Kanpur: नहर का पानी बचाने की कवायद, पावर हाउस में इस्तेमाल होगा सीवेज का पानी, ऐसे मिलेगा करोड़ों लीटर पानी
Kanpur News: पनकी पावर हाउस में पहले लोअर गंगा केनाल से रोज करोड़ों लीटर पानी लिया जाता था। अब निर्माण की वजह से ढाई साल से प्लांट बंद है। इसमें इस्तेमाल होने वाले नहर के पानी को बचाने के लिए सीवेज के शोधित पानी के उपयोग का फैसला 2018 में लिया गया था।

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कानपुर में सिंचाई और पीने के लिए उपयोग होने वाले नहर के पानी को बचाने के लिए नए बने पनकी पावर प्लांट में अब सीवेज के पानी का उपयोग किया जाएगा। प्लांट में पानी का इस्तेमाल कोयले को ठंडा करने के लिए किया जाता है। रोजाना चार करोड़ लीटर सीवेज का पानी बिनगवां में बने टर्सरी ट्रीटमेंट प्लांट (टीटीपी) से लिया जाएगा।

इसके लिए टीटीपी से पावर हाउस तक 18 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन भी बिछा दी गई है। इसी महीने बिजली का कनेक्शन मिलने के साथ ही टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। मई से नियमित पानी लिया जाने लगेगा। जल निगम (शहरी) ने बिनगवां स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में टर्सरी ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण 2019 में शुरू कराया था।
लेकिन सिंचाई विभाग की एनओसी न मिलने के कारण दो साल पहले काम रुक गया था। अमर उजाला में मामला प्रकाशित होने के बाद पिछले साल दिसंबर में सिंचाई विभाग ने लोअर गंगा केनाल पर पाइपलाइन बिछाने के लिए एनओसी दी। अब निर्माण पूरा हुआ है। 189 करोड़ से यह निर्माण स्वेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने पूरा किया है।
300 मीटर दूर तक केबल अभी नहीं बिछ पाया
टीटीपी से पनकी पावर हाउस तक 700 मिलीमीटर ब्यास की पाइपलाइन भी बिछाई है। जल निगम ने प्लांट में पावर विद्युत कनेक्शन के लिए केस्को में दो महीने पहले आवेदन किया था। वहां ट्रांसफार्मर लग गए हैं, पर करीब 300 मीटर दूर तक विद्युत केबल अभी नहीं बिछ पाया है। केस्को ने इसी माह के अंतिम सप्ताह में कनेक्शन देने का आश्वासन दिया है।
पहले लोअर गंगा केनाल से लिया जाता था पानी
पनकी पावर हाउस में पहले लोअर गंगा केनाल से रोज करोड़ों लीटर पानी लिया जाता था। अब निर्माण की वजह से ढाई साल से प्लांट बंद है। इसमें इस्तेमाल होने वाले नहर के पानी को बचाने के लिए सीवेज के शोधित पानी के उपयोग का फैसला 2018 में लिया गया था। इस प्लांट के निर्माण के लिए धन भी पावर हाउस ने ही दिया है। पुराने पावर हाउस की जगह अब आधुनिक प्लांट बन गया है, जिसका ट्रायल भी शुरू हो गया है।
इस्तेमाल के बाद पानी आरओ वॉटर के पानी की तरह शुद्धता का दावा
जल निगम (शहरी) के अवर अभियंता राघवेंद्र सेन का दावा है कि टीटीपी में सीवेज को शोधित करते हुए उस तरह का पानी अलग किया जाएगा, जैसा आरओ वॉटर का होता है। हालांकि इस पानी में मिनरल्स की कमी रहेगी। यदि इसमें मिनरल्स मिला दिए जाएं, तो पानी पीने योग्य भी हो जाएगा। फिलहाल इस पानी का प्लांट में ही उपयोग किया जाएगा।
बिनगवां में टर्सरी ट्रीटमेंट प्लांट और वहां से पनकी पावर हाउस तक पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है। इसी माह विद्युत कनेक्शन मिलते ही टेस्टिंग और मई से पनकी पावर हाउस को रोज सीवेज के चार करोड़ लीटर शोधित पानी की आपूर्ति शुरू की जाएगी। -विशाल सिंह, अधिशासी अभियंता, जल निगम (शहरी)