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Kanpur News: आरती डिस्टलरी समेत चार कंपनियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम में रिपोर्ट
संवाद न्यूज एजेंसी, कानपुर
Updated Thu, 20 Nov 2025 01:50 AM IST
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कानपुर देहात। रनियां स्थित आरती डिस्टलरी व एक अन्य कंपनी से लिया गया टेक्निकल ग्रेड यूरिया नमूना जांच में अधोमानक पाया गया। नमूने में ऑयल कंटेंट (तेल के अंश) मिले जो अनुदानित यूरिया में पाया जाता है। डीएम के अनुमोदन पर बुधवार को जिला कृषि अधिकारी ने आरती डिस्टलरी, टेक्निकल ग्रेड यूरिया आपूर्तिकर्ता दिल्ली की दो फर्म व एक अन्य के खिलाफ रनियां थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
फैक्टरियों में अनुदानित यूरिया के प्रयोग पर रोक है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि शासन के निर्देश पर संयुक्त टीमों ने 9 जून 2025 को रनियां की फैक्टरियों में छापेमारी की थी। चिरौरा रनियां स्थित आरती डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड में 151 बोरी टेक्निकल ग्रेड यूरिया स्टॉक मिला था। एक नमूना लिया गया था। वहीं 11 अगस्त 2025 को रनियां स्थित दूसरी फैक्टरी में हुई छापेमारी में 594 बोरी टेक्निकल ग्रेड यूरिया स्टॉक मिला। इससे एक नमूना लिया गया था। प्रयोगशाला जांच में टेक्निकल ग्रेड यूरिया के दोनों नमूनों में ऑयल कंटेंट मिला। इस पर नमूना अधोमानक घोषित किया गया।
ऑयल कंटेंट कृषि उपज के लिए प्रयोग होने वाली अनुदानित यूरिया में पाया जाता है। इस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए डीएम से अनुमोदन लिया गया। जिला कृषि अधिकारी डॉ. उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि रनियां स्थित आरती डिस्टलरी एवं यहां अधोमानक मिली टेक्निकल यूरिया की आपूर्तिकर्ता दिल्ली के रोहिणी स्थित श्रीजी केमिकल्स की प्रोप्राइटर सुनीता जिंदल और आपूर्तिकर्ता फर्म दिल्ली के प्रीतमपुरा कृष्ण सेल्स कारपोरेशन के प्रोप्राइटर भूदत्त शर्मा के अलावा रनियां की एक अन्य कंपनी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
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नियमों में फंस गई बी नमूना जांच की मांग
दोनों फैक्टरियों से लिए गए टेक्निकल ग्रेड यूरिया के नमूने जांच में अधोमानक पाए गए तो बी नमूना जांच के लिए कंपनियों ने आवेदन किया। मगर कृषि विभाग से लाइसेंसी न होने पर इन्हें इसकी अनुमति कृषि अधिकारियों ने नहीं दी। फैक्टरी प्रबंधक ने हाईकोर्ट तक की दौड़ लगाई मगर नतीजा सिफर रहा। जानकारों का कहना है कि टेक्निकल ग्रेड यूरिया के बैग में अनुदानित यूरिया भरने का मामला है।
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फैक्टरियों में अनुदानित यूरिया के प्रयोग पर रोक है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि शासन के निर्देश पर संयुक्त टीमों ने 9 जून 2025 को रनियां की फैक्टरियों में छापेमारी की थी। चिरौरा रनियां स्थित आरती डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड में 151 बोरी टेक्निकल ग्रेड यूरिया स्टॉक मिला था। एक नमूना लिया गया था। वहीं 11 अगस्त 2025 को रनियां स्थित दूसरी फैक्टरी में हुई छापेमारी में 594 बोरी टेक्निकल ग्रेड यूरिया स्टॉक मिला। इससे एक नमूना लिया गया था। प्रयोगशाला जांच में टेक्निकल ग्रेड यूरिया के दोनों नमूनों में ऑयल कंटेंट मिला। इस पर नमूना अधोमानक घोषित किया गया।
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ऑयल कंटेंट कृषि उपज के लिए प्रयोग होने वाली अनुदानित यूरिया में पाया जाता है। इस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए डीएम से अनुमोदन लिया गया। जिला कृषि अधिकारी डॉ. उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि रनियां स्थित आरती डिस्टलरी एवं यहां अधोमानक मिली टेक्निकल यूरिया की आपूर्तिकर्ता दिल्ली के रोहिणी स्थित श्रीजी केमिकल्स की प्रोप्राइटर सुनीता जिंदल और आपूर्तिकर्ता फर्म दिल्ली के प्रीतमपुरा कृष्ण सेल्स कारपोरेशन के प्रोप्राइटर भूदत्त शर्मा के अलावा रनियां की एक अन्य कंपनी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
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नियमों में फंस गई बी नमूना जांच की मांग
दोनों फैक्टरियों से लिए गए टेक्निकल ग्रेड यूरिया के नमूने जांच में अधोमानक पाए गए तो बी नमूना जांच के लिए कंपनियों ने आवेदन किया। मगर कृषि विभाग से लाइसेंसी न होने पर इन्हें इसकी अनुमति कृषि अधिकारियों ने नहीं दी। फैक्टरी प्रबंधक ने हाईकोर्ट तक की दौड़ लगाई मगर नतीजा सिफर रहा। जानकारों का कहना है कि टेक्निकल ग्रेड यूरिया के बैग में अनुदानित यूरिया भरने का मामला है।