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यादें: चौधरी अजित सिंह का बिजनौर से था गहरा नाता, आपने नहीं सुुने होंगे ये दिलचस्प किस्से

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बिजनौर Published by: Dimple Sirohi Updated Fri, 07 May 2021 10:36 AM IST
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सार

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का बिजनौर जिले की धरती से पुराना नाता रहा। इनकी दो बहनों की बिजनौर में शादी हुई है। जिले की राजनीति में चौधरी अजित सिंह का पूरा दखल रहा है।

Ajit Singh, has a deep connection with Bijnor,  played an important role in improving many leaders
रालोद प्रमुख अजित सिंह, RLD chief Ajit Singh - फोटो : amar ujala

विस्तार
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रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का बिजनौर जिले की धरती से पुराना नाता रहा। इनकी दो बहनों की बिजनौर में शादी हुई है। जिले की राजनीति में चौधरी अजित सिंह का पूरा दखल रहा है। कई राजनेताओं से उनके गहरे संबंध रहे। जिले के कई नेताओं को शिखर तक पहुंचाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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चौधरी अजित सिंह बिजनौर पहली बार 1987 में आए थे। बिजनौर में जहां विकास भवन है, वहां मैदान में एक सभा को उन्होंने संबोधित किया था। इसके बाद वे चांदपुर गए। चांदपुर में उनका स्वागत किया गया। लोगों ने नारे लगाकर छोटे चौधरी का मिनी छपरौली में स्वागत किया।
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उनकी बहन ज्ञानवती की शादी कोतवाली देहात थाने के हाजीपुर गांव निवासी डॉ. सतेंद्र प्रसन्न सिंह के साथ हुई थी। वह आईपीएस अधिकारी थे। वह महाराष्ट्र के डीजीपी भी रहे। डॉ. सतेंद्र प्रसन्न सिंह व ज्ञानवती दोनों का निधन हो चुका है। दोनों के बच्चे कहीं बाहर रहते हैं। चौधरी अजित सिंह की सबसे छोटी बहन शारदा सिंह की शादी चांदपुर थाने के गांव शादीपुर मिलक निवासी इंजीनियर वासुदेव सिंह के साथ हुई थी। ये पूरे परिवार के साथ अमेरिका में रहते हैं।

2004 में उन्होंने बिजनौर सुरक्षित सीट से मुंशीराम पाल को चुनाव लड़ाया। सपा, रालोद गठबंधन में मुंशीराम पाल सांसद बन गए। 2009 में भाजपा के साथ गठबंधन में बिजनौर सीट से संजय सिंह चौहान को चुनाव लड़ाकर उन्होंने सांसद बनाया। 1996 में उन्होंने पूर्व विधायक चौधरी धर्मवीर सिंह को खुद बुलाकर चांदपुर विधानसभा से टिकट दिया था। सपा नेता व पूर्व राज्यमंत्री स्वामी ओमवेश को 2003 में मायावती सरकार में उन्होंने पीडब्लूडी राज्यमंत्री बनवाया।

एक साल बाद भाजपा ने मायावती की सरकार गिरा दी। 2004 में प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार बनी। चौधरी अजित सिंह ने मुलायम सरकार को समर्थन दिया। इस सरकार में स्वामी ओमवेश को गन्ना राज्यमंत्री बनवाया। पूर्व विधायक सुखबीर सिंह से उनके गहरे संबंध रहे। रालोद के प्रदेश महासचिव रहे मुनिदेव शर्मा को वह खूब पसंद करते थे और उन्हें खूब तरजीह दी। युवा नेताओं में जिलाध्यक्ष राहुल सिंह को वे पसंद करते थे।

महेंद्र सिंह टिकैत के साथ आ गए थे चौधरी साहब
चौधरी अजित सिंह 2008 में गंज दारानगर में स्वामी ओमवेश द्वारा बुलाई सभा में शामिल हुए थे। इस सभा में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा महेंद्र सिंह टिकैत भी आए थे। मंच पर ही टिकैत से उनकी तकरार हो गई थी और दोनों में भिड़ने की नौबत आ गई थी। अन्य नेताओं ने बीच में आकर दोनों में मामला सुलझाया। महेंद्र सिंह के मायावती पर टिप्पणी करने पर तमाम नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए थे। पूरे पश्चिमी यूपी में इसे लेकर बवाल मचा था। चौधरी अजित सिंह की सादगी तब देखने को मिली। प्रदेश सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलन में वह महेंद्र सिंह टिकैत के साथ वे खड़े हो गए थे।

किसानों ने खो दिया सच्चा नेता : स्वामी ओमवेश
पूर्व राज्यमंत्री स्वामी ओमवेश के मुताबिक, उनके चौधरी अजित सिंह से पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। बड़ौत कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनकी चौधरी अजित सिंह से मुलाकात हुई थी। चौधरी साहब उन्हें बहुत चाहते थे। उन्हें दो बार मंत्री बनाया। चौधरी अजित सिंह ने किसानों की लड़ाई लड़ी और किसानों को मान सम्मान दिलाया। किसानों की लड़ाई लड़ने वाले नेता अब उनके बीच नहीं रहे। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। चौधरी अजित सिंह ने किसानों के लिए कई बड़े आंदोलन चलाए।

चौधरी साहब ने युवाओं को बढ़ाया: राहुल सिंह
रालोद जिलाध्यक्ष राहुल सिंह कहते हैं कि मैं बहुत दुखी हूं, क्योंकि मेरा एक खास रिश्ता था। वर्ष 2009 में मैं मात्र तीस साल का था, उस समय मुझे चौधरी अजित सिंह ने जिलाध्यक्ष बना दिया था। मैंने सोचा भी नहीं था कि मुझे इतनी जल्दी जिम्मेदारी मिल जाएगी। मैं जब भी अपनी युवा टोली के साथ जाता था तो हमसे एक घंटे से भी ज्यादा समय तक राजनीति और मुद्दों पर चर्चा करते थे। उन्होंने हमेशा युवाओं को बढ़ाने का काम किया है।

बहन की ससुराल में छाया शोक 
अजित सिंह के गुरुवार को निधन का समाचार सुनते ही उनकी बहन के ससुराल में शोक की लहर दौड़ गई। बहन डॉक्टर ज्ञानवती का विवाह थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव हाजीपुर के निवासी ढाल गोपाल सिंह के पुत्र पूर्व आईपीएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह के साथ हुआ था। जब चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब सत्येंद्र सिंह की बरात लखनऊ गई थी। गांव में चौधरी अजित सिंह की मृत्यु का समाचार मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई। गांव निवासी और सत्येंद्र सिंह के चचेरे भाई लोकेंद्र सिंह एडवोकेट बताते हैं।

सत्येंद्र सिंह व ज्ञानवती की मृत्यु हो चुकी है। उनका एक पुत्र अमेरिका में और पुत्री गुरुग्राम में रहती हैं। ज्ञानवती भाजपा के टिकट पर दो बार बुलंदशहर की खैर व एक अन्य सीट से विधायक भी रह चुकी हैं। सपा सरकार में एक बार महिला आयोग की चेयरमैन भी बनीं थीं।

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