{"_id":"688e5d470db32af29c0b9b94","slug":"a-fine-of-ten-thousand-rupees-was-imposed-on-the-insurance-company-for-not-providing-crop-insurance-lalitpur-news-c-131-1-ltp1005-140194-2025-08-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"Lalitpur News: फसल बीमा नहीं देने पर इंश्योरेंस कंपनी पर लगाया दस हजार का जुर्माना","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Lalitpur News: फसल बीमा नहीं देने पर इंश्योरेंस कंपनी पर लगाया दस हजार का जुर्माना
विज्ञापन

विज्ञापन
ललितपुर। तहसील पाली अंतर्गत ग्राम नीमखेड़ा निवासी किसान को इंश्योरेंस कंपनी द्वारा सोयाबीन व उड़द की फसल की बीमा राशि नहीं देने के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने कंपनी को फसल बीमा की राशि 75,407 रुपये देने और दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।
तहसील पाली के ग्राम नीमखेड़ा निवासी किसान भगवत सिंह ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की न्यायालय में पेश किए गए परिवाद में बताया कि वर्ष 2021 में उसकी खरीफ की फसल का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत पंजाब नेशनल बैंक द्वारा उसके किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कराया गया था। जिसका बीमा प्रीमियम 4,887.56 रुपये 28 जुलाई 2021 को बीमा कंपनी को भेजा गया था। बीमा कंपनी एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा उसकी उड़द, सोयाबीन की फसल क्षति 2,44,378.34 रुपये का बीमा किया गया था। अतिवृष्टि के कारण उसकी उड़द, सोयाबीन की 2021 की खरीफ की संपूर्ण फसल नष्ट हो गई थी। इसके लिए कमेटी द्वारा मौके पर जाकर जांच भी की गई थी और नुकसान की रिपोर्ट बीमा कंपनी को भेजी गई थी, जिसमें 70 फीसदी से अधिक नुकसान का उल्लेख किया गया था। इस पर बीमा कंपनी द्वारा फसल क्षति का बीमा राशि का भुगतान उसके खाते में 82,391 रुपये किया गया। जबकि कंपनी द्वारा उसका बीमा 2,44,378.34 रुपये किया गया था, इस प्रकार उसे कंपनी द्वारा 88,673.83 रुपये का कम भुगतान किया गया, जिससे उसे काफी मानसिक कष्ट हुआ। उसने अधिवक्ता के माध्यम से कंपनी को नोटिस भी जारी किए, जिस पर कंपनी द्वारा प्रीमियम राशि के अनुसार जो राशि बनती है, उसका भुगतान करने की बात कही। बाकी सरकार द्वारा सब्सिडी प्राप्त होने पर 9,282 रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है। इससे पीड़ित किसान संतुष्ट नहीं हुआ और उसने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की न्यायालय में परिवाद दायर किया था। न्यायालय ने इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर सुनवाई की और न्यायालय के अध्यक्ष सीताराम वर्मा एवं सदस्य रफिया खातून व ओमप्रकाश विश्वकर्मा ने बीमा कंपनी आदेश दिया कि 45 दिन के अंदर किसान को फसल क्षति की शेष धनराशि 75,407 रुपये मामला दाखिल करने की तारीख 22 अप्रैल 2022 से सात फीसदी साधारण ब्याज सहित अदा करें। साथ ही मानसिक पीड़ा होने पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

Trending Videos
तहसील पाली के ग्राम नीमखेड़ा निवासी किसान भगवत सिंह ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की न्यायालय में पेश किए गए परिवाद में बताया कि वर्ष 2021 में उसकी खरीफ की फसल का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत पंजाब नेशनल बैंक द्वारा उसके किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कराया गया था। जिसका बीमा प्रीमियम 4,887.56 रुपये 28 जुलाई 2021 को बीमा कंपनी को भेजा गया था। बीमा कंपनी एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा उसकी उड़द, सोयाबीन की फसल क्षति 2,44,378.34 रुपये का बीमा किया गया था। अतिवृष्टि के कारण उसकी उड़द, सोयाबीन की 2021 की खरीफ की संपूर्ण फसल नष्ट हो गई थी। इसके लिए कमेटी द्वारा मौके पर जाकर जांच भी की गई थी और नुकसान की रिपोर्ट बीमा कंपनी को भेजी गई थी, जिसमें 70 फीसदी से अधिक नुकसान का उल्लेख किया गया था। इस पर बीमा कंपनी द्वारा फसल क्षति का बीमा राशि का भुगतान उसके खाते में 82,391 रुपये किया गया। जबकि कंपनी द्वारा उसका बीमा 2,44,378.34 रुपये किया गया था, इस प्रकार उसे कंपनी द्वारा 88,673.83 रुपये का कम भुगतान किया गया, जिससे उसे काफी मानसिक कष्ट हुआ। उसने अधिवक्ता के माध्यम से कंपनी को नोटिस भी जारी किए, जिस पर कंपनी द्वारा प्रीमियम राशि के अनुसार जो राशि बनती है, उसका भुगतान करने की बात कही। बाकी सरकार द्वारा सब्सिडी प्राप्त होने पर 9,282 रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है। इससे पीड़ित किसान संतुष्ट नहीं हुआ और उसने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की न्यायालय में परिवाद दायर किया था। न्यायालय ने इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर सुनवाई की और न्यायालय के अध्यक्ष सीताराम वर्मा एवं सदस्य रफिया खातून व ओमप्रकाश विश्वकर्मा ने बीमा कंपनी आदेश दिया कि 45 दिन के अंदर किसान को फसल क्षति की शेष धनराशि 75,407 रुपये मामला दाखिल करने की तारीख 22 अप्रैल 2022 से सात फीसदी साधारण ब्याज सहित अदा करें। साथ ही मानसिक पीड़ा होने पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
विज्ञापन
विज्ञापन