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Kushinagar News: एआरटीओ कार्यालय के ड्राइवर पर कसा शिकंजा, दूसरे की तलाश तेज
संवाद न्यूज एजेंसी, कुशीनगर
Updated Tue, 23 Dec 2025 01:57 AM IST
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हाटा। सेठी ढाबा टोकन प्रकरण में पुलिस की जांच ने अब तेजी पकड़ ली है। पुलिस को एक संदिग्ध हाथ लगा है, जो एआरटीओ कार्यालय में ड्राइवर था। वहीं इससे जुड़े दूसरे ड्राइवर की तलाश जारी है।
मामले में अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध व्यक्तियों के कॉल डिटेल, बैंक लेनदेन और अन्य गतिविधियों को खंगाला जा रहा है। इसी सिलसिले में कई नाम सामने आए हैं, लेकिन गोपनीयता बनाए रखने के कारण अभी इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर और संतकबीरनगर जिलों के एआरटीओ कार्यालयों और उनके सचल दल की गतिविधियों की भी जांच शुरू कर दी गई है।
इसी कड़ी में एक चालक पकड़ा गया। सेठी ढाबा टोकन प्रकरण में राज्यकर विभाग की ओर से हाटा कोतवाली में एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही एआरटीओ की सचल टीम में शामिल प्राइवेट कर्मचारी जांच से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो गए हैं। इससे पुलिस को जांच में काफी दिक्कतें आ रही हैं। फिलहाल पुलिस इन कड़ियों को जोड़कर आगे की कार्रवाई में लगी हुई है।
उपरोक्त चार जिलों के सचल दलों में शामिल कुछ प्राइवेट कर्मचारी संदिग्ध पाए गए हैं। ये वे लोग हैं जो जांच टीमों के साथ मौके पर मौजूद तो रहते थे, लेकिन इनके विभागीय संबंध औपचारिक रूप से नहीं थे। इन्हीं प्राइवेट कर्मचारियों के माध्यम से टोकन सिस्टम का प्रबंधन किया जाता था। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की जांच अगर सही दिशा में चली तो कई अफसरों की भी भूमिका संदेह के घेरे में आ सकती है, जिसके कारण अफसरों में बेचैनी का माहौल है।
पुलिस को कुशीनगर एआरटीओ कार्यालय से जुड़े दो लोगों की तलाश थी, लेकिन ये जांच शुरू होने के बाद से ही अंडरग्राउंड हो गए थे। पुलिस कई जगहों पर इनके ठिकानों पर दबिश दे रही थी। अब तक इनमें से एक ड्राइवर पुलिस के हत्थे चढ़ गया है और उससे पूछताछ जारी है।
सीओ कुंदन सिंह ने बताया कि एक ड्राइवर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पूछताछ में सामने आने वाली जानकारी के आधार पर अन्य लोगों की भूमिका की जांच आगे बढ़ेगी।
ये है मामला
हाटा क्षेत्र का सेठी ढाबा संचालक अधिकारियों से मिलकर लंबी दूरी के वाहनों चालकों को टोकन उपलब्ध कराता था। टोकन उपलब्ध वाहनों को कोई भी अधिकारी जांच नहीं करते थे। इसके आड़ में कई ऐसे वाहन भी गुजर जाते थे, जिनके पास रजिस्ट्रेशन समेत फिटनेस आदि नहीं होता था, लेकिन बीते माह हुई दुर्घटनाओं के बाद हुई जांच में अनफिट वाहनों के टोकन मिलने जानकारी अधिकारियों को हुई। जांच के दौरान एक वाहन चालक ने आरोप लगाया था कि उन्होंने टोकन नहीं लिया तो उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में क्रय अधिकारी ने हाटा कोतवाली में केस दर्ज कराया था, जिसके आधार पर ढाबा संचालक और एक अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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मामले में अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध व्यक्तियों के कॉल डिटेल, बैंक लेनदेन और अन्य गतिविधियों को खंगाला जा रहा है। इसी सिलसिले में कई नाम सामने आए हैं, लेकिन गोपनीयता बनाए रखने के कारण अभी इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर और संतकबीरनगर जिलों के एआरटीओ कार्यालयों और उनके सचल दल की गतिविधियों की भी जांच शुरू कर दी गई है।
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इसी कड़ी में एक चालक पकड़ा गया। सेठी ढाबा टोकन प्रकरण में राज्यकर विभाग की ओर से हाटा कोतवाली में एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही एआरटीओ की सचल टीम में शामिल प्राइवेट कर्मचारी जांच से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो गए हैं। इससे पुलिस को जांच में काफी दिक्कतें आ रही हैं। फिलहाल पुलिस इन कड़ियों को जोड़कर आगे की कार्रवाई में लगी हुई है।
उपरोक्त चार जिलों के सचल दलों में शामिल कुछ प्राइवेट कर्मचारी संदिग्ध पाए गए हैं। ये वे लोग हैं जो जांच टीमों के साथ मौके पर मौजूद तो रहते थे, लेकिन इनके विभागीय संबंध औपचारिक रूप से नहीं थे। इन्हीं प्राइवेट कर्मचारियों के माध्यम से टोकन सिस्टम का प्रबंधन किया जाता था। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की जांच अगर सही दिशा में चली तो कई अफसरों की भी भूमिका संदेह के घेरे में आ सकती है, जिसके कारण अफसरों में बेचैनी का माहौल है।
पुलिस को कुशीनगर एआरटीओ कार्यालय से जुड़े दो लोगों की तलाश थी, लेकिन ये जांच शुरू होने के बाद से ही अंडरग्राउंड हो गए थे। पुलिस कई जगहों पर इनके ठिकानों पर दबिश दे रही थी। अब तक इनमें से एक ड्राइवर पुलिस के हत्थे चढ़ गया है और उससे पूछताछ जारी है।
सीओ कुंदन सिंह ने बताया कि एक ड्राइवर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पूछताछ में सामने आने वाली जानकारी के आधार पर अन्य लोगों की भूमिका की जांच आगे बढ़ेगी।
ये है मामला
हाटा क्षेत्र का सेठी ढाबा संचालक अधिकारियों से मिलकर लंबी दूरी के वाहनों चालकों को टोकन उपलब्ध कराता था। टोकन उपलब्ध वाहनों को कोई भी अधिकारी जांच नहीं करते थे। इसके आड़ में कई ऐसे वाहन भी गुजर जाते थे, जिनके पास रजिस्ट्रेशन समेत फिटनेस आदि नहीं होता था, लेकिन बीते माह हुई दुर्घटनाओं के बाद हुई जांच में अनफिट वाहनों के टोकन मिलने जानकारी अधिकारियों को हुई। जांच के दौरान एक वाहन चालक ने आरोप लगाया था कि उन्होंने टोकन नहीं लिया तो उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में क्रय अधिकारी ने हाटा कोतवाली में केस दर्ज कराया था, जिसके आधार पर ढाबा संचालक और एक अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
