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दोआबा में धूमधाम से मनाया गया ईद-मिलादुन्नबी
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Eid-Miladunnabi celebrated with pomp in Doaba
- फोटो : KAUSHAMBI
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मंझनपुर/करारी। मुसलमानों के आखिरी नबी हजरत मोहम्मद मुस्तफा के तारीखे विलादत पर दोआबा में जश्न-ए-ईद मिलादुननबी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रमुख कस्बों में सुबह से शाम तक जुलूस व तकरीर का दौर चलता रहा। शायर व मौलानाओं ने अपने-अपने अंदाज में हुजूर की खिदमत में नजराना-ए-अकीदत पेश की।
ईद-उल-मिलादुन्नबी (बारावफात) पर्व को लेकर अकीदतमंद पखवारे भर से तैयारी में लगे थे। इस दिन को कौमी लोग हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। मंगलवार को पर्व के मौके पर नगर पंचायत मंझनपुर में जुलूस निकाला गया। जुलूस के माध्यम से लोगों को आपसी भाईचारे व सौहर्द का संदेश दिया गया। अजुहा कस्बे में कौमी लोगों ने जुलूस निकाला। जुलूस में कस्बे के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मदरसा यादगार ए आला हजरत से जुलूस निकालकर जीटी रोड सफरीबाबा होते हुए सब्जी मंडी से वापस होकर मस्जिद के पास समाप्त हुआ। इस दौरान मो. सिराज, वसीम अहमद, मो. मेराज, फैसल हसन, शिव प्रकाश, मज्जन अली आदि मौजूद रहे। करारी का ऐतिहासिक जुलूस ए मोहम्मदी पूरी शान-ओ-शौकत के साथ निकाला गया जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। जोहर की नमाज के बाद जुलूस का शुभारंभ मोहल्ला अंसार गंज से पवित्र क़ुरआन के पाठ से हुआ। जुलूस कदीमी रास्ते से होता हुआ आजाद नगर तिराहे पर आकर थोड़ी देर के लिए रुका। यहां पर तुर्तीपुर, उखैया खास, मोलानी अगियौना आदि गांवों से जुलूस में लोग शामिल हुए। यहां पर मौलाना मेराज अहमद ने तकरीर की, उन्होंने बयान किया कि पैग़ंबर हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश से पूर्व पूरे संसार में भय और आतंक का माहौल था।
लड़कियों को उनके बाप जिंदा दफन कर देते थे। पूरी मानवता सिसक रही थी। तब अल्लाह ने अपने प्यारे रसूल को इस धरती पर भेजा और उन्होंने नबूअत मिलने के बाद जमीन पर इंसाफ, बराबरी, भाईचारा, महिलाओं की इज़्जत करना आदि लोगों को सिखाया। अल्लाह का संदेश देते हुए भय और आतंक के खात्मे के लिए लोगों को एक किया। जुलूस चमनगंज सोनारन टोला मोड़ पर रुका। यहां पर मुफ्ती हबीबुल्लाह ने तकरीर के माध्यम से जुलूस में अदब के साथ शिरकत करने की अपील की। जुलूस सोनारन टोला होता हुआ चक हिंगूई पहुंचा। वहां से मेन रोड पर होता हुआ किंग नगर स्थित सराय मस्जिद पर असर की नमाज के लिए रुका। पुन: आजा़द नगर से होता हुआ अंसारगंज पहुंचा। मग़रिब की नमाज के समय जुलूस ए मोहम्मदी का समापन हुआ। जुलूस के दौरान लोग पैगंबर की शान में कसीदे नात आदि का सामूहिक रूप से पाठ कर रहे थे। सरकार की आमद मरहबा, नार-ए-तकबीर अल्लाहुअकबर, नार-ए-रिसालत या रसूल अल्लाह, जुलूस ए मोहम्मदी जिंदाबाद आदि जैसे नारे भी लगा रहे थे। इस अवसर पर हाजी मो. इमरान, महताब उर्फ मुन्ना, खुर्शीद, शहंशाह, मुख्तार सभासद, सईद, इमरान, सैयद अली, इम्तियाज सभासद, सैयद मो. रिजवान, शहजाद आलम सानी खान, निसार खान, सईद उद्दीन टेलर, पप्पू , गुलाम सरवर, सलमान, मास्टर खुर्शीद आदि मौजूद रहे। मूरतगंज, सिराथू, सैनी, कड़ा, देवीगंज, फरीदागंज, पइंसा, शमसाबाद, पुरामुफ्ती, चायल, मनौरी, तिल्हापुर, सरायअकिल, रामपुर सुहैला आदि जगहों में भी जुलूस निकाला गया।
