UP: हृदय रोग संस्थान में धड़क रहा था आतंकी दिल, ATS को डॉ. आरिफ दे रहा था गोलमोल जवाब, लैपटॉप-मोबाइल डाटा जब्त
Kanpur News: एटीएस ने हृदय रोग संस्थान के कार्डियोलॉजी छात्र डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर को हिरासत में लिया और पूछताछ के लिए दिल्ली ले गए। वहीं, पुलिस ने उनके फ्लैट पर छापेमारी कर साक्ष्य जुटाए हैं।
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फरीदाबाद विस्फोटक और दिल्ली बम धमाके के मामले में जैश ए मोहम्मद की कथित कमांडर डॉ. शाहीन सिद्दीकी के कनेक्शन सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश एटीएस ने कानपुर में एक बड़ी कार्रवाई की है। हृदय रोग संस्थान में डीएम कार्डियोलॉजी के प्रथम वर्ष में पढ़ रहे डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर को एटीएस ने बुधवार सुबह हिरासत में लिया।
जांच एजेंसियों को शक है कि डॉ. आरिफ का सीधा संबंध डॉ. शाहीन के जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े नेटवर्क से हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, डॉ. आरिफ पूछताछ में लगातार गोलमोल जवाब दे रहे थे, जिसके बाद एटीएस की टीम उन्हें दिल्ली लेकर चली गई। अब उन्हें दिल्ली ब्लास्ट केस में पकड़े गए अन्य आरोपियों के आमने-सामने बैठाकर गहन पूछताछ की जाएगी।
प्रोफेसर बोले: दूसरी काउंसलिंग में चुना था कानपुर
हृदय रोग संस्थान में डॉ. आरिफ के प्रोफेसर डॉ. अवधेश कुमार शर्मा ने पुष्टि की कि डॉ. आरिफ उनके संस्थान में तीन वर्षीय डीएम कार्डियोलॉजी कोर्स के प्रथम वर्ष के छात्र थे। प्रोफेसर डॉ. अवधेश कुमार शर्मा ने बताया कि यह कोर्स तीन वर्ष का होता है। आरिफ जम्मू-कश्मीर के खगूर सदीवारा के रहने वाले हैं। पहले उन्हें एसजीपीजीआई लखनऊ में तैनाती मिली थी, लेकिन दूसरी काउंसलिंग में उन्होंने कानपुर चुना।
लोकेशन और साक्ष्य जुटाए
डॉ. आरिफ कानपुर के अशोक नगर, फातिमा अस्पताल के पास एक फ्लैट में किराए पर रह रहे थे। गुरुवार सुबह पुलिस और अन्य एजेंसियों ने यहां छापेमारी कर साक्ष्य जुटाए। मकान मालिक कन्हैया ने बताया कि एटीएस की टीम बुधवार सुबह उनके घर आई और आरिफ के कमरे की तलाशी ली। मकान मालिक कन्हैया ने कहा कि मैंने मकान देने से पहले उनकी आईडी चेक की थी जो जम्मू-कश्मीर की थी।
ज्यादातर अपने कमरे में रहते और पढ़ाई करते
डॉक्टर होने के नाते मैंने कमरा किराये पर दे दिया था। एटीएस टीम आई और कमरे की तलाशी लेकर लैपटॉप का डेटा अपने साथ ले गई। डॉ. आरिफ के बगल के कमरे में रहने वाले साथी डॉक्टर डॉ. अभिषेक ने बताया कि वो ज्यादातर अपने कमरे में रहते, पढ़ाई करते और अस्पताल चले जाते थे। फिलहाल, एटीएस और एनआईए की टीमें कानपुर में डेरा डाले हुए हैं और डॉ. शाहीन से जुड़े आतंकी नेटवर्क की कड़ियाँ जोड़ने की कोशिशें लगातार जारी हैं।