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Maharajganj News: 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने का रोडमैप तैयार किया जा सके
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गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ डिग्री कॉलेज में गोष्ठी का आयोजन किया गया
महराजगंज। समर्थ उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश@ 2047 प्रबुद्धजन संवाद के दृष्टिगत ब्लॉक सदर स्थित ग्राम पंचायत करमहा में ग्राम चौपाल और गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ डिग्री कॉलेज में गोष्ठी का आयोजन किया गया। सेवानिवृत्त आईएसएस नागेश्वर उपाध्याय ने कहा कि वर्ष 2047 भारत की स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष है। प्रधानमंत्री का लक्ष्य है की 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाना है। यह अवधारणा देश के सभी प्रदेशों के विकास के बल पर ही संभव है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है और इसको 2047 तक विकसित करना उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मुख्यमंत्री ने प्रबुद्धजन समिति का गठन किया गया है, जो जनपद–जनपद जाकर नागरिक समूहों से संवाद कर उनके सुझाव आमंत्रित कर रही है, ताकि 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने का रोडमैप तैयार किया जा सके। क्यूआर कोड को स्कैन कर ज्यादा से ज्यादा सुझाव सरकार को भेजें क्योंकि आपकी समस्या और बहुत से लोगों की भी समस्या हो सकती है। सेवानिवृत्त कृषि निदेशक प्रमोद पांडेय ने कहा कि अर्थोपार्जन सभी का प्राथमिक उद्देश्य है।
मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन ने सभी अतिथियों का ग्राम चौपाल में स्वागत किया। ग्रामीणों में किसानों, महिलाओं, शिक्षकों और युवाओं ने अपने मुद्दों को रखा और 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने हेतु अपने सुझाव भी रखे।
मुख्य वक्ता नागेश्वरनाथ उपाध्याय, सेवानिवृत्त आईएएस ने शिक्षा, स्वास्थ्य एवं डिजिटल नवाचार विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आज के युग में शिक्षा को रोजगार एवं स्वरोजगारपरक बनाने की आवश्यकता है। शिक्षा अब केवल ज्ञानार्जन तक सीमित न रहकर मार्गदर्शन का माध्यम बने इसका प्रयास सबको करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सन 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
इस अवसर पर डॉ. घनश्याम शर्मा, डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय (सेवानिवृत्त, कृषि निदेशक) ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। इसके पूर्व शिक्षाविदों और छात्र–छात्राओं ने विकसित उत्तर प्रदेश@ 2047 पर अपने विचार रखे। महाराजगंज जनपद से प्रत्येक शिक्षण संस्थान के संस्था प्रमुख, दो शिक्षक और दो छात्र इस संवाद का हिस्सा बने। इस अवसर पर एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा, बीएसए ऋद्धि पांडेय, महाविद्यालय के प्राचार्य लेफ्टिनेंट डॉ. रामपाल यादव उपस्थित रहे।
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निराकरण के लिए सुझाव को जानने के लिए भेजा गया
महराजगंज। समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान अंतर्गत स्वास्थ्य और आयुष विभाग जुड़े विभिन्न नागरिक समूहों के साथ शासकीय प्रतिनिधियों द्वारा संवाद किया गया।
मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त आईएएस नागेश्वर नाथ उपाध्याय ने कहा कि शासन द्वारा हमें आप लोगों से जनपद विशेष की समस्याओं को जानने और निराकरण के लिए सुझाव को जानने के लिए भेजा गया है।
पूर्व कृषि निदेशक प्रमोद पांडेय ने कहा कि कुछ समस्याएं मुख्यालय स्तर पर होते हैं, उनके लिए विभाग और जिला प्रशासन प्रयास करेगा, लेकिन कुछ समस्याएं जनपद स्तर पर ही हल हो सकती हैं।
डॉ घनश्याम शर्मा ने उपस्थित नागरिक समूहों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कई लोगों ने बेहद सकारात्मक सुझाव रखे, जिन्हें समिति अपने रिपोर्ट के माध्यम से शासन के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