सरकार की आमद मरहबा के लगाए नारे
मूरतगंज। हजरत मोहम्मद साहब के पैदाइश के मौके पर मूरतगंज बाजार में अकीदतमंदों ने खुशी का इजहार किया। साथ ही उनकी शान में नातिया कलाम पढ़ते हुए सरकार की आमद मरहबा के नारे लगाए। कारी जमील अहमद कुरैशी ने पत्ती-पत्ती, फूल-फूल या रसूल या रसूल से शुरुआत कर शानदार नातिया कलाम पढ़ा। जुलूस मूरतगंज कसिया रोड सहित शेरगढ़, सैता, सकाढा, धन्नी, रसूलपुर काजी, पल्हाना, छोटी धन्नी, बलिहावा आदि गांवों से जूलूस निकाल कर जीटी रोड मूरतगंज से होते हुए एक मिनार जामा मस्जिद पहुंचकर समाप्त हुआ। इस दौरान शरीफ अहमद, मेराज अहमद, नसीम एहसानी, नफीस उल्ला, अपसार अहमद, तलत अजीम, गुड्डू राईन, इरफान राईन, मो. कैफ, सेबू, मुकीद अहमद, सनायाल अहमद, मो. शाजिद आदि मौजूद रहे।
जरूरतमंद लोगों की मदद करने का दिया संदेश
भरवारी। कस्बे के मदरसा दारुल उलूम नूरिया हसनिया व नया बाजार पानी टंकी तथा सपा के पूर्व जिला महासचिव गुलाम हुसैन के घर सहित नैय्यर रेडियो वाले की गली से जुलूसे मोहम्मदी निकाला गया। बाजार से होते हुए मदरसा दारुल उलूम नूरिया एहसनिया पहुंचा। जहां सभी जुलूस के लोग एक साथ होकर कस्बे में भ्रमण किए। इसके बाद गरीब उल्ला शाह बाबा के दरवाजे पर जुलूस खत्म हुआ। शहर काजी ने लोगों से बारावफात के मौके पर जरूरतमंद लोगों की मदद करने की बात कही। इस दौरान अफजाल अहमद, अवैसउल क़ादरी, हाजी महमूद, गुलाम हुसैन, हफिज जीशान अहमद, महबूब आलम उर्फ सज्जू, मुस्ताक अहमद अब्दुलकदिर, शादाब अहमद, आफताब अहमद सभासद, सैफी, इरशाद अहमद, मो. आशिफ आदि मौजूद रहे। वहीं कस्बे के पानी टंकी रोड़ से बारावफात का भी जूलूस निकाला गया। इस दौरान जहांगीर आलम, रिजवान, ननका, साबिर अली, मो. कयूम, जाने आलम आदि मौजूद रहे।
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ईद-उल-मिलादुन्नबी (बारावफात) पर्व को लेकर अकीदतमंद पखवारे भर से तैयारी में लगे थे। इस दिन को कौमी लोग हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। मंगलवार को पर्व के मौके पर नगर पंचायत मंझनपुर में जुलूस निकाला गया। जुलूस के माध्यम से लोगों को आपसी भाईचारे व सौहर्द का संदेश दिया गया। अजुहा कस्बे में कौमी लोगों ने जुलूस निकाला। जुलूस में कस्बे के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मदरसा यादगार ए आला हजरत से जुलूस निकालकर जीटी रोड सफरीबाबा होते हुए सब्जी मंडी से वापस होकर मस्जिद के पास समाप्त हुआ। इस दौरान मो. सिराज, वसीम अहमद, मो. मेराज, फैसल हसन, शिव प्रकाश, मज्जन अली आदि मौजूद रहे। करारी का ऐतिहासिक जुलूस ए मोहम्मदी पूरी शान-ओ-शौकत के साथ निकाला गया जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। जोहर की नमाज के बाद जुलूस का शुभारंभ मोहल्ला अंसार गंज से पवित्र क़ुरआन के पाठ से हुआ। जुलूस कदीमी रास्ते से होता हुआ आजाद नगर तिराहे पर आकर थोड़ी देर के लिए रुका। यहां पर तुर्तीपुर, उखैया खास, मोलानी अगियौना आदि गांवों से जुलूस में लोग शामिल हुए। यहां पर मौलाना मेराज अहमद ने तकरीर की, उन्होंने बयान किया कि पैग़ंबर हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश से पूर्व पूरे संसार में भय और आतंक का माहौल था।
