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राजनीतिक हलचल: मुजफ्फरनगर में भाकियू की पंचायत में रालोद विधायकों की मौजूदगी से खलबली, लगाई जा रहीं ये अटकलें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरनगर
Published by: डिंपल सिरोही
Updated Wed, 07 May 2025 11:02 AM IST
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सार
मुजफ्फरनगर में चौधरी राकेश टिकैत प्रकरण के बाद से सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाकियू की महापंचायत के दौरान रालोद विधायकों की मंच पर मौजूदगी से सियासी हलचल तेज हो गई है। इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

राकेश टिकैत को पगड़ी पहनाते विभिन्न दलों-संगठनों के लोग।
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
मुजफ्फरनगर में भाकियू की महापंचायत में दो रालोद विधायकों की मौजूदगी से सियासी जगत में हलचल तेज हो गई है। इससे रालोद विधायकों के सियासी भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म होने लगा है।
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भाजपा के साथ गठबंधन से कई रालोद विधायक पहले ही असहज बताए जा रहे हैं। इसमें मेरठ समेत आसपास के क्षेत्र के विधायक भी शामिल हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले रालोद ने भाजपा के साथ गठबंधन का एलान किया था। इसका रालोद को लाभ भी मिला और बागपत से डॉ. राजकुमार सांगवान व बिजनौर से चंदन चौहान सांसद चुने गए।
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महापंचायत के मंच पर मौजूद नरेश टिकैत, राकेश टिकैत, इकरा हसन, हरेंद्र मलिक और विभिन्न दलों के नेता।
- फोटो : अमर उजाला
इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव में रालोद और सपा गठबंधन ने भाजपा को कई सीटों पर करारी शिकस्त दी थी। उस समय सपा के कई नेताओं ने रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। भाजपा के साथ गठबंधन होने पर विचारधारा नहीं मिलने पर भी वह विधायक रालोद में बने हुए हैं।

राकेश टिकैत को बांधी गई पगड़ी
- फोटो : अमर उजाला
महापंचायत में मंच पर पहुंचे दो रालोद विधायक
भाकियू नेता राकेश टिकैत के साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध में मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में सपा नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। भाजपा का कोई नेता नहीं पहुंचा, लेकिन रालोद के बुढ़ाना विधायक राजपाल बालियान व खतौली विधायक मदन भैया ने मंच पर पहुंचकर सियासी पंडितों को भी चौंका दिया है। ऐसे में इन रालोद विधायकों के सियासी भविष्य को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई है। भाजपा के साथ गठबंधन से पहले ही कई रालोद विधायक असहज चल रहे हैं। असहज चल रहे विधायकों में मेरठ समेत आसपास के क्षेत्र के विधायक भी शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: Meerut News Today Live: मेरठ और आसपास की ताजा और अहम खबरें, पढ़ें 7 मई को आपके शहर में क्या हुआ
भाकियू नेता राकेश टिकैत के साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध में मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में सपा नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। भाजपा का कोई नेता नहीं पहुंचा, लेकिन रालोद के बुढ़ाना विधायक राजपाल बालियान व खतौली विधायक मदन भैया ने मंच पर पहुंचकर सियासी पंडितों को भी चौंका दिया है। ऐसे में इन रालोद विधायकों के सियासी भविष्य को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई है। भाजपा के साथ गठबंधन से पहले ही कई रालोद विधायक असहज चल रहे हैं। असहज चल रहे विधायकों में मेरठ समेत आसपास के क्षेत्र के विधायक भी शामिल हैं।
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इकरा हसन
- फोटो : अमर उजाला
जयंत चौधरी भी दूर नहीं कर पा रहे असंतोष
केंद्र में मंत्री बनने के बाद जयंत चौधरी का रालोद कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया है, लेकिन केंद्र की सत्ता में भागीदारी होने के कारण जयंत अपनी आवाज मुखर होकर नहीं उठा पा रहे हैं। रालोद कार्यकर्ताओं को भी इसकी टीस है और निजी बातचीत में इस बात को वह स्वीकार भी कर रहे हैं, लेकिन खुलकर बोलने को कोई तैयार नहीं है।
मेरठ के सिवालखास सीट से रालोद विधायक गुलाम मोहम्मद भी सपा छोड़कर आए थे और चुनाव जीते। खतौली उपचुनाव में रालोद विधायक मदन भैया ने भी भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को 22143 वोटों से करारी शिकस्त दी थी। ऐसे में रालोद कार्यकर्ताओं के बीच भी विधायकों को लेकर चर्चा चल रही है।
केंद्र में मंत्री बनने के बाद जयंत चौधरी का रालोद कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया है, लेकिन केंद्र की सत्ता में भागीदारी होने के कारण जयंत अपनी आवाज मुखर होकर नहीं उठा पा रहे हैं। रालोद कार्यकर्ताओं को भी इसकी टीस है और निजी बातचीत में इस बात को वह स्वीकार भी कर रहे हैं, लेकिन खुलकर बोलने को कोई तैयार नहीं है।
मेरठ के सिवालखास सीट से रालोद विधायक गुलाम मोहम्मद भी सपा छोड़कर आए थे और चुनाव जीते। खतौली उपचुनाव में रालोद विधायक मदन भैया ने भी भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को 22143 वोटों से करारी शिकस्त दी थी। ऐसे में रालोद कार्यकर्ताओं के बीच भी विधायकों को लेकर चर्चा चल रही है।