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Kaushambi News: सरसंवा में अलाव न कंबल, गांवों में बढ़ी ठिठुरन

संवाद न्यूज एजेंसी, कौशांबी Updated Mon, 01 Dec 2025 12:58 AM IST
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No bonfire or blanket in Saraswa, chill increases in the villages
रामनरेश कोटार्य, ग्रामीण
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सर्दी की दस्तक को पखवाड़ा बीत चुका है, तापमान लगातार गिर रहा है। जिला प्रशासन ने करीब पांच दिन पहले ही जनसामान्य को सतर्क रहने और शीतलहर से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। सरसंवा ब्लॉक क्षेत्र में प्रशासनिक इंतजाम पूरी तरह नदारद हैं। न अलाव जले, न कंबल मिले। गरीब, बेसहारा और बुजुर्ग ठिठुरन झेलने को मजबूर हैं।
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सर्दी और शीतलहर की मार तेज हो चुकी है। सुबह-शाम कड़ाके की सर्द हवा आमजन को कंपकंपा रही है, लेकिन राहत के इंतजाम फिलहाल कागजों तक ही सीमित हैं। जिला प्रशासन की तरफ से करीब पांच दिन पहले एडवाइजरी जारी करने के बावजूद सरसंवा ब्लॉक क्षेत्र के गांवों में अलाव और कंबल वितरण की कोई शुरुआत नहीं हुई है।
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महेवाघाट, सरसंवा, बैरमपुर, रानीपुर, शाहपुर, उमरांवा, अलवारा सहित पूरे ग्रामीण इलाके में एक भी आधिकारिक अलाव की व्यवस्था नजर नहीं आई। लोग सुबह धूप का इंतजार करते हैं और रात में घरों में दुबक जाते हैं। आश्रयहीन, मजदूर और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, पर प्रशासनिक मदद अब तक दूर ही हैं।

ग्रामीणों ने साफ कहा कि अलाव तो दूर, किसी गांव में एक भी कंबल तक नहीं पहुंचा। ग्रामीण भुनई, मिश्रीलाल, गायत्री और अर्जुन ने बताया कि हालात बेहद खराब हैं। ठंड बढ़ रही है और प्रशासन नदारद है। अगर गांवों में अलाव जले तो काफी राहत मिलती।
दिनेश कुमार ने कहा कि हर साल यही होता है। जब सर्दी खत्म होने लगती है तभी दो-चार लोगों को कंबल देकर फोटो खिंचाई जाती है। 60 वर्ष की उम्र बीत गई लेकिन उन्होंने कभी किसी गांव में सरकारी अलाव जलते नहीं देखा। वहीं रामनरेश कोटार्य ने कहा कि गरीबों के नाम पर सरकारी योजनाओं का शोर तो बहुत होता है, लेकिन लाभ बहुत कम लोगों तक पहुंचता है।
ग्रामीण संतोष ने बताया कि गरीबों के लिए सरकारी योजनाओं का शोर बहुत सुनाई देता है, लेकिन वास्तव में फायदा बहुत कम लोगों को ही मिलता है। सर्दी से बचाव के लिए सरकारी इंतजाम का भी यही हाल है। अब तक कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
कंबल खरीद जैम पोर्टल के माध्यम से की जा रही है और प्रक्रिया जारी है। तहसील में कंबल प्राप्त होते ही जरूरतमंदों में वितरण कराया जाएगा। अलाव के स्थान पूर्व निर्धारित हैं और ग्रामीण इलाकों में इसकी जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों तथा कस्बों में नगर पंचायतों की है। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है।- सुखलाल प्रसाद वर्मा, एसडीएम मंझनपुर

रामनरेश कोटार्य, ग्रामीण

रामनरेश कोटार्य, ग्रामीण

रामनरेश कोटार्य, ग्रामीण

रामनरेश कोटार्य, ग्रामीण

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