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लड़कियों को उनके बाप जिंदा दफन कर देते थे। पूरी मानवता सिसक रही थी। तब अल्लाह ने अपने प्यारे रसूल को इस धरती पर भेजा और उन्होंने नबूअत मिलने के बाद जमीन पर इंसाफ, बराबरी, भाईचारा, महिलाओं की इज़्जत करना आदि लोगों को सिखाया। अल्लाह का संदेश देते हुए भय और आतंक के खात्मे के लिए लोगों को एक किया। जुलूस चमनगंज सोनारन टोला मोड़ पर रुका। यहां पर मुफ्ती हबीबुल्लाह ने तकरीर के माध्यम से जुलूस में अदब के साथ शिरकत करने की अपील की। जुलूस सोनारन टोला होता हुआ चक हिंगूई पहुंचा। वहां से मेन रोड पर होता हुआ किंग नगर स्थित सराय मस्जिद पर असर की नमाज के लिए रुका। पुन: आजा़द नगर से होता हुआ अंसारगंज पहुंचा। मग़रिब की नमाज के समय जुलूस ए मोहम्मदी का समापन हुआ। जुलूस के दौरान लोग पैगंबर की शान में कसीदे नात आदि का सामूहिक रूप से पाठ कर रहे थे। सरकार की आमद मरहबा, नार-ए-तकबीर अल्लाहुअकबर, नार-ए-रिसालत या रसूल अल्लाह, जुलूस ए मोहम्मदी जिंदाबाद आदि जैसे नारे भी लगा रहे थे। इस अवसर पर हाजी मो. इमरान, महताब उर्फ मुन्ना, खुर्शीद, शहंशाह, मुख्तार सभासद, सईद, इमरान, सैयद अली, इम्तियाज सभासद, सैयद मो. रिजवान, शहजाद आलम सानी खान, निसार खान, सईद उद्दीन टेलर, पप्पू , गुलाम सरवर, सलमान, मास्टर खुर्शीद आदि मौजूद रहे। मूरतगंज, सिराथू, सैनी, कड़ा, देवीगंज, फरीदागंज, पइंसा, शमसाबाद, पुरामुफ्ती, चायल, मनौरी, तिल्हापुर, सरायअकिल, रामपुर सुहैला आदि जगहों में भी जुलूस निकाला गया।
सरकार की आमद मरहबा के लगाए नारे
मूरतगंज। हजरत मोहम्मद साहब के पैदाइश के मौके पर मूरतगंज बाजार में अकीदतमंदों ने खुशी का इजहार किया। साथ ही उनकी शान में नातिया कलाम पढ़ते हुए सरकार की आमद मरहबा के नारे लगाए। कारी जमील अहमद कुरैशी ने पत्ती-पत्ती, फूल-फूल या रसूल या रसूल से शुरुआत कर शानदार नातिया कलाम पढ़ा। जुलूस मूरतगंज कसिया रोड सहित शेरगढ़, सैता, सकाढा, धन्नी, रसूलपुर काजी, पल्हाना, छोटी धन्नी, बलिहावा आदि गांवों से जूलूस निकाल कर जीटी रोड मूरतगंज से होते हुए एक मिनार जामा मस्जिद पहुंचकर समाप्त हुआ। इस दौरान शरीफ अहमद, मेराज अहमद, नसीम एहसानी, नफीस उल्ला, अपसार अहमद, तलत अजीम, गुड्डू राईन, इरफान राईन, मो. कैफ, सेबू, मुकीद अहमद, सनायाल अहमद, मो. शाजिद आदि मौजूद रहे।
जरूरतमंद लोगों की मदद करने का दिया संदेश
भरवारी। कस्बे के मदरसा दारुल उलूम नूरिया हसनिया व नया बाजार पानी टंकी तथा सपा के पूर्व जिला महासचिव गुलाम हुसैन के घर सहित नैय्यर रेडियो वाले की गली से जुलूसे मोहम्मदी निकाला गया। बाजार से होते हुए मदरसा दारुल उलूम नूरिया एहसनिया पहुंचा। जहां सभी जुलूस के लोग एक साथ होकर कस्बे में भ्रमण किए। इसके बाद गरीब उल्ला शाह बाबा के दरवाजे पर जुलूस खत्म हुआ। शहर काजी ने लोगों से बारावफात के मौके पर जरूरतमंद लोगों की मदद करने की बात कही। इस दौरान अफजाल अहमद, अवैसउल क़ादरी, हाजी महमूद, गुलाम हुसैन, हफिज जीशान अहमद, महबूब आलम उर्फ सज्जू, मुस्ताक अहमद अब्दुलकदिर, शादाब अहमद, आफताब अहमद सभासद, सैफी, इरशाद अहमद, मो. आशिफ आदि मौजूद रहे। वहीं कस्बे के पानी टंकी रोड़ से बारावफात का भी जूलूस निकाला गया। इस दौरान जहांगीर आलम, रिजवान, ननका, साबिर अली, मो. कयूम, जाने आलम आदि मौजूद रहे।

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