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यूपी: भीतरगांव में पार्वो वायरस का हमला, आठ कुत्तों की मौत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, घाटमपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 25 Feb 2021 03:12 PM IST
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मृत कुत्ते के शव की जांच करते पशुचिकित्सक डॉ. सर्वेन्द्र सचान
- फोटो : अमर उजाला
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घाटमपुर के भीतरगांव विकास खंड क्षेत्र में सैकड़ों परिंदों के मरने के बाद अब पार्वो संक्रमण से कुत्तों के मरने का मामला सामने आया है। मौसम बदलने से घरेलू कुत्ते पार्वो वायरस की चपेट में आ रहे हैं। बिरहर गांव के मजरा क्योंटरा गांव में इस बीमारी की चपेट में आकर चार दिन में आठ कुत्तों की मौत हो चुकी है।
पशु चिकित्सक डॉ. सर्वेंद्र सचान ने बताया कि भीतरगांव विकास खंड क्षेत्र के रिंद नदी किनारे बसे क्योंटरा गांव में लगातार कुत्तों के मरने की सूचना मिल रही थी। बुधवार को गांव जाकर ग्रामीणों से बात कर कुत्तों के मरने की जानकारी ली गयी। उच्च अधिकारियों के आदेश पर दो मृत कुत्तों का पोस्टमार्टम किया गया।
दोनों मृत कुत्तों की आंत में संक्रमण पाया गया है। आंत सड़ने से पेट के अंदर खून की मात्रा मिली। मरने से पहले कई कुत्तों ने खून की उल्टियां भी की थीं। डॉ. सचान के मुताबिक पार्वो वायरस से बड़े जानवरों को कोई खतरा नहीं है, लेकिन छोटे जानवरों के लिए यह वायरस गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। कुत्तों को खून की उल्टी होना शुरू होती हैं और मौत हो जाती है। बताया कि केवल क्योंटरा गांव में बीते चार दिन में आठ कुत्तों की मौत हुयी है।
क्या है पार्वो वायरस
कुत्तों में होने वाली बीमारियों में पार्वो वायरस बेहद घातक है। यह एक वायरल बीमारी है और समय पर उपचार न मिलने से कुत्तों की मौत तक हो जाती है। वायरस से कुत्तों को बचाने के लिए तीन टीके लगाए जाते हैं। इनमें पहला टीका पिल्ले को डेढ़ महीने की उम्र में, दूसरा ढाई और तीसरा टीका साढ़े तीन महीने की उम्र में लगाया जाता है। पार्वो वायरस से प्रभावित कुत्ते की आंतों में गंभीर संक्रमण हो जाता है।
बोले जिम्मेदार
इस वायरस से संक्रमित कुत्तों के व्यवहार में अचानक बदलाव आता है। पार्वो वायरस से प्रभावित कुत्ता खांसने लगता है। छींकें आती हैं, कुत्ता भोजन नहीं करता। पानी नहीं पीता और उसकी नाक में सूखापन आ जाता है। इससे आंतों में संक्रमण हो जाता है। जिस कारण कुत्ते को खूनी उल्टी-दस्त होने लगते हैं। और उनकी मौत हो जाती है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। वैक्सीनेसन से उपचार संभव है। इसलिए समय पर अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण जरूर करवाएं।- डॉ. ओपी वर्मा, पशु चिकित्साधीक्षक, राजकीय पशु चिकित्सालय भीतरगांव
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पशु चिकित्सक डॉ. सर्वेंद्र सचान ने बताया कि भीतरगांव विकास खंड क्षेत्र के रिंद नदी किनारे बसे क्योंटरा गांव में लगातार कुत्तों के मरने की सूचना मिल रही थी। बुधवार को गांव जाकर ग्रामीणों से बात कर कुत्तों के मरने की जानकारी ली गयी। उच्च अधिकारियों के आदेश पर दो मृत कुत्तों का पोस्टमार्टम किया गया।
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दोनों मृत कुत्तों की आंत में संक्रमण पाया गया है। आंत सड़ने से पेट के अंदर खून की मात्रा मिली। मरने से पहले कई कुत्तों ने खून की उल्टियां भी की थीं। डॉ. सचान के मुताबिक पार्वो वायरस से बड़े जानवरों को कोई खतरा नहीं है, लेकिन छोटे जानवरों के लिए यह वायरस गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। कुत्तों को खून की उल्टी होना शुरू होती हैं और मौत हो जाती है। बताया कि केवल क्योंटरा गांव में बीते चार दिन में आठ कुत्तों की मौत हुयी है।
क्या है पार्वो वायरस
कुत्तों में होने वाली बीमारियों में पार्वो वायरस बेहद घातक है। यह एक वायरल बीमारी है और समय पर उपचार न मिलने से कुत्तों की मौत तक हो जाती है। वायरस से कुत्तों को बचाने के लिए तीन टीके लगाए जाते हैं। इनमें पहला टीका पिल्ले को डेढ़ महीने की उम्र में, दूसरा ढाई और तीसरा टीका साढ़े तीन महीने की उम्र में लगाया जाता है। पार्वो वायरस से प्रभावित कुत्ते की आंतों में गंभीर संक्रमण हो जाता है।
बोले जिम्मेदार
इस वायरस से संक्रमित कुत्तों के व्यवहार में अचानक बदलाव आता है। पार्वो वायरस से प्रभावित कुत्ता खांसने लगता है। छींकें आती हैं, कुत्ता भोजन नहीं करता। पानी नहीं पीता और उसकी नाक में सूखापन आ जाता है। इससे आंतों में संक्रमण हो जाता है। जिस कारण कुत्ते को खूनी उल्टी-दस्त होने लगते हैं। और उनकी मौत हो जाती है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। वैक्सीनेसन से उपचार संभव है। इसलिए समय पर अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण जरूर करवाएं।- डॉ. ओपी वर्मा, पशु चिकित्साधीक्षक, राजकीय पशु चिकित्सालय भीतरगांव
