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Mahoba News: हंसना हंसाना आदत है मेरी, अपना बनाना आदत है...
संवाद न्यूज एजेंसी, महोबा
Updated Wed, 19 Nov 2025 12:42 AM IST
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फोटो 18 एमएएचपी 10 परिचय-कविता पेश करते छतरपुर के अभिराम पाठक। संवाद
- फोटो : बंद आंगनबाड़ी केंद्र हड़हवा के बाहर प्रदर्शन करती महिलाएं।
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चरखारी (महोबा)। कस्बा चरखारी में चल रहे ऐतिहासिक गोवर्द्धन्नाथजू मेले में सोमवार की रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की धूम रही। देश के विभिन्न हिस्सों से आए कवियों ने काव्यपाठ करके दर्शकों का मनमोह लिया।
दिल्ली आए से आए कवि अनिल अग्रवंशी ने हास्य व्यंग्य रचना हंसना हंसाना आदत है मेरी, अपना बनाना आदत है मेरी। लोग मुंह फेर के चल देते हैं, खुद ही बुलाना आदत है मेरी... प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शुभारंभ चरखारी विधायक डॉ. बृजभूषण राजपूत ने किया। उरई से आईं कवयित्री प्रिया श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। प्रेम जगत आधार है, प्रेम ईश का नाम, प्रेमरूप श्री राधिका प्रेमरूप घनश्याम गीत प्रस्तुत करके खूब तालियां बटोरीं। कानपुर से आए हास्य व्यंग्य के रचनाकार हेमंत पांडेय ने एक फूल तुझे देने के लिए सस्ते में ले लिया, फूल तुझे देने को निकले थे, पर बजरंग दल वालों ने रास्ते में ले लिया...प्रस्तुत करके खूब ठहाके लगवाए।
लखनऊ से आईं कवयित्री डॉ. सुमन दुबे ने शृंगार रस की रचना वो न बदले हैं और न बदलेंगे, मैं जानती हूं उन्हें ज़माने से... प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं को मंच से जोड़ा। अमित शुक्ला रीवा ने शहरों से गांवों की ओर आए लोगों पर तंज कसते हुए कविता बूढ़ी मां ये सोच रही बेटे उससे मिलने छोड़कर सारा कामकाज गांव आ गए हैं, बाप की चिता को आग भी जो देने नहीं आए, मरने के डर से वो आज गांव आ गए हैं सुनाई।
ग्वालियर से आए कवि राजकिशोर राज ने अपनी कविता कब बरसोगे, बादल कब बरसोगे, नन्हीं कलियां बिखर जाएंगी, तब बरसोगे... सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। रायपुर से आए प्रसिद्ध कवि रमेश विश्वास ने प्रेम का गीत सुनाया। जयपुर से आए कवि अशोक चारण, छतरपुर के अभिराम पाठक और बाराबंकी से आए कवि विनय शुक्ला की कविताओं को भी खूब सराहा गया। इस कार्यक्रम का संयोजन कवि प्रदीप दिहुलिया, सह संयोजन कवि देवेंद्र चतुर्वेदी और कवि नीतेंद्र चौबे ने किया।
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दिल्ली आए से आए कवि अनिल अग्रवंशी ने हास्य व्यंग्य रचना हंसना हंसाना आदत है मेरी, अपना बनाना आदत है मेरी। लोग मुंह फेर के चल देते हैं, खुद ही बुलाना आदत है मेरी... प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी।
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अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शुभारंभ चरखारी विधायक डॉ. बृजभूषण राजपूत ने किया। उरई से आईं कवयित्री प्रिया श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। प्रेम जगत आधार है, प्रेम ईश का नाम, प्रेमरूप श्री राधिका प्रेमरूप घनश्याम गीत प्रस्तुत करके खूब तालियां बटोरीं। कानपुर से आए हास्य व्यंग्य के रचनाकार हेमंत पांडेय ने एक फूल तुझे देने के लिए सस्ते में ले लिया, फूल तुझे देने को निकले थे, पर बजरंग दल वालों ने रास्ते में ले लिया...प्रस्तुत करके खूब ठहाके लगवाए।
लखनऊ से आईं कवयित्री डॉ. सुमन दुबे ने शृंगार रस की रचना वो न बदले हैं और न बदलेंगे, मैं जानती हूं उन्हें ज़माने से... प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं को मंच से जोड़ा। अमित शुक्ला रीवा ने शहरों से गांवों की ओर आए लोगों पर तंज कसते हुए कविता बूढ़ी मां ये सोच रही बेटे उससे मिलने छोड़कर सारा कामकाज गांव आ गए हैं, बाप की चिता को आग भी जो देने नहीं आए, मरने के डर से वो आज गांव आ गए हैं सुनाई।
ग्वालियर से आए कवि राजकिशोर राज ने अपनी कविता कब बरसोगे, बादल कब बरसोगे, नन्हीं कलियां बिखर जाएंगी, तब बरसोगे... सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। रायपुर से आए प्रसिद्ध कवि रमेश विश्वास ने प्रेम का गीत सुनाया। जयपुर से आए कवि अशोक चारण, छतरपुर के अभिराम पाठक और बाराबंकी से आए कवि विनय शुक्ला की कविताओं को भी खूब सराहा गया। इस कार्यक्रम का संयोजन कवि प्रदीप दिहुलिया, सह संयोजन कवि देवेंद्र चतुर्वेदी और कवि नीतेंद्र चौबे ने किया।

फोटो 18 एमएएचपी 10 परिचय-कविता पेश करते छतरपुर के अभिराम पाठक। संवाद- फोटो : बंद आंगनबाड़ी केंद्र हड़हवा के बाहर प्रदर्शन करती महिलाएं।

फोटो 18 एमएएचपी 10 परिचय-कविता पेश करते छतरपुर के अभिराम पाठक। संवाद- फोटो : बंद आंगनबाड़ी केंद्र हड़हवा के बाहर प्रदर्शन करती महिलाएं।

फोटो 18 एमएएचपी 10 परिचय-कविता पेश करते छतरपुर के अभिराम पाठक। संवाद- फोटो : बंद आंगनबाड़ी केंद्र हड़हवा के बाहर प्रदर्शन करती महिलाएं।