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यूपी: अवैध कॉलोनियों का जाल तोड़ेगा 'ऑपरेशन चक्रव्यूह', ये साथ मिलकर करेंगे काम

अमित मुदगल, अमर उजाला, मेरठ Published by: Dimple Sirohi Updated Wed, 24 Apr 2019 12:34 PM IST
सार

  • एमडीए, पुलिस, प्रशासन, बिजली, नगर निगम, निबंधन, सिंचाई विभाग साथ करेंगे काम

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UP: Operation Chakravyuh will control illegal colonies in Meerut
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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शहर में विकसित होती जा रहीं अवैध कालोनियों का जाल तोड़ने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण ने ‘ऑपरेशन चक्रव्यूह’ तैयार किया है। इसमें एमडीए समेत सात विभाग मिलकर काम करेंगे और अवैध भूखंड की रजिस्ट्री से पहले सभी पड़ताल करेंगे। सभी विभागों को पत्र जारी किए जा रहे हैं, ताकि इस प्लान पर सुनियोजित ढंग से काम हो सके।
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यह है योजना का स्वरूप
शहर में अवैध निर्माणों की बाढ़ है। वीसी राजेश कुमार पांडेय ने जोनवार इसकी रिपोर्ट मांगी है। अवैध कालोनियों को नए सिरे से चिह्नित किया जा रहा है। शहर में 200 से ज्यादा अवैध कालोनियां हैं, जिनमें लगातार इजाफा होता जा रहा है।
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काॅलोनाइजर कर रहे खेल
अवैध काॅलोनी विकसित करने वाले कॉलोनाइजर पूरी गड़बड़ कर रहे हैं। यदि किसी किसान या भू स्वामी की जमीन पर कॉलोनी विकसित करनी है, तो उससे जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराते। कुछ रकम लेकर केवल करार करते हैं और यहां प्लाटिंग शुरू करते हैं। खरीददार को रजिस्ट्री सीधे भू स्वामी से करा देते हैं। इसमें स्टांप की बड़ी चोरी तो होती ही है, साथ ही यदि भविष्य में कोई कार्रवाई होती है तो काॅलोनाइजर साफ बच निकलता है, क्योंकि कागज पर उसका नाम कहीं है ही नहीं और किसान या भूस्वामी फंस जाता है। 

‘ऑपरेशन चक्रव्यूह’ के सात द्वार
प्रशासन
प्रशासन को एमडीए पत्र जारी कर रहा है। विशेष तौर पर जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि वह तहसीलों को अलर्ट करें, जिससे तहसीलों में नाम दर्ज होने और क्रय-विक्रय पर निगाह रखी जा सके।
पुलिस
अवैध निर्माणों को रोकने के लिए एसएसपी को पत्र भेजकर अनुरोध किया जा रहा है कि अवैध निर्माणों को सील करने या ध्वस्त करने में पुलिस समय से पहुंचे और सहयोग करे। दरअसल अवैध निर्माण पर जब बात होती है, तो पुलिस न मिलने का बहाना बना दिया जाता है।
बिजली
पीवीवीएनएल को पत्र लिखकर कहा जा रहा है कि कालोनियों में कनेक्शन देने से पहले यह देख लिया जाए कि कॉलोनी एमडीए से अप्रूव्ड है भी या नहीं। एक बार बिजली चालू होते ही वहां लोग भी भूखंड खरीद शुरू कर देते हैं।

नगर निगम
निगम की जिम्मेदारी तय होगी। शहर में हो रहे निर्माणों, खास तौर से पुनर्निर्माण के मामलों में निगम का अहम रोल है। पुराने भवन बताकर उनका जीर्णोद्घार करने के नाम पर निर्माण होता है। निर्माण जर्जर है, इसे घोषित करना निगम का काम है। ऐसे में निगम अधिकारियों को पत्र जा रहा है।
रजिस्ट्री विभाग
सबसे अहम रोल रजिस्ट्री विभाग का है। सभी सब रजिस्ट्रारों को पत्र भेजा रहा है कि रजिस्ट्री करने से पहले यह अवश्य देख लें कि जिस कॉलोनी में रजिस्ट्री हो रही है, रेरा अधिनियम लागू होने के बाद क्या यह कॉलोनी रजिस्टर्ड या अधिकृत है या नहीं।

सिंचाई विभाग 
हाईवे पर डेवलप हो रहीं अनेक कालोनियों के किनारे रजवाहे हैं। ऐसे में अवैध कॉलोनी डेवलप करने वालों को इस पर पुल बनाने की इजाजत देने से पहले पड़ताल की जाए।
एमडीए
एमडीए के सभी जोनल अधिकारी ठीक से इन सभी विभागों से समन्वय करें और सभी की हरी झंडी के बाद ही पूरा परीक्षण करें। तभी मानचित्र स्वीकृत करें। यदि कहीं निर्माण हो रहा होगा, तो एक्शन तत्काल हो।

अवैध निर्माणों को रोकने की पूरी तैयारी है। सभी विभागों से समन्वय बनाकर काम करेंगे, ताकि लोग भी अवैध निर्माणों के प्रति जागरूक रहें। - राजेश कुमार पांडेय, वीसी एमडीए
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