नोडल अधिकारी अनुज कुमार झा ने सभी कहा कि संवाद कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक सेक्टर से जुड़े कुछ बेहद अहम सुझाव मिले हैं। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य आम जनता एवं अधिकारी /कर्मचारी का सीधा फीडबैक लेकर आगे की नीतियों को तय करना है। रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष द्वारा बगैर हेलमेट किसी को नेशनल हाईवे पर प्रवेश करने से रोकने का सलाह दिया गया। नेत्र चिकित्सक डॉ विवेक वर्मा ने स्वास्थ्य सेवाओं को सबके लिए समान रूप से उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया। इस दौरान सीएमओ डॉ श्रीकांत शुक्ला, जिला विकास अधिकारी बीएन कन्नौजिया, डीसी एनआरएलएम मो. जाकिर, समाज कल्याण अधिकारी विपिन कुमार यादव आदि मौजूद रहे। संवाद

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महराजगंज। समर्थ उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश
मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन ने सभी अतिथियों का ग्राम चौपाल में स्वागत किया। ग्रामीणों में किसानों, महिलाओं, शिक्षकों और युवाओं ने अपने मुद्दों को रखा और 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने हेतु अपने सुझाव भी रखे।
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मुख्य वक्ता नागेश्वरनाथ उपाध्याय, सेवानिवृत्त आईएएस ने शिक्षा, स्वास्थ्य एवं डिजिटल नवाचार विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आज के युग में शिक्षा को रोजगार एवं स्वरोजगारपरक बनाने की आवश्यकता है। शिक्षा अब केवल ज्ञानार्जन तक सीमित न रहकर मार्गदर्शन का माध्यम बने इसका प्रयास सबको करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सन 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
इस अवसर पर डॉ. घनश्याम शर्मा, डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय (सेवानिवृत्त, कृषि निदेशक) ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। इसके पूर्व शिक्षाविदों और छात्र–छात्राओं ने विकसित उत्तर प्रदेश
निराकरण के लिए सुझाव को जानने के लिए भेजा गया
महराजगंज। समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान अंतर्गत स्वास्थ्य और आयुष विभाग जुड़े विभिन्न नागरिक समूहों के साथ शासकीय प्रतिनिधियों द्वारा संवाद किया गया।
मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त आईएएस नागेश्वर नाथ उपाध्याय ने कहा कि शासन द्वारा हमें आप लोगों से जनपद विशेष की समस्याओं को जानने और निराकरण के लिए सुझाव को जानने के लिए भेजा गया है।
पूर्व कृषि निदेशक प्रमोद पांडेय ने कहा कि कुछ समस्याएं मुख्यालय स्तर पर होते हैं, उनके लिए विभाग और जिला प्रशासन प्रयास करेगा, लेकिन कुछ समस्याएं जनपद स्तर पर ही हल हो सकती हैं।
डॉ घनश्याम शर्मा ने उपस्थित नागरिक समूहों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कई लोगों ने बेहद सकारात्मक सुझाव रखे, जिन्हें समिति अपने रिपोर्ट के माध्यम से शासन के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
नोडल अधिकारी अनुज कुमार झा ने सभी कहा कि संवाद कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक सेक्टर से जुड़े कुछ बेहद अहम सुझाव मिले हैं। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य आम जनता एवं अधिकारी /कर्मचारी का सीधा फीडबैक लेकर आगे की नीतियों को तय करना है। रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष द्वारा बगैर हेलमेट किसी को नेशनल हाईवे पर प्रवेश करने से रोकने का सलाह दिया गया। नेत्र चिकित्सक डॉ विवेक वर्मा ने स्वास्थ्य सेवाओं को सबके लिए समान रूप से उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया। इस दौरान सीएमओ डॉ श्रीकांत शुक्ला, जिला विकास अधिकारी बीएन कन्नौजिया, डीसी एनआरएलएम मो. जाकिर, समाज कल्याण अधिकारी विपिन कुमार यादव आदि मौजूद रहे। संवाद