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Banke Bihari Mandir: पुरानी पोशाक से ही हुआ ठाकुर जी का शृंगार, नई पोशाक लिए खडे़ रहे शिष्य
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: अमर उजाला ब्यूरो
Updated Thu, 02 Oct 2025 11:49 AM IST
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सार
वृंदावन के श्रीबांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के समय में वृद्धि किए जाने पर सेवायतों का विरोध चल रहा है, तो वहीं सेवाधिकारी के अलावा अन्य सेवायत और उनके शिष्यों को मंदिर में प्रवेश देने से रोकने से ठाकुरजी का शृंगार पुरानी पोशाक से ही करना पड़ा।

बांकेबिहारी मंदिर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
श्रीबांकेबिहारी मंदिर में पहले कॉरिडोर का विरोध हुआ तो अब समय परिवर्तन और अन्य व्यवस्थाओं पर श्रीबांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन हाईपावर्ड कमेटी के आदेश पर बवाल मचा हुआ है। दर्शन के समय में वृद्धि किए जाने पर सेवायतों का विरोध चल ही रहा था कि मंगलवार को सेवाधिकारी के अलावा अन्य सेवायत और उनके शिष्यों को मंदिर में प्रवेश देने से रोकने से ठाकुरजी का शृंगार पुरानी पोशाक से ही करना पड़ा।
सेवायतों का कहना है कि यह गलत परंपरा थी, जिसके चलते उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया और नई पोशाक लेकर शिष्य बाहर ही खडे़ रहे। सेवायत हिमांशु गोस्वामी का कहना है कि हाईपावर्ड कमेटी श्रद्धालुओं के हित में कुछ भी करे। सभी लोग समर्थन करेंगे, लेकिन पूजा पद्धति को लेकर कुछ करेगी तो गोस्वामी समाज विरोध करेगा।
मंदिर से लेकर सड़क तक विरोध होगा। मंदिर में दर्शन के समय को लेकर कमेटी के आदेश के बाद मंगलवार को मंदिर में सेवाधिकारी बिट्टू गोस्वामी के प्रवेश के बाद अन्य सेवायत और शिष्यों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। सेवायतों का कहना है कि ठाकुरजी की नई पोशाक और शृंगार भी मंदिर के सेवाधिकारी तक नहीं पहुंच पाया और ठाकुरजी को सेवाधिकारी ने पुरानी पोशाक ही धारण कराई। सेवायत हिमांशु गोस्वामी का कहना है कि कमेटी को सभी बातों को ध्यान में रखकर नियम बनाने चाहिए।

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सेवायतों का कहना है कि यह गलत परंपरा थी, जिसके चलते उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया और नई पोशाक लेकर शिष्य बाहर ही खडे़ रहे। सेवायत हिमांशु गोस्वामी का कहना है कि हाईपावर्ड कमेटी श्रद्धालुओं के हित में कुछ भी करे। सभी लोग समर्थन करेंगे, लेकिन पूजा पद्धति को लेकर कुछ करेगी तो गोस्वामी समाज विरोध करेगा।
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मंदिर से लेकर सड़क तक विरोध होगा। मंदिर में दर्शन के समय को लेकर कमेटी के आदेश के बाद मंगलवार को मंदिर में सेवाधिकारी बिट्टू गोस्वामी के प्रवेश के बाद अन्य सेवायत और शिष्यों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। सेवायतों का कहना है कि ठाकुरजी की नई पोशाक और शृंगार भी मंदिर के सेवाधिकारी तक नहीं पहुंच पाया और ठाकुरजी को सेवाधिकारी ने पुरानी पोशाक ही धारण कराई। सेवायत हिमांशु गोस्वामी का कहना है कि कमेटी को सभी बातों को ध्यान में रखकर नियम बनाने चाहिए।