Meerut: निजी अस्पतालों पर कसी लगाम, सीएमओ के 13 सख्त आदेश, दवा खरीदने की जबरन नीति पर कार्रवाई तय
मेरठ के सीएमओ ने निजी अस्पतालों और डॉक्टरों के लिए 13 सख्त नियम लागू किए हैं। मरीजों को किसी भी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने की स्वतंत्रता होगी और दबाव डालने पर अस्पताल का पंजीकरण रद्द किया जाएगा। रेट लिस्ट, स्टाफ उपस्थिति और रिकॉर्ड-कीपिंग पर भी कड़ी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
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मेरठ में डॉक्टर या अस्पताल प्रबंधन किसी भी मरीज को अपने मेडिकल स्टोर से दवा लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अगर ऐसा किया तो उस अस्पताल का पंजीकरण निरस्त किया जाएगा और चिकित्सक के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे ही 13 बिंदुओं पर बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने निजी अस्पतालों और डॉक्टरों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने बताया कि जिले में करीब 1400 पंजीकृत निजी चिकित्सक और करीब 300 पंजीकृत निजी अस्तपाल व नर्सिंग होम हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अब हर अस्पताल में मरीज अपनी मर्जी से किसी भी दुकान से दवा ले सकता है, का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। एक्सपायरी या निकट एक्सपायरी दवाओं का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है।
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सीएमओ ने कहा, अस्पताल ध्यान रखेंगे कि कोई बाहरी एंबुलेंस चालक या दलाल मरीजों के साथ दलाली न करें। अस्पताल या नर्सिंग होम के मुख्य द्वार पर पीला बोर्ड अनिवार्य रहेगा। इस पर हिंदी में काले अक्षरों से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नंबर, संचालक का नाम, बेड संख्या, चिकित्सा पद्धति, उपलब्ध सेवाएं और सभी डॉक्टर-नर्सों की पूरी सूची स्पष्ट रूप से लिखा हो।
रेफर सिस्टम और रिकॉर्ड रखरखाव में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। मरीज की हालत गंभीर होने पर तुरंत हायर सेंटर रेफर करना होगा, अनावश्यक भर्ती कर पैसा वसूलने पर कार्रवाई होगी। सभी मरीजों का रिकॉर्ड अपडेट रखना होगा जिसमें इलाज करने वाले डॉक्टर का नाम और मुहर अनिवार्य होगी।
आयुष्मान के मरीजों कोे न किया जाए परेशान
सीएमओ ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को पूरी तरह निशुल्क व बिना परेशान किए इलाज करना होगा। सभी अस्पतालों में पर्याप्त पार्किंग, साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण के मानक बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। सुरक्षाकर्मी केवल पंजीकृत एजेंसी से ही लिए जाएंगे।