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Mahoba News: छोटी उम्र में बड़ा जख्म दे रहा दिल का दर्द
संवाद न्यूज एजेंसी, महोबा
Updated Thu, 20 Nov 2025 12:26 AM IST
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महोबा। मौसम बदलने के साथ फिर से हृदय घात के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कम उम्र में ज्यादा तनाव युवाओं के दिल को कमजोर कर रहा है। उनके परिवार वालों को बड़ा जख्म दे रहा है। 18 महीनों में 25 से ज्यादा लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। इसमें मरने वालों में अधिकांश लोगों की उम्र 40 साल से कम है।
सीएमओ डॉ आशाराम ने बताया कि सीपीआर हार्ट अटैक के दौरान कारगर होने वाली प्रक्रिया है इसका मतलब कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है। यह एक जीवन रक्षक तकनीक है जो हार्ट अटैक जैसी आपात स्थिति में कारगर है। जब रोगी को दिल का दौरा पड़ता है या पानी में डूबने के बाद सांस नहीं आती है, तो इस तरह की स्थिति में सीपीआर दिया जाता है। सीपीआर एक इमरजेंसी लाइफ सेवर प्रक्रिया है जिसे तब किया जाता है जब दिल धड़कना बंद कर देता है। सीपीआर देने से बचने की संभावना दोगुनी या तिगुनी हो सकती है।
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कप्यूटर चलाते समय बैंककर्मी की अटैक से हुई मौत
19 जून 2024 को एचडीएफसी बैंक की कबरई शाखा में तैनात कर्मचारी 38 वर्षीय राजेश कुमार की कंप्यूटर पर काम करते समय अटैक से मौत हो गई थी। वह मूलरूप से जनपद हमीरपुर के थाना बिंवार के कबीरनगर के रहने वाले थे। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। 25 सेकेंड के वीडियो में काम करते समय अटैक पड़ने से वह कुर्सी में ही टिक गए थे और जान चली गई थी।
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ड्यूटी के दौरान अटैक पड़ने से होमगार्ड की गई जान
कस्बा चरखारी में चल रहे ऐतिहासिक गोवर्धन्नाथजू मेले में होमगार्ड की ड्यूटी के दौरान अटैक से जान चली गई। कस्बा श्रीनगर निवासी होमगार्ड ओमप्रकाश 28 अक्तूबर को गोवर्धन्नाथजू मेले में ड्यूटी कर रहा था। तभी अटैक पड़ने से वह अचेत होकर गिर गया। आसपास मौजूद लोग उसे अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई। डाक्टर ने अटैक से मौत होने की बात बताई।
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प्रसव के बाद महिला की अटैक से चली गई थी जान
कस्बा कबरई के इंदिरानगर निवासी महेश की पत्नी नीलम को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन 17 नवंबर को जिला महिला अस्पताल लाए थे। प्रसव के बाद महिला की हालत बिगड़ गई। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया था। नीलम की उम्र 30 वर्ष थी और यह उसकी पहली डिलेवरी थी।
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जिला अस्पताल में नहीं कार्डियोलॉजिस्ट
जिला अस्पताल में न तो कार्डियोलॉजिस्ट है और न ही चेस्ट फिजिशियन तैनात हैं। डॉक्टर न होने से इन बीमारियों से जुड़े मरीजों को फिजिशियन ही देख रहे हैं। जिला बनने के करीब 30 साल बाद भी आज तक जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हुई। चेस्ट फिजिशियन और कार्डियोलॉजिस्ट के एक-एक पदों पर आज तक डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो सकी है। इस कारण हल्की दिक्कत वाले मरीज को जनरल फिजिशियन देखते हैं जबकि गंभीर दिक्कत होने पर मरीजों को बाहर रेफर कर दिया जाता है।
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सीने में दर्द, बेचैनी, शरीर के बाएं हिस्से में दर्द, पीठ, कंधे, गर्दन, जबड़े और पेट में दर्द होने के साथ सांस लेने में कठिनाई महसूस होना, हार्ट अटैक के कुछ लक्षणों में से एक है। ऐसी समस्याएं देखें तो गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। तुरंत डॉक्टरों से सलाह लें। -डॉ. आशाराम, सीएमओ।
