UP: अपनों से हारी पुलिस…तीन डीएसपी से जवाब न ले पाई, दूसरे नोटिस के बाद भी नहीं आए बयान देने, जानें पूरा मामला
Kanpur News: पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी के पास आई शिकायतों में पुलिसकर्मियों व सरकारी कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर अखिलेश दुबे के लिए कार्य करने का आरोप हैं। एसआईटी ने उनको भी बयान के लिए बुलाया है।

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कानपुर में एसआईटी के दूसरे नोटिस के दस दिन बाद भी तीनों में से एक भी डिप्टी एसपी और इंस्पेक्टर बयान देने के लिए हाजिर नहीं हुए हैं। हालांकि केडीए के पूर्व कर्मचारी महेंद्र सोलंकी और वर्तमान कर्मचारी कश्यपकांत दुबे शुक्रवार को अपना बयान दे चुके हैं।

अधिवक्ता अखिलेश दुबे व उसके साथियों से संबंध रखने और जमीन के मामलों में सांठगांठ करने के आरोप में एसआईटी ने तीन डिप्टी एसपी ऋषिकांत शुक्ला, विकास कुमार पांडेय, संतोष कुमार सिंह, इंस्पेक्टर आशीष कुमार द्विवेदी और केडीए के कर्मचारी कश्यपकांत दुबे व महेंद्र सोलंकी को नोटिस जारी किए थे।
पुलिसकर्मियों से आरोप पत्र मांगा है
अगस्त में जारी पहले नोटिस में कोई भी हाजिर नहीं हुआ। तीन सितंबर को दूसरा नोटिस जारी हुआ। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दो डिप्टी एसपी ने नोटिस लेकर जाने वाले पुलिसकर्मियों से आरोप पत्र मांगा है। कमिश्नरी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि बयान से बचने के लिए डिप्टी एसपी पुलिस मुख्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों पर लिया जाएगा अग्रिम निर्णय
इंस्पेक्टर आशीष कुमार द्विवेदी के बारे में जानकारी नहीं है। एसआईटी के प्रभारी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि अभी बयान के लिए डिप्टी एसपी के पास समय है। एसआईटी उनका इंतजार कर रही है। आगे का निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों पर लिया जाएगा।
कुछ और पुलिसकर्मियों व कर्मचारियों को बुलाया
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी के पास आई शिकायतों में पुलिसकर्मियों व सरकारी कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर अखिलेश दुबे के लिए कार्य करने का आरोप हैं। एसआईटी ने उनको भी बयान के लिए बुलाया है। सूत्र बताते हैं कि कुछ तो गिरफ्तारी के डर से बयान देने से परहेज कर रहे हैं। पूर्व में पुलिस कई लोगों को बयान देने के नाम पर पूछताछ कर जेल भेज चुकी है।