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Kanpur: चौराहे के जिस ओर भीड़ ज्यादा, सिग्नल उस तरफ करेगा चलने का इशारा
शशांक शेखर भारद्वाज, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 18 Jun 2025 11:43 PM IST
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सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन पर बातचीत करते प्रो. प्रणमेश चक्रवर्ती, प्रो.आदित्य साथ में एडीसीपी
- फोटो : अमर उजाला
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कानपुर में प्रदूषण, अपराध और बीमारियों से कहीं ज्यादा आमजन यातायात की समस्या से परेशान हैं। यहां के प्रमुख चौराहों और मुख्य सड़कों पर सुबह से लेकर शाम और रात तक जाम की स्थिति रहती है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए आईआईटी कानपुर और ट्रैफिक पुलिस मिलकर कार्य करने जा रही है। पहले चरण में दस चौराहों को लिया जा रहा है। यहां सबसे पहले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित सिग्नल और कैमरे लगाए जाएंगे, जिनकी मदद से यातायात नियंत्रित हो सकेगा। यह सिग्नल जिस ओर भीड़ अधिक रहेगी, उस तरफ अधिक समय तक हरा सिग्नल हो जाएगा। इसके लिए आईआईटी की टीम अगले हफ्ते से सर्वे करने जा रही है।
कानपुर के बीच से जीटी रोड, इटावा हाईवे, प्रयागराज, लखनऊ हाईवे गुजरा है, जबकि नौबस्ता की तरफ से सागर हाईवे निकला है। इनपर रोजाना लाखों की संख्या में छोटे और बड़े वाहनों की आवाजाही रहती है। हाईवे के बीच में कई चौराहे भी आते हैं, जिनपर सुबह और शाम को जाम लग रहा है। ट्रैफिक पुलिस और अन्य विभागों की ओर से कई बार प्लानिंग हुई, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। अब आईआईटी कानपुर के विशेष कमिश्नरेट पुलिस के साथ मिलकर कार्य करने जा रही है। यह कार्य विभिन्न चरणों में किया जाएगा।
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आईआईटी की टीम ने बनाए ट्रैफिक मॉडल
आईआईटी के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के प्रो. अमय करकरे, सिविल इंजीनियरिंग के प्रो. प्रणमेश चक्रवर्ती और प्रो. आदित्य मेदुरी की एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह के साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट पर बातचीत हुई। इसमें चौराहों पर जाम की वजह, वाहनों की लाइन लगने का कारण, ब्लैक स्पॉट, इंजीनियरिंग फॉल्ट, उल्टी दिशा में वाहनों का संचालन शामिल है। आईआईटी के विशेषण पूर्व में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर कार्य कर चुके हैं। उनके पास ट्रैफिक सिस्टम का एडवांस मॉडल है।
शहर के दस चौराहों पर होगी व्यवस्था
पहले चरण में टाटमिल, चकेरी, घंटाघर, बड़ा चौराहा, किदवईनगर, गोविंदनगर, नौबस्ता, यशोदानगर चौराहों और रावतपुर व कल्याणपुर के तिराहों का शामिल किया गया है। यहां पर सबसे सिग्नल सिस्टम लगेगें। इसके लिए दिन और रात के समय मॉनीटरिंग करने वाले कई उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे डेटा संकलित होता रहेगा। उस डेटा का विश्लेषण कर सिस्टम सिस्टम को भीड़ के अनुरूप किया जाएगा। इसी तरह उल्टी दिशा से आने वालों के लिए सिस्टम विकसित होगा।
आईआईटी के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के प्रो. अमय करकरे, सिविल इंजीनियरिंग के प्रो. प्रणमेश चक्रवर्ती और प्रो. आदित्य मेदुरी की एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह के साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट पर बातचीत हुई। इसमें चौराहों पर जाम की वजह, वाहनों की लाइन लगने का कारण, ब्लैक स्पॉट, इंजीनियरिंग फॉल्ट, उल्टी दिशा में वाहनों का संचालन शामिल है। आईआईटी के विशेषण पूर्व में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर कार्य कर चुके हैं। उनके पास ट्रैफिक सिस्टम का एडवांस मॉडल है।
शहर के दस चौराहों पर होगी व्यवस्था
पहले चरण में टाटमिल, चकेरी, घंटाघर, बड़ा चौराहा, किदवईनगर, गोविंदनगर, नौबस्ता, यशोदानगर चौराहों और रावतपुर व कल्याणपुर के तिराहों का शामिल किया गया है। यहां पर सबसे सिग्नल सिस्टम लगेगें। इसके लिए दिन और रात के समय मॉनीटरिंग करने वाले कई उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे डेटा संकलित होता रहेगा। उस डेटा का विश्लेषण कर सिस्टम सिस्टम को भीड़ के अनुरूप किया जाएगा। इसी तरह उल्टी दिशा से आने वालों के लिए सिस्टम विकसित होगा।
चौराहों का बदल सकता मूल स्वरूप
कई चौराहों का स्वरूप भी बदलने की तैयारी है। यह कार्य नगर निगम, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभागों के साथ मिलकर किया जाएगा। आईआईटी के विशेषज्ञ टीम बनाकर चौराहों की खामियों को देखेंगे। उसको एक गोल बनाया जा सकता है या तिकोना इस पर अध्ययन होगा। इस काम में ड्रोन, गूगल मैपिंग और अन्य संसाधनों का प्रयोग किया जाएगा।
रोड सेफ्टी को लेकर बड़े स्तर पर कार्य होने जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस के साथ ही शहर के प्रमुख चौराहों पर कार्य किया जाएगा। इसमें सिग्नलिंग, इंजीनियरिंग डिफॉल्ट, गलत दिशा से वाहनों के संचालन को रोका जाएगा। - प्रो. प्रणमेश चक्रवर्ती, सिविल इंजीनियरिंग आईआईटी
आईआईटी के विशेषज्ञों के साथ बातचीत हुई है। पहले चरण में उन्होंने स्टडी करने और कुछ मॉडल विकसित करने की बात कही है। इस पर हफ्ते भर के अंदर कार्य शुरू होने की उम्मीद है। - अर्चना सिंह, एडीसीपी ट्रैफिक
कई चौराहों का स्वरूप भी बदलने की तैयारी है। यह कार्य नगर निगम, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभागों के साथ मिलकर किया जाएगा। आईआईटी के विशेषज्ञ टीम बनाकर चौराहों की खामियों को देखेंगे। उसको एक गोल बनाया जा सकता है या तिकोना इस पर अध्ययन होगा। इस काम में ड्रोन, गूगल मैपिंग और अन्य संसाधनों का प्रयोग किया जाएगा।
रोड सेफ्टी को लेकर बड़े स्तर पर कार्य होने जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस के साथ ही शहर के प्रमुख चौराहों पर कार्य किया जाएगा। इसमें सिग्नलिंग, इंजीनियरिंग डिफॉल्ट, गलत दिशा से वाहनों के संचालन को रोका जाएगा। - प्रो. प्रणमेश चक्रवर्ती, सिविल इंजीनियरिंग आईआईटी
आईआईटी के विशेषज्ञों के साथ बातचीत हुई है। पहले चरण में उन्होंने स्टडी करने और कुछ मॉडल विकसित करने की बात कही है। इस पर हफ्ते भर के अंदर कार्य शुरू होने की उम्मीद है। - अर्चना सिंह, एडीसीपी ट्रैफिक