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यह रखें दिन चर्या
सोने से तीन घंटे पहले हल्का भोजन लें।
रात में पर्याप्त नींद लें।
सुबह के समय पर्याप्त गर्म कपड़े पहनकर ही बिस्तर छोड़ें।
सप्ताह में पांच दिन मॉर्निंग वाक, व्यायाम, प्राणायाम, योग आदि करें।
शवासन, योगनिद्रा आसन, भुजंगासन, त्रियक दंडासन आसन करें।
बीपी और शुगर के लिए नियमित रूप से अपने चिकित्सक की सलाह लें। साथ ही जांच भी कराएं।
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सीएमओ डॉ आशाराम ने बताया कि सीपीआर हार्ट अटैक के दौरान कारगर होने वाली प्रक्रिया है इसका मतलब कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है। यह एक जीवन रक्षक तकनीक है जो हार्ट अटैक जैसी आपात स्थिति में कारगर है। जब रोगी को दिल का दौरा पड़ता है या पानी में डूबने के बाद सांस नहीं आती है, तो इस तरह की स्थिति में सीपीआर दिया जाता है। सीपीआर एक इमरजेंसी लाइफ सेवर प्रक्रिया है जिसे तब किया जाता है जब दिल धड़कना बंद कर देता है। सीपीआर देने से बचने की संभावना दोगुनी या तिगुनी हो सकती है।
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कप्यूटर चलाते समय बैंककर्मी की अटैक से हुई मौत
19 जून 2024 को एचडीएफसी बैंक की कबरई शाखा में तैनात कर्मचारी 38 वर्षीय राजेश कुमार की कंप्यूटर पर काम करते समय अटैक से मौत हो गई थी। वह मूलरूप से जनपद हमीरपुर के थाना बिंवार के कबीरनगर के रहने वाले थे। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। 25 सेकेंड के वीडियो में काम करते समय अटैक पड़ने से वह कुर्सी में ही टिक गए थे और जान चली गई थी।
ड्यूटी के दौरान अटैक पड़ने से होमगार्ड की गई जान
कस्बा चरखारी में चल रहे ऐतिहासिक गोवर्धन्नाथजू मेले में होमगार्ड की ड्यूटी के दौरान अटैक से जान चली गई। कस्बा श्रीनगर निवासी होमगार्ड ओमप्रकाश 28 अक्तूबर को गोवर्धन्नाथजू मेले में ड्यूटी कर रहा था। तभी अटैक पड़ने से वह अचेत होकर गिर गया। आसपास मौजूद लोग उसे अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई। डाक्टर ने अटैक से मौत होने की बात बताई।
प्रसव के बाद महिला की अटैक से चली गई थी जान
कस्बा कबरई के इंदिरानगर निवासी महेश की पत्नी नीलम को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन 17 नवंबर को जिला महिला अस्पताल लाए थे। प्रसव के बाद महिला की हालत बिगड़ गई। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया था। नीलम की उम्र 30 वर्ष थी और यह उसकी पहली डिलेवरी थी।
जिला अस्पताल में नहीं कार्डियोलॉजिस्ट
जिला अस्पताल में न तो कार्डियोलॉजिस्ट है और न ही चेस्ट फिजिशियन तैनात हैं। डॉक्टर न होने से इन बीमारियों से जुड़े मरीजों को फिजिशियन ही देख रहे हैं। जिला बनने के करीब 30 साल बाद भी आज तक जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हुई। चेस्ट फिजिशियन और कार्डियोलॉजिस्ट के एक-एक पदों पर आज तक डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो सकी है। इस कारण हल्की दिक्कत वाले मरीज को जनरल फिजिशियन देखते हैं जबकि गंभीर दिक्कत होने पर मरीजों को बाहर रेफर कर दिया जाता है।
सीने में दर्द, बेचैनी, शरीर के बाएं हिस्से में दर्द, पीठ, कंधे, गर्दन, जबड़े और पेट में दर्द होने के साथ सांस लेने में कठिनाई महसूस होना, हार्ट अटैक के कुछ लक्षणों में से एक है। ऐसी समस्याएं देखें तो गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। तुरंत डॉक्टरों से सलाह लें। -डॉ. आशाराम, सीएमओ।
यह रखें दिन चर्या
सोने से तीन घंटे पहले हल्का भोजन लें।
रात में पर्याप्त नींद लें।
सुबह के समय पर्याप्त गर्म कपड़े पहनकर ही बिस्तर छोड़ें।
सप्ताह में पांच दिन मॉर्निंग वाक, व्यायाम, प्राणायाम, योग आदि करें।
शवासन, योगनिद्रा आसन, भुजंगासन, त्रियक दंडासन आसन करें।
बीपी और शुगर के लिए नियमित रूप से अपने चिकित्सक की सलाह लें। साथ ही जांच भी कराएं।