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UP: मथुरा के पोशाक कारोबारी को मिला 2.65 लाख रुपये का ऑर्डर, फिर जिस तरह हुई ठगी...सोच भी नहीं सकते
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 24 Nov 2025 10:40 AM IST
सार
सेना का अधिकारी बनकर मथुरा के पोशाक कारोबारी के खाते से 2.65 लाख रुपये उड़ा लिए। पीड़ित ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है।
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साइबर ठग
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
सेना का अधिकारी बताकर साइबर ठगों ने पोशाक कारोबारी से 2.65 लाख रुपये की ठगी कर ली। जालसाजों ने पहले पोशाक का ऑर्डर दिया। फिर सामान के भुगतान के एवज में रजिस्ट्रेशन के नाम पर कारोबारी से रकम ट्रांसफर करा ली। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है।
दर्ज कराई रिपोर्ट में कारोबारी अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि द्वारिकाधीश मंदिर के निकट बृजवासी पोशाक केंद्र के नाम से दुकान है। वह ठाकुरजी और राधारानी की पोशाक बनाकर थोक में बेचते हैं। छह अक्तूबर को उनके मोबाइल पर फोन आया, फोनकर्ता ने कहा कि वह सेना का अधिकारी है और वर्तमान में मथुरा कैंट में तैनात है। इसके बाद उसने 200 पोशाकों का ऑर्डर दिया। इसके बाद लोकेशन पर भेजने के लिए कह दिया। वह 13 अक्टूबर को पोशाक लेकर कैंट पहुंच गए और उन्होंने एडवांस भुगतान की मांग की तो एक बार में सारी रकम भेजने का दावा कर दिया।
थोड़ी देर बाद पीड़ित के मोबाइल पर दूसरे नंबर से फोन करके रजिस्ट्रेशन के लिए पांच रुपये ट्रांसफर कर लिए। इसके एवज में फोनकर्ता ने 10 रुपये उन्हें ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित का भरोसा जम गया। इसी तरह दो बार और रकम आदान-प्रदान की। फिर तीसरी बार में 2.65 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। यह रकम उनके खाते में वापस ट्रांसफर नहीं की। उन्होंने पलटकर फोन किया तो बंद आने लगा। सीओ सिटी का कार्य देख रहे अनिल कपरवान ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले की जांच कराई जा रही है।
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दर्ज कराई रिपोर्ट में कारोबारी अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि द्वारिकाधीश मंदिर के निकट बृजवासी पोशाक केंद्र के नाम से दुकान है। वह ठाकुरजी और राधारानी की पोशाक बनाकर थोक में बेचते हैं। छह अक्तूबर को उनके मोबाइल पर फोन आया, फोनकर्ता ने कहा कि वह सेना का अधिकारी है और वर्तमान में मथुरा कैंट में तैनात है। इसके बाद उसने 200 पोशाकों का ऑर्डर दिया। इसके बाद लोकेशन पर भेजने के लिए कह दिया। वह 13 अक्टूबर को पोशाक लेकर कैंट पहुंच गए और उन्होंने एडवांस भुगतान की मांग की तो एक बार में सारी रकम भेजने का दावा कर दिया।
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थोड़ी देर बाद पीड़ित के मोबाइल पर दूसरे नंबर से फोन करके रजिस्ट्रेशन के लिए पांच रुपये ट्रांसफर कर लिए। इसके एवज में फोनकर्ता ने 10 रुपये उन्हें ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित का भरोसा जम गया। इसी तरह दो बार और रकम आदान-प्रदान की। फिर तीसरी बार में 2.65 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। यह रकम उनके खाते में वापस ट्रांसफर नहीं की। उन्होंने पलटकर फोन किया तो बंद आने लगा। सीओ सिटी का कार्य देख रहे अनिल कपरवान ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले की जांच कराई जा रही है।