{"_id":"6941055740799d71a801f141","slug":"kanpur-retired-superintendent-engineer-of-kesco-was-digitally-arrested-for-69-days-and-defrauded-of-53-lakh-2025-12-16","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Kanpur: केस्को के रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को 69 दिन डिजिटल अरेस्ट कर 53 लाख ठगे","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Kanpur: केस्को के रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को 69 दिन डिजिटल अरेस्ट कर 53 लाख ठगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Tue, 16 Dec 2025 12:38 PM IST
सार
सीबीआई अधिकारी बनकर केस्को के रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को 69 दिन डिजिटल अरेस्ट कर 53 लाख रुपये ठगे। कोहना पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
विज्ञापन
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विज्ञापन
विस्तार
डायलिसिस पर चल रहे केस्को के रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर रमेश चंद्र और उनकी पत्नी को 69 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 53 लाख ठग लिए गए। सीबीआई और पुलिस अधिकारी बनकर जेट एयरवेज के मालिक की 538 करोड़ की मनी लाॅडि्रंग केस में शामिल होने की बात कह धमकाया। कहा कि आपके आधार कार्ड से खरीदे सिम से मुंबई की युवती को कई कॉल की गई थी जिससे परेशान होकर उसने जान दे दी। जेल भेजने की धमकी दी और जांच के नाम पर बुजुर्ग दंपती को नजरबंद कर लिया। शातिरों ने उनसे 11 दिसंबर को 10 लाख रुपये लेने के बाद अगले तीन दिन तक कॉल नहीं की, जिससे पूर्व इंजीनियर को ठगी का अहसास हुआ। उन्होंने कोहना थाने में सोमवार को रिपोर्ट दर्ज कराई।
रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पार्वती बाग्ला रोड के उपवन सोसाइटी में रहते हैं। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक तीन अक्तूबर की सुबह करीब दस बजे डायलिसिस कराने लाजपतनगर गए थे तभी उनके पास कॉल आई। कॉल करने वाले ने 19 वर्षीय युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने के नाम पर धमकाया। इसके बाद कई और नंबरों से कॉल आईं। दोपहर डेढ़ बजे फ्लैट लौटे तो गौरव नामक व्यक्ति ने फोन किया। कहा वीडियो कॉल उठाओ आपके खिलाफ मुंबई के कोलाबा थाने में रिपोर्ट हुई है। करीब 30 सेकेंड बाद ही किसी उमेश मछिंदर की कॉल आई। कहा कि वह कोलाबा थाने से बोल रहा है। थोड़ी देर बाद वीडियो कॉल कर रहे व्यक्ति ने युवती के मामले व जेट एयरवेज की 538 करोड़ रुपये की मनी लांडि्रंग केस में शामिल होने की बात कही। एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर डराया कि उन्हें मुंबई जेल लाया जाएगा। उनकी पत्नी और अमेरिका व नोएडा में रह रहे बेटों को नजरबंद किया जाएगा।
दहशतजदा इंजीनियर ने हफ्ते में दो बार डायलिसिस होने की बात कही। इस पर शातिर ने जांच के नाम पर घर में ही नजरबंद रहने का आदेश दिया। कहा कि म्युचुअल फंड, शेयर, पीपीएफ अकाउंट, बैंक खाते, लॉकर आदि सीज कर दिए गए हैं। सारे मोबाइल सर्विलांस पर हैं। इसके बाद साइबर अपराधियों ने धन शोधन के नाम पर चार अक्तूबर को कहा कि पीपीएफ के 15.31 लाख समेत अन्य जमा पूंजी एक बैंक खाते में ट्रांसफर करो। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच आरबीआई करेगा। नौ अक्तूबर को 20 लाख, 21 नवंबर को 23 लाख अपने बताए खाते में आरटीजीएस कराए। बेल सिक्योरिटी ब्रांड के नाम पर 11 दिसंबर को 10 लाख रुपये जमा करा दिए। तीन दिन बाद तक बेल के कागज न मिलने और कोई कॉल न आने पर उन्हें शंका हुई। इस पर पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। डीसीपी सेंट्रल एसके सिंह ने बताया कि रिटायर्ड अधिकारी और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर 53 लाख रुपये ठगे गए हैं। कोहना थाने में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
Trending Videos
रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पार्वती बाग्ला रोड के उपवन सोसाइटी में रहते हैं। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक तीन अक्तूबर की सुबह करीब दस बजे डायलिसिस कराने लाजपतनगर गए थे तभी उनके पास कॉल आई। कॉल करने वाले ने 19 वर्षीय युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने के नाम पर धमकाया। इसके बाद कई और नंबरों से कॉल आईं। दोपहर डेढ़ बजे फ्लैट लौटे तो गौरव नामक व्यक्ति ने फोन किया। कहा वीडियो कॉल उठाओ आपके खिलाफ मुंबई के कोलाबा थाने में रिपोर्ट हुई है। करीब 30 सेकेंड बाद ही किसी उमेश मछिंदर की कॉल आई। कहा कि वह कोलाबा थाने से बोल रहा है। थोड़ी देर बाद वीडियो कॉल कर रहे व्यक्ति ने युवती के मामले व जेट एयरवेज की 538 करोड़ रुपये की मनी लांडि्रंग केस में शामिल होने की बात कही। एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर डराया कि उन्हें मुंबई जेल लाया जाएगा। उनकी पत्नी और अमेरिका व नोएडा में रह रहे बेटों को नजरबंद किया जाएगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
