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Lakhimpur Kheri News: अंधे मोड़... संकेतक नहीं तो कहीं सड़कों किनारे झाड़ियां बनीं मुसीबत
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Mon, 24 Nov 2025 11:36 PM IST
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मोहम्मदी से बरबर मार्ग पर निकट शिवम् गैस एजेंसी के पास अंधा मोड़।संवाद
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लखीमपुर खीरी/मझगईं। जिले में कई प्रमुख मार्गों पर अंधे माेड़ हैं। कई जगह ऐसी भी हैं, जहां संकेतक नहीं हैं। इसके अलावा सड़कों के किनारे उगी झाड़ियां भी मुसीबत बनी हुईं हैं। इन अव्यवस्थाओं के चलते हादसों का खतरा हरदम बना रहता है। इसमें लखीमपुर से पलिया मार्ग के अलावा मोहम्मदी मार्ग पर, निघासन व गोला मार्ग पर ये समस्या ज्यादा है।
पलिया-निघासन स्टेट हाईवे पर 16 किलोमीटर के दायरे में तीन ब्लैक स्पॉट हैं। इनब्लैक स्पॉट पर अभी तक पीडब्ल्यूडी ने कोई भी संकेतक बोर्ड नहीं लगाए हैं, जिससे पलिया निघासन स्टेट हाईवे पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। सबसे अधिक तीव्र मोड़ों में कस्बे के तिकोना फार्म में राजापुरवा तीव्र मोड़ और नौगवां कस्बे के आगे बेला का तीव्र मोड़ और मलेनिया तीव्र हैं, जहां आए दिन हादसे होते हैं। राजा पुरवा तीव्र मोड़ पर कई लोगों की जान चुकी हैं। वहीं बेला के तीव्र माेड़ पर भी लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बाद भी न तो संकेतक बोर्ड लगाए और न ही सड़क किनारे झाड़ियों की सफाई की गई है।
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कोनैठिया से रजागंज कस्बे तक करीब एक दर्जन खतरनाक मोड़
संसारपुर/केशवापुर/मोहम्मदी। गोला-खुटार राष्ट्रीय राजमार्ग 730 पर भरिगवां चौराहा पर अकसर हादसे होते हैं। कोई संकेतक न लगा होने और सड़क के दोनों तरफ रखे खोखे के कारण ग्राम भरिगवां और सिसनौर से संपर्क मार्गों से आने वाले वाहन हाईवे पर जाने वालों को दिखाई नही पड़ते हैं।
पीलीभीत-बस्ती नेशनल हाईवे 730 पर कोनैठिया से रजागंज कस्बे तक करीब एक दर्जन खतरनाक मोड़ हैं। मोड़ों के किनारे कोई संकेतक नहीं है। सड़क किनारे झाड़ियों के होने से हाईवे पर मुड़ने वाले वाहन छिपे रहते हैं, जिससे आएदिन दुर्घटना होती रहती हैं। नेशनल हाईवे पर केशवापुर कस्बे के निकट बख्खारी मार्ग, खमहौल मार्ग पर कोई संकेतक नहीं है।
पुवायां हाईवे पर सरदार के झाला के पास से केहुआ के लिए जाने वाले रास्ते पर झाड़िया हैं। कोई संकेतक नहीं बना है। संवाद
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कठिना नदी के पुल के पास कई ब्लैक स्पाॅट
अमीरनगर। मोहम्मदी-लखीमपुर हाईवे पर कठिना नदी के पुल के पास कई ब्लैक स्पाॅट होने से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। पुल के पास जो मोड़ हैं, वहां पर रेडियम स्टिकर तो लगाए गए हैं, लेकिन संकेतक बोर्ड न होने से वाहन चालकों को मोड़ का अंदाजा समय रहते नहीं हो पाता। इंडियन बैंक कुंभी चौराहे पर दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। यहां से चीनी मिल के लिए भारी वाहनों का लगातार आवागमन रहता है, लेकिन चौराहे पर दिशात्मक व चेतावनी बोर्ड नहीं लगे हैं। संवाद
