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Kushinagar News: सीएचसी में भी बढ़ रहे वायरल फीवर के मरीज
संवाद न्यूज एजेंसी, कुशीनगर
Updated Fri, 19 Sep 2025 01:34 AM IST
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पडरौना। जिले में ब्लाक स्तर की सीएचसी पर और निजी चिकित्सालयों में भी वायरल फीबर के साथ सर्दी जुखाम के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिले स्तर पर मेडिकल कालेज में तेज बुखार के 10 बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
डॉक्टरों ने बताया कि मौसम में बदलाव से लोगों को वायरल फीबर हो रहा है। इसके गंभीर रोगियों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। मरीजों को पहले शरीर में दर्द के बाद तेज बुखार हो रहा है। ऐसे में चिकित्सक को दिखाने की सलाह दी गई। जिले के मेडिकल कालेज के चाइल्ड वार्ड में वृहस्पतिवार को कुल 28 बच्चे भर्ती थे। इसमें सबसे अधिक 15 बच्चे तेज बुखार के रहे। चिकित्सकों ने कहा कि बच्चों में बुखार के कारण कमजोरी की शिकायत हो रही है। पौष्टीक आहार देने की जरुरत है। कसया सीएचसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सौनक श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण बच्चों में तेज बुखार के साथ खासी आ रही है। ऐसे प्रतिदिन 30 से 40 बच्चे ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे है। उन्होंने बताया कि गंभीर रोगियों को भर्ती किया जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। बच्चों को मच्छर से बचाए। मच्छरदानी का प्रयोग करें। किसी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाए।

डॉक्टरों ने बताया कि मौसम में बदलाव से लोगों को वायरल फीबर हो रहा है। इसके गंभीर रोगियों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। मरीजों को पहले शरीर में दर्द के बाद तेज बुखार हो रहा है। ऐसे में चिकित्सक को दिखाने की सलाह दी गई। जिले के मेडिकल कालेज के चाइल्ड वार्ड में वृहस्पतिवार को कुल 28 बच्चे भर्ती थे। इसमें सबसे अधिक 15 बच्चे तेज बुखार के रहे। चिकित्सकों ने कहा कि बच्चों में बुखार के कारण कमजोरी की शिकायत हो रही है। पौष्टीक आहार देने की जरुरत है। कसया सीएचसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सौनक श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण बच्चों में तेज बुखार के साथ खासी आ रही है। ऐसे प्रतिदिन 30 से 40 बच्चे ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे है। उन्होंने बताया कि गंभीर रोगियों को भर्ती किया जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। बच्चों को मच्छर से बचाए। मच्छरदानी का प्रयोग करें। किसी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाए।
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