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Mau News: सर्दी में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा

Varanasi Bureau वाराणसी ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:50 PM IST
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The risk of heart attack and brain stroke increases in winter
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तापमान में गिरावट के साथ बर्फीली हवा से अनियंत्रित मधुमेह और ब्लड प्रेशर के मरीज गंभीर स्थिति में इलाज को पहुंच रहे हैं। बीपी, हार्ट अटैक, ब्रेन अटैक के मरीजों में बीस फीसदी का ग्राफ बढ़ गया है।
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गत दिवस एक निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने आए एक वृद्ध को बैंच पर बैठे ही अटैक हो गया। गनीमत थी कि पास से गुजर रही एक स्टॉफ नर्स ने इसे देखा और तत्काल सीपीआर देकर इससे चिकित्सकों को अवगत कराया।
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जहां हार्ट विशेषज्ञ की निगरानी में हुए उपचार से मरीज की जान बच सकी। मरीज का उपचार करने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक राय ने बताया कि वर्तमान सर्दी के सीजन में हृदय रोग के मरीजों का ग्राफ बीस फीसदी बढ़ गया है।
सर्दी के इस मौसम में अनियंत्रित डायबिटीज व बीपी की समस्या के साथ इस माह में अब तक 30 से अधिक मरीज आए। जबकि बीते माह में 20 से अधिक मरीजों में पेसमेकर लगाया गया है।
इस दौरान बीते नवंबर से अब तक 45 से अधिक मरीज मरीज हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक और एंजाइना के पहुंचे।बताया कि सबसे अधिक संख्या में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के रोगी 40 से 60 वर्ष आयु वर्ग के हैं। रोगियों का प्रमुख कारण हाई ब्लड प्रेशर मिला है।
इसके अलावा डायबिटीज पहले से है। इसमें तो ऐसे कई मरीज है जो कि उपचार कराने पहुंचे लेकिन उनकी ईसीजी जांच कराई गई तो हार्ट अटैक की पुष्टि हुई। उसे फौरन इमरजेंसी में भर्ती किया गया। इस माह में ही पांच ऐसे रोगी भर्ती हुए हैं।

नहाते समय बरतें सावधानी
सर्दी का मौसम ठंडक के साथ स्वास्थ्य के लिए कई खतरे भी लाता है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अनिल कुमार की माने तो ठंड में नहाने का गलत तरीका बीपी, लकवा (स्ट्रोक) और ब्रेन हेमरेज जैसी जानलेवा बीमारियों को न्योता दे सकता है।
विशेष रूप से कम इम्युनिटी वाले लोगों को खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं तेजी से सिकुड़ जाती हैं, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। अचानक सिर पर ठंडा पानी डालने से रक्त तेजी उस तरफ दौड़ता है, जिससे अधिक रक्तचाप के कारण दिमाग की नसों के फटने का खतरा बढ़ जाता है। रक्त का थक्का जम सकता है और ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो सकता है।
इससे लकवा मारने या दिमाग की नस फटने का खतरा बढ़ जाता है। बीपी और शुगर के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से ठंड का असर ज्यादा होता है। नहाने का गलत तरीका इन मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सर्दियों में नहाने की प्रक्रिया को हल्के में कत्तई नहीं लेना चाहिए। कोई भी असामान्य लक्षण (सिरदर्द, चक्कर, हाथ-पैर सुन्न होना) दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सर्दी में छोटी-मोटी लापरवाही बड़ी बीमारी का रूप ले सकती है।
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