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भाई! मैं तहसीलदार हूं, मुझे तो निकलने दो, सरकारी गाड़ी से उतरकर बोली अफसर लेकिन नहीं माने किसान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ
Published by: Dimple Sirohi
Updated Tue, 08 Dec 2020 01:31 PM IST
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- फोटो : अमर उजाला
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मेरठ में दोपहर बाद बंद का असर दिखाई देना शुरू हुआ। यहां जिटौली कट के नजदीक दोपहर 12 बजे तहसीलदार सरकारी गाड़ी लेकर निकली, लेकिन जाम लगा रहे किसान कार्यकर्ताओं ने उन्हें वापस भेज दिया। तहसीलदार काफी समझाने के बाद भी कार्यकर्ता नहीं माने, आखिरकार उन्हें वापस लौटना पड़ा।
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जिटौली कट के नजदीक भाकियू किसान यूनियन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर जाम लगा दिया। पदाधिकारियों ने हुक्का आदि भी मौके पर ही रख लिया और खाने की भट्टी भी मंगा ली। इसी दौरान तहसीलदार सदर शिल्पा एरन सरकारी गाड़ी से जानी में किसानों से ज्ञापन लेने के लिए जा रही थीं कि किसानों ने उनकी गाड़ी को रास्ते में ही रोक लिया।
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तहसीलदार सदर शिल्पा गाड़ी से उतरी और कहने लगी भाई मैं तहसीलदार हूं, मेरी गाड़ी को तो निकलने दो। आप लोगों ने रास्ता क्यों रोका है। सरकारी गाड़ी तो जाने दो। काफी देर तक तहसीलदार बोलती रहीं लेकिन किसी ने एक न सुनी। काफी देर तक किसानों ने उन्हें सड़क पर ही रोके रखा।
तहसीलदार ने किसानों से भी बातचीत की और फोन पर अधिकारियों से भी लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया। जिसके बाद वह वापस गाड़ी को मोदीपुरम से लेकर गई। तहसीलदार ने अपने मोबाइल से वीडियो भी बनाया और लेखपाल को भी निर्देश दिए कि इन सबकी वीडियो बनाओ।