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कोहरे की चादर ने पैर पसारे, हादसे होने की आशंका
पलियाकलां।
क्षेत्र में सुबह अब कोहरे की चादर अपने पैर पसारने लगी है। कोहरे के कारण वाहन चालकों को अपने वाहनों में लाइट जलाकर निकलना पड़ रहा है। सुबह करीब सात बजे तक कोहरे का प्रकोप रोजाना दिखाई दे रहा है। ऐसे में अंधे मोड़ आने वाले ठंड के समय में दुर्घटना का सबब जरूर बनेंगे। इन अंधे मोड़ों पर कोई संकेतक बोर्ड न लगा होने से सामने से आने वाले वाहन दिखते नहीं हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। पलिया-भीरा मार्ग पर शारदा नदी पुल के पहले ही एक अंधा मोड़ है, जिसमें सामने से आने वाले वाहन नहीं दिखते हैं। इसी मार्ग पर इससे पहले भी एक मोड़ है और यहां भी बोर्ड आदि नहीं लगे हैं। पुल पार करने के बाद भीरा की ओर जाने वाला मोड़ भी बेहद खतरनाक है। फिर भी पीडब्ल्यूडी की तरफ से ऐसे मोड़ों पर कोई संकेतक बोर्ड नहीं लगाया जा रहा है। संवाद
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गन्ना सीजन में बढ़ जाती हैं सड़क दुर्घटनाएं
निघासन।
सिंगाही–पलिया मार्ग स्थित सहतेपुरवा मोड़ हादसों का दूसरा नाम बन चुका है। तेज रफ्तार में आने वाले वाहन मोड़ के पास पहुंचकर ही एक-दूसरे को देख पाते हैं। इससे आमने-सामने की टक्कर में अब तक दर्जनों हादसे हो चुके हैं। इसी मार्ग पर लोनियनपुरवा मोड़ भी पूरी तरह अंधा है और यह चालक को भ्रमित कर देता है। लुधौरी–मदनापुर संपर्क मार्ग पर स्थिति और भी गंभीर बनी हुई है। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत बनाई गई सड़क में गांव के बीच अंधा मोड़ तैयार कर दिया गया। इससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
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वर्जन अभी कुछ देर में दिया जाएगा।
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पलिया-निघासन स्टेट हाईवे पर 16 किलोमीटर के दायरे में तीन ब्लैक स्पॉट हैं। इनब्लैक स्पॉट पर अभी तक पीडब्ल्यूडी ने कोई भी संकेतक बोर्ड नहीं लगाए हैं, जिससे पलिया निघासन स्टेट हाईवे पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। सबसे अधिक तीव्र मोड़ों में कस्बे के तिकोना फार्म में राजापुरवा तीव्र मोड़ और नौगवां कस्बे के आगे बेला का तीव्र मोड़ और मलेनिया तीव्र हैं, जहां आए दिन हादसे होते हैं। राजा पुरवा तीव्र मोड़ पर कई लोगों की जान चुकी हैं। वहीं बेला के तीव्र माेड़ पर भी लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बाद भी न तो संकेतक बोर्ड लगाए और न ही सड़क किनारे झाड़ियों की सफाई की गई है।
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कोनैठिया से रजागंज कस्बे तक करीब एक दर्जन खतरनाक मोड़
संसारपुर/केशवापुर/मोहम्मदी। गोला-खुटार राष्ट्रीय राजमार्ग 730 पर भरिगवां चौराहा पर अकसर हादसे होते हैं। कोई संकेतक न लगा होने और सड़क के दोनों तरफ रखे खोखे के कारण ग्राम भरिगवां और सिसनौर से संपर्क मार्गों से आने वाले वाहन हाईवे पर जाने वालों को दिखाई नही पड़ते हैं।
