UP: विधायकी में अगल-बगल बैठे…जेल में नहीं मिला साथ, बैरक-एक में छोटे सिंह और सामान्य में साथी अजय सिंह
Orai News: सगे भाइयों की हत्या में आजीवन कारावास की सजा होने के बाद जेल में बंद पूर्व विधायक फैसले के एक दिन पहले ही उरई पहुंच गया था। वहीं से उसने पुलिस को चकमा देने का पूरा प्लान तैयार किया था। इसके बाद वह वकील की वेशभूषा में न्यायालय परिसर में दाखिल हो गया था।

विस्तार
उरई में 2007 के चुनाव में बसपा के टिकट पर जीत हासिल कर विधायक बने छोटे सिंह चौहान और इसी पार्टी में अजय सिंह उर्फ पंकज कभी अगल-बगल बैठते थे, पर जेल में इनकी जोड़ी टूट गई है। प्रधान और उसके भाई की हत्या में उम्रकैद काटने जिला जेल पहुंचे छोटे सिंह को बैरक नंबर एक में रखा गया है। वहीं, स्कूल कर्मचारी की हत्या के आरोप में अजय सिंह सामान्य बैरक में बंद हैं। पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान को गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुना दी गई।

फैसला आते ही पुलिस ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद सीओ व कई थानों के फोर्स के साथ उन्हें जिला कारागार में ले जाया गया। यहां उन्हें बैरक नंबर एक में रखा गया है। सूत्रों की माने तो रात में उन्होंने चार बार पानी पीने की इच्छा जताई। उनका पूरा शरीर पसीना-पसीना हो रहा था। उन्होंने रात में थोड़ा खाना खाया और इसके बाद आंख बंदकर लेट गए। सुबह भी उन्होंने नाश्ता किया। इसके बाद दोपहर में खाना खाया है।
एक आरोपी जेल से छूटने के बाद से ही हो गया था फरार
चुर्खी थाना क्षेत्र के बिनौरा गांव में दो लोगों की हत्या के मामले में आरोपी बनाए गए सिहारी दाउदपुर गांव निवासी बच्चा सिंह जेल से छूटने के बाद फरार हो गया था। वह लगातार 27 वर्षो से फरार है। उसकी पुलिस ने कई बार खोजबीन की। लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला। इस पर वर्ष 2019 में उसके घर की कुर्की भी की गई। लेकिन उसके बाद भी वह नहीं लौटा।
आत्मसमर्पण के एक दिन पहले ही उरई आ गया था पूर्व विधायक छोटे सिंह
सगे भाइयों की हत्या में आजीवन कारावास की सजा होने के बाद जेल में बंद पूर्व विधायक फैसले के एक दिन पहले ही उरई पहुंच गया था। वहीं से उसने पुलिस को चकमा देने का पूरा प्लान तैयार किया था। इसके बाद वह वकील की वेशभूषा में न्यायालय परिसर में दाखिल हो गया था। फिलहाल गुरुवार को उसे कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया है। चुर्खी थाना क्षेत्र के बिनौरा बैध गांव में 30 मई 1994 को प्रधानी चुनाव की रंजिश व वर्चस्व को लेकर गांव के ही पूर्व प्रधान राजकुमार उर्फ राजाभइया व जगदीश शरण की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी।
पुलिस से बचने के लिए चुनी वकील की वेशभूषा
मृतकों के भाई राम कुमार ने गांव के ही रुद्रपाल सिंह उर्फ लल्ले गुर्जर, राजा सिंह, संतावन सिंह गुर्जर, करन सिंह उर्फ कल्ले व दो अज्ञात लोगों पर हत्या करने का आरोप लगाया था। विवेचना में दोहरे हत्या कांड में छोटे सिंह व अखिलेश कृष्ण मुरारी, बच्चा सिंह, छुन्ना सिंह के नाम शामिल किए गए थे। गुरुवार को छोटे सिंह को सजा सुनाई जानी थी। सूत्रों की मानें, तो उसे अंदेशा हो गया था कि अब वह बच नहीं पाएगा। इस वजह से वह बुधवार की रात प्राइवेट गाड़ी से उरई पहुंच गया था। रात को ही उसने सोशल मीडिया पर लोगों से न्यायालय के बाहर पहुंचने की अपील की थी।
कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई
इसके बाद पुलिस को कैसे चकमा दिया जाए, तो उसके साथियों ने उसे काला कोट व सिर में कैप व काला चश्मा लगाकर न्यायालय के अंदर दाखिल करवा दिया था। उसने अपने साथियों से कहा था कि वह पुलिस के द्वारा न्यायालय नहीं जाना चाहता है। वह स्वेच्छा से न्यायालय में हाजिर होगा। इसके बाद जो भी निर्णय होगा। उसे वह मान लेगा। वह कुछ देर के लिए न्यायालय के बाहर दुकान पर भी खड़ा रहा था, लेकिन कोई उसे पहचान नहीं पाया था। गुरुवार को पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।