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Kushinagar News: अर्थी लेकर जा रहे थे शमशान घाट, जिंदा होने की उम्मीद पर पहुंच गए अस्पताल

संवाद न्यूज एजेंसी, कुशीनगर Updated Fri, 29 Sep 2023 11:06 AM IST
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सार

रामकोला सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी ने बताया कि अर्थी पर शव लेकर आए थे। पर्ची बनवाए, जिसमें नाम विकास गांव बरगहा बताया था, लेकिन पर्ची भी नहीं ले गए। नारायणी नदी के किनारे उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंत में बृहस्पतिवार को ही शाम तक गंडक नदी के पनियहा घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

They were taking the hearse to the crematorium, reached the hospital with the hope of being alive.
विकास गुप्ता, पचाठी पर लेकर  पहुंचे युवक का शव जिन्दा होने की बात। फाइल फोटोविकास गुप्ता। फाइल

विस्तार
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कुशीनगर जिले में सड़क दुर्घटना में घायल नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र के बरगहां गांव निवासी एक युवक की मौत के बाद परिजन बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे। लोगों के मुताबिक अर्थी पर रखे शव में कुछ हलचल महसूस होने पर उसे उसी हाल में लेकर रामकोला सीएचसी पहुंच गए। उनके साथ काफी संख्या में लोग थे। बाद में डॉक्टर ने चेकअप के बाद मृत बताया। तब उसे लेकर अंतिम संस्कार के लिए गंडक नदी के पनियहवा घाट पर चले गए और अंतिम संस्कार किया।

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नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के बरगहां गांव निवासी विकास गुप्ता पुत्र गुड्डू गुप्ता (18) 19 सितंबर की सुबह करीब नौ बजे अपने परिजनों से विद्यालय जाने की बात कहकर घर से निकला था। बताया जा रहा है कि विकास नौरंगिया से अपने दोस्त शिवम शर्मा और हरिओम कुशवाहा के साथ एक ही बाइक पर सवार होकर कही जा रहे थे। बाइक की गति तेज होने के कारण अनियंत्रित होकर सिरसिया बीरभान गांव के पास एक पोल से टकरा गए थे। इस घटना में विकास गंभीर रूप से घायल हो गया था। जबकि हरिओम का एक पैर टूट गया था और शिवम को भी मामूली चोट लगी।
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एंबुलेंस की मदद से तीनों को नेबुआ नौरंगिया सीएचसी भेज दिया गया था। वहां विकास और हरिओम को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया और शिवम को उपचार करने के बाद वापस घर भेज दिया गया। जिला अस्पताल में भी विकास की बिगड़ती हुई स्थिति को देखकर डॉक्टर ने उसे मेडिकल काॅलेज गोरखपुर रेफर कर दिया था। परिजन उसका इलाज गोरखपुर में ही स्थित एक निजी अस्पताल में करा रहे थे। इलाज के दौरान ही बुधवार की देर शाम उसकी मौत हो गई थी। देर रात तक जैसे ही उसका शव घर पहुंचा, वहां चीख पुकार मच गई।


 

कहा जा रहा है कि बृहस्पतिवार की सुबह अंतिम संस्कार के लिए पनियहवा ले जाते समय किसी ने उसके जीवित होने का संदेह जाहिर कर दिया। स्थानीय डॉक्टरों के अलावा पिपराइच और महराजगंज के चिकित्सकों ने भी जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

इसके बावजूद परिजना रामकोला सीएचसी पर लेकर पहुंचे, जहां मौजूद प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. एसके विश्वकर्मा ने भी मृत बताया। फिर भी जिला अस्पताल ले जाने को बताया। सरकारी एंबुलेंस में लगे ऑक्सीजन लगाकर युवक को लेकर जिला अस्पताल लेकर चले गए। वहां भी मृत बताया गया।

रामकोला सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी ने बताया कि अर्थी पर शव लेकर आए थे। पर्ची बनवाए, जिसमें नाम विकास गांव बरगहा बताया था, लेकिन पर्ची भी नहीं ले गए। नारायणी नदी के किनारे उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंत में बृहस्पतिवार को ही शाम तक गंडक नदी के पनियहा घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
 

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