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Mahoba News: हाईवे पर गड्ढे ही गड्ढे, कई जगह सड़क का नामोनिशान ही नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी, महोबा
Updated Thu, 20 Nov 2025 12:15 AM IST
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फोटो 19 एमएएचपी 07 परिचय-हाईवे पर जगह-जगह इस तरह हैं बड़े-बड़े गड्ढे। संवाद
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महोबा/कबरई। कानपुर-सागर हाईवे पर महोबा से कबरई तक की आठ किलोमीटर सड़क में गड्ढे ही गड्ढे हैं। इससे चार पहिया तो दूर दो पहिया वाहन चालकों को भी निकलने में डर लगता है। कई स्थानोंं पर सड़क का नामोनिशान ही गायब है। ऐसे में चार पहिया वाहन व ट्रक निकलते ही धूल का गुबार उठता है और सामने का कुछ भी नजर नहीं आता। हर माह होने वाली उद्योग बंधु की बैठक में व्यापारी एक साल से लगातार उखड़ी सड़क का मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन सड़क दुरुस्त नहीं हो सकी। इससे क्रशर कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।
शहर से होकर कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है। यह सड़क महोबा को उद्योग नगरी कानपुर से जोड़ती है। रास्ते में पत्थरमंडी कबरई है। इस सड़क से रोजाना छह हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। महोबा से कबरई तक की 18 किलोमीटर की सड़क पूरी तरह उखड़ी है। एक साल से उखड़ी सड़क पर चलना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है।
पिछले दिनों ग्रीन फोरलेन हाईवे बनाने की घोषणा हुई थी और इसका निर्माण कार्य भी चल रहा है लेकिन पुरानी सड़क को दुरुस्त नहीं किया है। एक सप्ताह पहले आयोजित उद्योग बंधु की बैठक में एक बार फिर व्यापारियोंं ने इस मुद्दे को उठाया था। डीएम गजल भारद्वाज ने शीघ्र सड़क को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रमुख चौराहोंं के कुछ गड्ढोंं को भरा गया लेकिन पूरी सड़क अब भी खराब है। इस मार्ग पर एक साल में 30 से अधिक दुर्घटनाएं हुईं। जिसमें 15 लोगों की जान जा चुकी है।
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व्यापारियों ने बताई समस्या
खनन एवं क्रशर उद्योग समिति के महासचिव देवेंद्र कुमार मिश्र का कहना है कि उद्योग बंधु की बैठक में कबरई से महोबा तक की उखड़ी सड़क बनवाए जाने के लिए लगातार एक वर्ष से मुद्दा उठाया जा रहा है लेकिन कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई। हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से पत्थर उद्योग पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
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क्रशर व्यापारी प्रणव त्रिपाठी बताते हैं कि हाईवे पर भारी भारी गड्ढे होने से वाहनों में टूट-फूट अधिक होने व समय की बर्बादी होने से ट्रांसपोर्टरों ने अपनी गाड़ियां दूसरी मंडियों में भेजना शुरू कर दी हैं। इससे जिले का एकमात्र पत्थर व्यापार धराशायी होने की कगार पर पहुंच गया है। प्रशासन से कई बार मांग करने के बावजूद समस्या में कोई सुधार नहीं हो सका।
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ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष छुट्टन सिंह का कहना है कि कबरई से महोबा तक हाईवे की सड़क उखड़ी होने के चलते वाहनों को बहुत धीमी गति से चलाने में समय के साथ-साथ डीजल भी दोगुना खर्च होता है। इसके अलावा अत्यधिक टूट-फूट होती है। इससे वाहनों को ग्रिट परिवहन करने के लिए दूसरी मंडियों में भेजना मजबूरी है।
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भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश संगठन महामंत्री बनवारीलाल गुप्ता बताते हैं कि दो साल से कबरई से महोबा तक करीब 20 किमी सड़क खराब होने से पत्थर उद्योग के साथ-साथ स्थानीय व्यापार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
महोबा से कबरई तक की उखड़ी सड़क के गड्ढे भरवाने का काम कराया जा रहा है। साथ ही फोरलेन निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। कई स्थानोंं के गड्ढे भरवा दिए गए हैं। जहां शेष है, वहां शीघ्र ही पेच रिपेयरिंग कराई जाएगी। -सत्येंद्र सिंह, साइट इंजीनियर, कार्यदायी संस्था बंसल ग्रुप।
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पिछले दिनों ग्रीन फोरलेन हाईवे बनाने की घोषणा हुई थी और इसका निर्माण कार्य भी चल रहा है लेकिन पुरानी सड़क को दुरुस्त नहीं किया है। एक सप्ताह पहले आयोजित उद्योग बंधु की बैठक में एक बार फिर व्यापारियोंं ने इस मुद्दे को उठाया था। डीएम गजल भारद्वाज ने शीघ्र सड़क को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रमुख चौराहोंं के कुछ गड्ढोंं को भरा गया लेकिन पूरी सड़क अब भी खराब है। इस मार्ग पर एक साल में 30 से अधिक दुर्घटनाएं हुईं। जिसमें 15 लोगों की जान जा चुकी है।
व्यापारियों ने बताई समस्या
खनन एवं क्रशर उद्योग समिति के महासचिव देवेंद्र कुमार मिश्र का कहना है कि उद्योग बंधु की बैठक में कबरई से महोबा तक की उखड़ी सड़क बनवाए जाने के लिए लगातार एक वर्ष से मुद्दा उठाया जा रहा है लेकिन कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई। हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से पत्थर उद्योग पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
क्रशर व्यापारी प्रणव त्रिपाठी बताते हैं कि हाईवे पर भारी भारी गड्ढे होने से वाहनों में टूट-फूट अधिक होने व समय की बर्बादी होने से ट्रांसपोर्टरों ने अपनी गाड़ियां दूसरी मंडियों में भेजना शुरू कर दी हैं। इससे जिले का एकमात्र पत्थर व्यापार धराशायी होने की कगार पर पहुंच गया है। प्रशासन से कई बार मांग करने के बावजूद समस्या में कोई सुधार नहीं हो सका।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष छुट्टन सिंह का कहना है कि कबरई से महोबा तक हाईवे की सड़क उखड़ी होने के चलते वाहनों को बहुत धीमी गति से चलाने में समय के साथ-साथ डीजल भी दोगुना खर्च होता है। इसके अलावा अत्यधिक टूट-फूट होती है। इससे वाहनों को ग्रिट परिवहन करने के लिए दूसरी मंडियों में भेजना मजबूरी है।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश संगठन महामंत्री बनवारीलाल गुप्ता बताते हैं कि दो साल से कबरई से महोबा तक करीब 20 किमी सड़क खराब होने से पत्थर उद्योग के साथ-साथ स्थानीय व्यापार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
महोबा से कबरई तक की उखड़ी सड़क के गड्ढे भरवाने का काम कराया जा रहा है। साथ ही फोरलेन निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। कई स्थानोंं के गड्ढे भरवा दिए गए हैं। जहां शेष है, वहां शीघ्र ही पेच रिपेयरिंग कराई जाएगी। -सत्येंद्र सिंह, साइट इंजीनियर, कार्यदायी संस्था बंसल ग्रुप।