पाइपलाइन घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने की सिफारिश: जल निगम के 24 अफसरों पर दर्ज हुई थी एफआईआर


फिलहाल, जल निगम के 24 अफसरों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद फजलगंज पुलिस ने अपने स्तर से तफ्तीश शुरू कर दी है। जल निगम के परियोजना प्रबंधक शमीम अख्तर की ओर से शनिवार को दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, योजना के पहले चरण में कंपनी बाग से जूही गोशाला और फूलबाग तक मुख्य पाइपलाइन बिछाई गई थी।
इस काम में ठेकेदार और अफसरों की मिलीभगत से इस कदर भ्रष्टाचार हुआ कि पाइपलाइन आए दिन फटती रहती है। रिपोर्ट के मुताबिक, योजना में करीब पचास करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। घोटाले की रकम बड़ी होने से जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर की जा रही है। इसके लिए पुलिस अफसर शासन को पत्र भेज रहे हैं। इस बीच पुलिस की जांच चलती रहेगी। मामला ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर होने पर पुलिस जुटाए गए साक्ष्य उसे सौंप देगी।
बढ़ सकती है घोटाले की रकम
योजना के पहले चरण में 450 करोड़ रुपये की लागत से पाइपलाइन बिछाई गई थी। हालांकि, एफआईआर में 50 करोड़ रुपये के घोटाले का ही आरोप है। इस योजना से जलापूर्ति शुरू होने के बाद जिस तरह आए दिन पाइप लाइन फट रही है, उससे माना जा रहा है कि घोटाले की रकम बढ़ेगी। संभव है कि ईओडब्ल्यू की जांच में इसका खुलासा हो।
पाइपलाइन घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने के लिए शासन को पत्र भेजा जा रहा है। मंजूरी मिलते ही जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर हो जाएगी। तब तक फजलगंज पुलिस जांच कर रही है। शासन की मंजूरी नहीं मिलती है तो पुलिस की विवेचना जारी रहेगी।
असीम अरुण, पुलिस कमिश्नर