पीलीभीत-बस्ती नेशनल हाईवे 730 पर कोनैठिया से रजागंज कस्बे तक करीब एक दर्जन खतरनाक मोड़ हैं। मोड़ों के किनारे कोई संकेतक नहीं है। सड़क किनारे झाड़ियों के होने से हाईवे पर मुड़ने वाले वाहन छिपे रहते हैं, जिससे आएदिन दुर्घटना होती रहती हैं। नेशनल हाईवे पर केशवापुर कस्बे के निकट बख्खारी मार्ग, खमहौल मार्ग पर कोई संकेतक नहीं है।
पुवायां हाईवे पर सरदार के झाला के पास से केहुआ के लिए जाने वाले रास्ते पर झाड़िया हैं। कोई संकेतक नहीं बना है। संवाद
कठिना नदी के पुल के पास कई ब्लैक स्पाॅट
अमीरनगर। मोहम्मदी-लखीमपुर हाईवे पर कठिना नदी के पुल के पास कई ब्लैक स्पाॅट होने से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। पुल के पास जो मोड़ हैं, वहां पर रेडियम स्टिकर तो लगाए गए हैं, लेकिन संकेतक बोर्ड न होने से वाहन चालकों को मोड़ का अंदाजा समय रहते नहीं हो पाता। इंडियन बैंक कुंभी चौराहे पर दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। यहां से चीनी मिल के लिए भारी वाहनों का लगातार आवागमन रहता है, लेकिन चौराहे पर दिशात्मक व चेतावनी बोर्ड नहीं लगे हैं। संवाद
कोहरे की चादर ने पैर पसारे, हादसे होने की आशंका
पलियाकलां।
क्षेत्र में सुबह अब कोहरे की चादर अपने पैर पसारने लगी है। कोहरे के कारण वाहन चालकों को अपने वाहनों में लाइट जलाकर निकलना पड़ रहा है। सुबह करीब सात बजे तक कोहरे का प्रकोप रोजाना दिखाई दे रहा है। ऐसे में अंधे मोड़ आने वाले ठंड के समय में दुर्घटना का सबब जरूर बनेंगे। इन अंधे मोड़ों पर कोई संकेतक बोर्ड न लगा होने से सामने से आने वाले वाहन दिखते नहीं हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। पलिया-भीरा मार्ग पर शारदा नदी पुल के पहले ही एक अंधा मोड़ है, जिसमें सामने से आने वाले वाहन नहीं दिखते हैं। इसी मार्ग पर इससे पहले भी एक मोड़ है और यहां भी बोर्ड आदि नहीं लगे हैं। पुल पार करने के बाद भीरा की ओर जाने वाला मोड़ भी बेहद खतरनाक है। फिर भी पीडब्ल्यूडी की तरफ से ऐसे मोड़ों पर कोई संकेतक बोर्ड नहीं लगाया जा रहा है। संवाद
गन्ना सीजन में बढ़ जाती हैं सड़क दुर्घटनाएं
निघासन।
सिंगाही–पलिया मार्ग स्थित सहतेपुरवा मोड़ हादसों का दूसरा नाम बन चुका है। तेज रफ्तार में आने वाले वाहन मोड़ के पास पहुंचकर ही एक-दूसरे को देख पाते हैं। इससे आमने-सामने की टक्कर में अब तक दर्जनों हादसे हो चुके हैं। इसी मार्ग पर लोनियनपुरवा मोड़ भी पूरी तरह अंधा है और यह चालक को भ्रमित कर देता है। लुधौरी–मदनापुर संपर्क मार्ग पर स्थिति और भी गंभीर बनी हुई है। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत बनाई गई सड़क में गांव के बीच अंधा मोड़ तैयार कर दिया गया। इससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
वर्जन अभी कुछ देर में दिया जाएगा।

मोहम्मदी से बरबर मार्ग पर निकट शिवम् गैस एजेंसी के पास अंधा मोड़।संवाद

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मोहम्मदी से बरबर मार्ग पर निकट शिवम् गैस एजेंसी के पास अंधा मोड़।संवाद

मोहम्मदी से बरबर मार्ग पर निकट शिवम् गैस एजेंसी के पास अंधा मोड़।संवाद