, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आईआईए

लहंगा हो गया महंगा, बेडशीट-पर्दे सस्ते, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में आएगा उछाल
जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी की दरों को दो स्लैब में कर दिया है। इसके अलावा आम नागरिक से जुड़ी दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी कम किया है या खत्म कर दिया है। इससे शहर के उत्पादन क्षेत्र में 10-15 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी का अनुमान है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 20 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल का अनुमान है। वहीं, शादी का सीजन आने से पहले ही लहंगा महंगा हो जाएगा जबकि कंबल, बेडशीट और पर्दे सस्ते होंगे। नौघड़ा कपड़ा कमेेटी के अध्यक्ष शेष नारायण त्रिवेदी ने बताया कि लहंगे में 12 प्रतिशत की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी कर दिया गया है। 2500 रुपये मूल्य तक के लहंगे पांच प्रतिशत जीएसटी की परिधि में हैं जबकि लहंगे 2,500 रुपये से ऊपर के मूल्य में ही ही आते हैं।

दैनिक खर्चे में कमी देखने को मिलेगी
सहालगी सीजन में छह प्रतिशत लहंगा महंगा होगा। टाटा मोटर्स के सीईओ सुमन कपूर ने बताया कि प्रीमियम कारों पर 40 प्रतिशत जीएसटी इंडस्ट्री के लिए शुभ समाचार है। ऑटो पार्ट्स पर 18 प्रतिशत की समान दर से सकारात्मक असर पड़ेगा। 350 सीसी से कम प्रीमियम मोटरसाइकिलों पर जीएसटी घटाकर 18 प्रतिशत करने से मांग बढ़ेगी। कानपुर होटल, गेस्ट हाउस, स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के महामंत्री राजकुमार भगतानी ने बताया कि दूध के उत्पाद जीएसटी मुक्त हो गए हैं। उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल के प्रदेश प्रभारी कपिल सब्बरवाल ने बताया कि 400 से अधिक वस्तुओं पर कर कम करने से आम आदमी के दैनिक खर्चे में कमी देखने को मिलेगी।

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