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Meerut: श्री बांके बिहारी मंदिर में मवाना के कृपाल सिंह की मौत, परिजन बोले- सांस के रोगी थे, दम घुट गया
अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ
Published by: मोहम्मद मुस्तकीम
Updated Thu, 16 Oct 2025 11:33 AM IST
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सार
मवाना के गांव निलोहा से 50 लोगों का दल बांके बिहारी के दर्शन करने गया था। मंदिर में भीड़ अधिक थी। बताया गया कि दम घुटने से मौत हो गई। वहीं स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि मौत का कारण हार्ट अटैक है।

मंदिर में गिरे कृपाल सिंह को उठाते लोग।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मवाना के निलोहा गांव के रहने वाले कृपाल सिंह (55) की मौत श्रीबांकेबिहारी मंदिर की चौखट पर लिखी थी। वृंदावन आने के बाद उनके साथ आए लोगों ने उन्हें ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर जाने के लिए मना किया था। उनसे कहा था कि वे सांस के रोगी हैं, ऐसे में वहां न जाएं, वहां भीड़ होती है। कई बार हादसे हो चुके हैं लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी।

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एंबुलेंस से शव को लाते परिजन
- फोटो : अमर उजाला
दल के साथ आए संत अविनाश चौधरी ने बताया कि यात्रा में भक्तों ने कहा कि उन्हें ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी के दर्शन करने हैं। उन्होंने सभी को समझाया कि वहां रहने दो, वहां बहुत भीड़ होती है। भीड़ में हादसे भी हो जाते हैं। लेकिन कृपाल सिंह और अन्य लोगों ने कह दिया कि यहां तक आए और ठाकुरजी के दर्शन न हो पाए तो क्या आना। एक बार दर्शन तो जरूर करेंगे। सभी लोग तैयार हो गए और फिर दर्शन करने चले गए। वहां यह गंभीर हादसा हो गया।
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सांस के रोगी थे कृपाल सिंह
कृपाल सिंह के साथ आए उनके छोटे भाई ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि कृपाल सिंह सांस की बीमारी से पीड़ित थे। उनको हाई बीपी की भी समस्या थी। वृंदावन आते समय भी उनसे मना किया था लेकिन वह तैयार हो गए। मंदिर में उनकी तबीयत बिगड़ गई और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। मौत स्वाभाविक है और प्रभु के चरणों में हुई है।
कृपाल सिंह के साथ आए उनके छोटे भाई ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि कृपाल सिंह सांस की बीमारी से पीड़ित थे। उनको हाई बीपी की भी समस्या थी। वृंदावन आते समय भी उनसे मना किया था लेकिन वह तैयार हो गए। मंदिर में उनकी तबीयत बिगड़ गई और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। मौत स्वाभाविक है और प्रभु के चरणों में हुई है।
चार भाइयों में सबसे छोटे थे कृपाल
गांव निलौहा के पूर्व प्रधान भीम सिंह ने बताया कि गांव से काफी लोगों का ग्रुप तीर्थस्थल के भ्रमण और दर्शन के लिए गया था। उन्हीं के साथ कृपाल सिंह भी गया था। कृपाल सिंह अविवाहित था और चार भाइयों में सबसे छोटा था। वह खेत ठेके पर लेकर खेती और मजदूरी करता था।
गांव निलौहा के पूर्व प्रधान भीम सिंह ने बताया कि गांव से काफी लोगों का ग्रुप तीर्थस्थल के भ्रमण और दर्शन के लिए गया था। उन्हीं के साथ कृपाल सिंह भी गया था। कृपाल सिंह अविवाहित था और चार भाइयों में सबसे छोटा था। वह खेत ठेके पर लेकर खेती और मजदूरी करता था।
ये है मामला
मवाना के निलोहा से 50 लोग वृंदावन में मंदिरों के दर्शन के लिए आए थे। इनमें कृपाल (55) पुत्र शेर सिंह अपने छोट भाई ओमप्रकाश और भतीजे टीटू के साथ आए थे। भतीजे टीटू ने बताया कि शाम को सभी लोग ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। मंदिर में दर्शन के लिए जैसे ही सभी लोग अंदर घुसे तो भीड़ के बीच चाचा ओमप्रकाश की तबीयत बिगड़ने लगी। दर्शन के बाद वह जैसे ही गेट नंबर चार पर पहुंचे तभी वह अचेत होकर गिर गए। एंबुलेंस से उन्हें जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने प्रथमदृष्टया मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है।
मवाना के निलोहा से 50 लोग वृंदावन में मंदिरों के दर्शन के लिए आए थे। इनमें कृपाल (55) पुत्र शेर सिंह अपने छोट भाई ओमप्रकाश और भतीजे टीटू के साथ आए थे। भतीजे टीटू ने बताया कि शाम को सभी लोग ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। मंदिर में दर्शन के लिए जैसे ही सभी लोग अंदर घुसे तो भीड़ के बीच चाचा ओमप्रकाश की तबीयत बिगड़ने लगी। दर्शन के बाद वह जैसे ही गेट नंबर चार पर पहुंचे तभी वह अचेत होकर गिर गए। एंबुलेंस से उन्हें जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने प्रथमदृष्टया मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है।