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कानपुर क्रिस्टल प्लाजा विवाद: केडीए ने रद्द किया दुकानों का आवंटन, आवंटी रेरा में अड़ी…नौ% ब्याज भी नामंजूर

आदर्श त्रिपाठी, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Sun, 14 Sep 2025 06:11 AM IST
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सार

Kanpur News: केडीए के क्रिस्टल प्लाजा की दुकानों का आवंटन रद्द होने से विवाद गहरा गया है, जहां एक आवंटी ने कब्जा न मिलने पर रेरा में शिकायत की है। केडीए द्वारा 9% ब्याज का प्रस्ताव भी आवंटी ने ठुकरा दिया है, क्योंकि उसने बैंक से ऊंची दर पर लोन लिया था।

Kanpur Crystal Plaza dispute KDA cancels allotment of shops allottees are adamant in RERA 9% interest rejected
क्रिस्टल प्लाजा - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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Kanpur Crystal Plaza Dispute: केडीए ने परेड चौराहे पर करीब 59 करोड़ की लागत से नौ साल पहले पांच मंजिला क्रिस्टल मल्टीलेवल पार्किंग के साथ कामर्शियल प्लाजा बनाया था। इतने वर्षों में केडीए का कामर्शियल प्रोजेक्ट, तो साकार न हो पाया और अब रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट (रेरा) का पेच और फंस गया है। कामर्शियल प्लाजा में दुकान (कियोस्क) बुक कराने वाली आवंटी ने केडीए के खिलाफ रेरा अथॉरिटी में शिकायत दर्ज कराई है।

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इसके बाद आवंटियों को 6 से 7 सात फीसदी सालाना साधारण ब्याज के साथ जमा धनराशि वापस करने वाला केडीए बैकफुट पर आ गया है। केडीए ने पहली बार प्रोजेक्ट की दुकानों का आवंटन रद्द होने की बात स्वीकारते हुए शिकायत दर्ज कराने वाली आवंटी को नौ फीसदी ब्याज का ऑफर दिया गया है। हालांकि आवंटी ने इसे लेने से इन्कार कर दिया है। ई-ब्लाक, पनकी निवासी रिचा बाजपेई ने 28 अक्तूबर 2016 को केडीए क्रिस्टल के व्यावसायिक प्रोजेक्ट में चार वर्गमीटर का एक कियोस्क बुक कराया था।

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जल्द आवंटन की बात कहकर टहलाया
इसके लिए उन्होंने 1.40 लाख रुपये केडीए में जमा किए। पंजीकरण की शर्तों में केडीए को दो साल यानी 2018 में कियोस्क का आवंटन करना था। रिचा ने कियोस्क की कुल कीमत 15,88,143 रुपये का भुगतान केडीए में कर दिया। रिचा ने बताया कि 2018 के बाद से ही वह कियोस्क के आवंटन के लिए केडीए के चक्कर काटती रहीं। उन्हें जल्द आवंटन की बात कहकर टहलाया जाता रहा। करीब तीन साल बाद केडीए के अधिकारियों ने आवंटन रद्द होने की बात कहनी शुरू कर दी।

रेरा अथॉरिटी में केडीए की शिकायत दर्ज कराई
जब केडीए जाती थी, वहां के अधिकारी मौखिक रूप से 6 फीसदी साधारण ब्याज लेकर जमा रकम वापस लेने के बात कहते थे। बैंक से लोन लेकर कियोस्क के लिए पैसा केडीए में जमा किया था। कामर्शियल प्रोजेक्ट होने के कारण बैंक से 14-15 फीसदी पर लोन मिला। बैंक से कम ब्याज पर रुपये वापस लेने से इन्कार कर दिया। आखिर में हारकर 27 अप्रैल 2025 को रेरा एक्सपर्ट अधिवक्ता दीपक द्विवेदी के जरिए रेरा अथॉरिटी में केडीए की शिकायत दर्ज कराई।

रेरा एक्ट एक मई 2016 से लागू हुआ
शिकायत के बाद अभी दो सितंबर को पहली बार केडीए ने लिखित रूप से प्रोजेक्ट में बनीं दुकानों का आवंटन निरस्त होने और 9 फीसदी सालाना साधारण ब्याज देने का पत्र केडीए के विक्रय जोन-1 के विशेष कार्याधिकारी ने भेजा है। मैंने दुकान का कब्जा और करीब सात साल के जमा धनराशि के ब्याज की मांग की है। इस संबंध में दीपक द्विवेदी ने बताया कि केडीए ने अक्तूबर 2016 में कि्रस्टल परियोजना लांच की थी। रेरा एक्ट एक मई 2016 से लागू हुआ है।

जमा धनराशि के ब्याज का भुगतान देना होगा
एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक जारी (ऑनगोइंग) का प्रोजेक्ट भी रेरा में पंजीकरण अनिवार्य है] लेकिन केडीए ने इस प्रोजेक्ट को रेरा में पंजीकृत नहीं कराया। यह एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है। केडीए का प्रोजेक्ट बनकर खड़ा है इसके बावजूद आवंटी को कब्जा न देना प्राधिकरण की विफलता है। आवंटी ने करीब 15 फीसदी की दर से बैंक से लोन ले रखा है ऐसे में वह सिर्फ नौ फीसदी साधारण ब्याज क्यों स्वीकार करें। प्रोजेक्ट के प्रमोटर के रूप में केडीए को आवंटी को दुकान (कियोस्क) का कब्जा और आवंटन में करीब सात वर्ष की देरी होने पर जमा धनराशि के ब्याज का भुगतान देना होगा।

हर जतन बेकार, क्रिस्टल बना सफेद हाथी
2018 में बनकर तैयार हुए इस प्रोजेक्ट के कामर्शियल प्लाजा के अंतर्गत लोअर ग्राउंड, भूतल और पहली मंजिल पर करीब 87 दुकानें और 32 कियाेस्क व दूसरी मंजिल पर 7 कैफे बनाए गए हैं। कीमतें अधिक होने के कारण इन्हें बेचने में केडीए अधिकारियों को सफलता नहीं मिली। इसके बाद केडीए ने मंजिल (तल) के आधार पर इसे बेचने की कवायद की। इसमें भी सफलता नहीं मिली।

अधिकतर आवंटी वापस ले चुके हैं जमा धनराशि
इसके बाद कमिश्नरेट पुलिस ने इसे मुख्यालय बनाने के लिए चिह्नित किया तो केडीए ने राहत महसूस की। हालांकि यह प्रस्ताव भी परवान न चढ़ सका। अब इसे एकमुश्त बेचने की कवायद जारी है। इसमें खरीदार को जरूरत के मुताबिक इमारत में बदलाव करने की सुविधा देने की बात कही जा रही है। वहीं 2016 में दुकानें, कियोस्क बुक कराने वाले अधिकतर आवंटी जमा धनराशि वापस ले चुके हैं।

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