दहशतजदा इंजीनियर ने हफ्ते में दो बार डायलिसिस होने की बात कही। इस पर शातिर ने जांच के नाम पर घर में ही नजरबंद रहने का आदेश दिया। कहा कि म्युचुअल फंड, शेयर, पीपीएफ अकाउंट, बैंक खाते, लॉकर आदि सीज कर दिए गए हैं। सारे मोबाइल सर्विलांस पर हैं। इसके बाद साइबर अपराधियों ने धन शोधन के नाम पर चार अक्तूबर को कहा कि पीपीएफ के 15.31 लाख समेत अन्य जमा पूंजी एक बैंक खाते में ट्रांसफर करो। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच आरबीआई करेगा। नौ अक्तूबर को 20 लाख, 21 नवंबर को 23 लाख अपने बताए खाते में आरटीजीएस कराए। बेल सिक्योरिटी ब्रांड के नाम पर 11 दिसंबर को 10 लाख रुपये जमा करा दिए। तीन दिन बाद तक बेल के कागज न मिलने और कोई कॉल न आने पर उन्हें शंका हुई। इस पर पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। डीसीपी सेंट्रल एसके सिंह ने बताया कि रिटायर्ड अधिकारी और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर 53 लाख रुपये ठगे गए हैं। कोहना थाने में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
डायलिसिस के समय वीडियो कॉल चालू रखते थे शातिर
डिजिटल अरेस्ट के 69 दिन याद कर सेवानिवृत्त इंजीनियर सिहर उठते हैं। बताया कि पहली बार कॉल आने से लेकर ठगी का अहसास होने तक उन्होंने और पत्नी ने बहुत कुछ सहा है। उन दिनों करीब 24 घंटे वीडियो कॉल चालू रहती थी। किसी वजह से फोन कट जाए तो कुछ देर में ही फिर फोन आ जाता था। कॉल क्यूं काटी, जांच में सहयोग क्यों नहीं कर रहे, लगता है मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हो, ऐसे चुभने वाले शब्द बोलते और फिर फोन न काटने की हिदायत देते। इतना दबाव बना दिया था कि डायलिसिस भी कराने जाओ तो वीडियो कॉल की निगरानी में रहना पड़ता था। अगर फोन कट जाए तो कहते थे फोटो भेजो तब मानेंगे डायलिसिस करा रहे हो।
इस दौरान बेटे और अन्य रिश्तेदारों की कॉल आईं। मन में आया कि एक बार उन्हें सारी जानकारी दे दें लेकिन शातिरों ने इस तरह से जाल में फंसा रखा था कि इसकी हिम्मत नहीं जुटा सका। अंदर ही अंदर घुटते रहे। उनके दुख में पत्नी ने हिम्मत दिलाई। हर पल ख्याल रखा। साइबर अपराधी वीडियो कॉल और सामान्य कॉल से धमकाते, डराते और फटकारा करते थे। कई बार अपशब्द भी कहे।
डिजिटल अरेस्ट के 69 दिन याद कर सेवानिवृत्त इंजीनियर सिहर उठते हैं। बताया कि पहली बार कॉल आने से लेकर ठगी का अहसास होने तक उन्होंने और पत्नी ने बहुत कुछ सहा है। उन दिनों करीब 24 घंटे वीडियो कॉल चालू रहती थी। किसी वजह से फोन कट जाए तो कुछ देर में ही फिर फोन आ जाता था। कॉल क्यूं काटी, जांच में सहयोग क्यों नहीं कर रहे, लगता है मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हो, ऐसे चुभने वाले शब्द बोलते और फिर फोन न काटने की हिदायत देते। इतना दबाव बना दिया था कि डायलिसिस भी कराने जाओ तो वीडियो कॉल की निगरानी में रहना पड़ता था। अगर फोन कट जाए तो कहते थे फोटो भेजो तब मानेंगे डायलिसिस करा रहे हो।
इस दौरान बेटे और अन्य रिश्तेदारों की कॉल आईं। मन में आया कि एक बार उन्हें सारी जानकारी दे दें लेकिन शातिरों ने इस तरह से जाल में फंसा रखा था कि इसकी हिम्मत नहीं जुटा सका। अंदर ही अंदर घुटते रहे। उनके दुख में पत्नी ने हिम्मत दिलाई। हर पल ख्याल रखा। साइबर अपराधी वीडियो कॉल और सामान्य कॉल से धमकाते, डराते और फटकारा करते थे। कई बार अपशब्द भी कहे।
सीबीआई कार्यालय और कोर्ट का सेटअप दिखा डराया
पीड़ित के मुताबिक आरोपियों ने उन्हें दबाव में लेने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। उन्होंने वीडियो कॉल की तो उसमें सीबीआई कार्यालय और कोर्ट का सेटअप दिखाकर जांच के भ्रम में रखा। यही वजह थी उनकी साजिश से बाहर नहीं निकल सके। उसके साथ कई लोग शामिल थे, जो बकायदा एक दूसरे से कार्यालय के अन्य किरदारों को निभा रहे थे। वीडियो कॉलिंग में उन लोगों ने सरकारी अलमारी, मेज और फाइलें तक दिखाई हुई थी।
पीड़ित के मुताबिक आरोपियों ने उन्हें दबाव में लेने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। उन्होंने वीडियो कॉल की तो उसमें सीबीआई कार्यालय और कोर्ट का सेटअप दिखाकर जांच के भ्रम में रखा। यही वजह थी उनकी साजिश से बाहर नहीं निकल सके। उसके साथ कई लोग शामिल थे, जो बकायदा एक दूसरे से कार्यालय के अन्य किरदारों को निभा रहे थे। वीडियो कॉलिंग में उन लोगों ने सरकारी अलमारी, मेज और फाइलें तक दिखाई हुई थी।
