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Lalitpur News: हत्या के मामले में चार दोषियों को मिला आजीवन कारावास
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संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। मोहल्ला नेहरूनगर में दो वर्ष पहले हुई हत्या के मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने बहन-भाई समेत चार आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें दो को एससीएसटी के मामले में भी दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई है।
नेहरूनगर निवासी पार्वती पत्नी पन्नालाल ने दो वर्ष पहले कोतवाली में तहरीर दी थी। इसमें बताया था कि 17 सितंबर 2023 की शाम चार बजे ग्राम चकलालौन निवासी नंदराम अपनी बेटी अप्पी के साथ उसके घर आए और गालियां देने लगे। जान से मारने की धमकी भी दी।
उसी रात साढ़े नौ बजे हो-हल्ला सुनकर वह घर के बाहर आई तो देखा कि सुरेंद्र वहीं खड़े थे। ग्राम चकलालौन निवासी दो अज्ञात व्यक्ति और नंदराम और उसकी पत्नी गेंदाबाई, बेटी अप्पी उर्फ असरफी उसके बेटे किशन के साथ धारदार हथियार और लाठियों से पिटाई कर रहे थे। किशन के मित्र दिन्नू ने एंबुलेंस बुलाकर उसके बेटे को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में जाने के दस मिनट बाद ही चिकित्सकों ने उसके बेटे को मृत घोषित कर दिया।
कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कर ली। विवेचना के बाद न्यायालय में छह आरोपियों सुरेंद्र कुमार सिरोठिया, द्रोपाल ठाकुर, नंदलाल अहिरवार और उसके बेटे बबलू अहिरवार, बेटी अप्पी उर्फ असरफी और पत्नी गेंदाबाई के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान एक आरोपी नंदलाल की मौत हो चुकी है।
इसी मामले में पांच दिन पहले छह दिसंबर को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी एक्ट) विकास कुमार द्वितीय की अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों, साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अभियुक्त सुरेंद्र, द्रोपाल, बबलू, गेंदाबाई और अप्पी को दोषी करार दिया था।
बुधवार को अदालत में दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। इसमें सुरेंद्र, द्रोपाल, नंदलाल के बेटे बबलू और अप्पी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा, सुरेंद्र और द्रोपाल पर 36 -36 हजार रुपये और अप्पी और बबलू पर 24500-24500 रुपये अर्थदंड लगाया। इसके अलावा, सुरेंद्र और द्रोपाल को एससीएसटी एक्ट के मामले में भी दोषी पाते हुए एक धारा में दो-दो वर्ष और एक धारा में तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई है।
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ललितपुर। मोहल्ला नेहरूनगर में दो वर्ष पहले हुई हत्या के मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने बहन-भाई समेत चार आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें दो को एससीएसटी के मामले में भी दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई है।
नेहरूनगर निवासी पार्वती पत्नी पन्नालाल ने दो वर्ष पहले कोतवाली में तहरीर दी थी। इसमें बताया था कि 17 सितंबर 2023 की शाम चार बजे ग्राम चकलालौन निवासी नंदराम अपनी बेटी अप्पी के साथ उसके घर आए और गालियां देने लगे। जान से मारने की धमकी भी दी।
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उसी रात साढ़े नौ बजे हो-हल्ला सुनकर वह घर के बाहर आई तो देखा कि सुरेंद्र वहीं खड़े थे। ग्राम चकलालौन निवासी दो अज्ञात व्यक्ति और नंदराम और उसकी पत्नी गेंदाबाई, बेटी अप्पी उर्फ असरफी उसके बेटे किशन के साथ धारदार हथियार और लाठियों से पिटाई कर रहे थे। किशन के मित्र दिन्नू ने एंबुलेंस बुलाकर उसके बेटे को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में जाने के दस मिनट बाद ही चिकित्सकों ने उसके बेटे को मृत घोषित कर दिया।
कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कर ली। विवेचना के बाद न्यायालय में छह आरोपियों सुरेंद्र कुमार सिरोठिया, द्रोपाल ठाकुर, नंदलाल अहिरवार और उसके बेटे बबलू अहिरवार, बेटी अप्पी उर्फ असरफी और पत्नी गेंदाबाई के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान एक आरोपी नंदलाल की मौत हो चुकी है।
इसी मामले में पांच दिन पहले छह दिसंबर को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी एक्ट) विकास कुमार द्वितीय की अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों, साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अभियुक्त सुरेंद्र, द्रोपाल, बबलू, गेंदाबाई और अप्पी को दोषी करार दिया था।
बुधवार को अदालत में दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। इसमें सुरेंद्र, द्रोपाल, नंदलाल के बेटे बबलू और अप्पी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा, सुरेंद्र और द्रोपाल पर 36 -36 हजार रुपये और अप्पी और बबलू पर 24500-24500 रुपये अर्थदंड लगाया। इसके अलावा, सुरेंद्र और द्रोपाल को एससीएसटी एक्ट के मामले में भी दोषी पाते हुए एक धारा में दो-दो वर्ष और एक धारा में तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई है।
