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Mirzapur News: माइनर सफाई की खानापूर्ति, किसानों की बढ़ी चिंता
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सिल्ट सफाई की जगह हिनौता माइनर में झाड़ियों की कटाई में जुटे श्रमिक।-संवाद ।
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भांवा। मड़िहान तहसील क्षेत्र में मुख्य घाघर नहर से निकली नहरों और माइनरों में सिल्ट सफाई के बजाय हो रहे सिर्फ झाड़ियों की कटाई से क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि माइनरों की ठीक ढंग से सिल्ट सफाई न होने से टेल पर बसे किसानों को पानी के लिए तरसना पड़ सकता है।
सोनभद्र के धनरौल बांध से पानी मिर्जापुर के मड़िहान तहसील तक पानी पहुंचता है। क्षेत्र में लूसा माइनर, पोखरौद माइनर, पतेरी माइनर, बघौडा माइनर, गोपलपुर रजबहा, मटिहानी माइनर, दारानगर माइनर, राजापुर माइनर, मर्चा माइनर, हिनौता रजबहा आदि है। जिससे क्षेत्र के हजारों एकड़ फसलों की सिंचाई की जाती है। सफाई के लिए नियुक्त ठेकेदार माइनर की डबला, पटरी पर उगे घास पूस, और झाड़ियों की कटाई कर इतिश्री कर अपनी जेब भरने में जुटे हुए है। वही बेड स्क्रैपिंग (तलहटी) में उगे झाड़ियों की सफाई तक नहीं हो रही है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। सफाई के हो रही माइनर की सफाई को देख चिंतित है।रवि की बुआई चल रही है।जल्द ही नहर में पानी आने वाला है।जब माइनर ही घास फूस,झाड़ियों से पटी रही तो खेत तक पानी पहुंचने में समस्या होना तय है। सिल्ट सफाई के बजाय कहीं-कहीं झाड़ियों की कटाई कर मलबा सड़क किनारे पटरियों पर फेंका जा रहा है। जिससे नहर पटरी से राहगीरो का आवागमन प्रभावित हो रहा है। अनिल, पूर्णेदु, तेज नारायन मौर्य, रंजित राव, आशीष, प्रीतेश, जितेंद्र मौर्य, गर्जन सिंह आदि ने किसानों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए माइनर में सिल्ट सफाई की मांग की है।
नहर और माइनरों की साफ-सफाई में हर साल सिंचाई विभाग अपनी मनमानी कर रहा है। सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
रामबाबू, किसान।
माइनर में हर साल पानी की आस में रबी सीजन में किसान खेतों में बोआई तो कर लेते हैं। लेकिन नहर और माइनरों का ठीक ढंग से साफ-सफाई न होने से टेल पर बसे किसानो कों पानी के लिए तरसना पड़ता है।
-रामदास, किसान।
मोंथा चक्रवात के समय हुई बारिश से अभी तक खेतों में नमी बनी हुई है। इस बीच ज्यादातर किसान गेहूं सहित अन्य फसलों की बोआई कर चुके। ऐसे में शीघ्र ही खेतों को पानी चाहिए। कैसे पानी पहुंचेगा भगवान ही मालिक।
-जमुना, किसान।
क्षेत्र में माइनर सफाई का काम चल रहा है। माइनर में पानी होने के कारण बेड स्क्रैपिंग सफाई करना संभव नहीं है। पानी सूखने पर ही कार्य कराया जा सकता है।
-दिनेश कुमार, अवर अभियंता, एमसीडी।
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नहर और माइनरों की साफ-सफाई में हर साल सिंचाई विभाग अपनी मनमानी कर रहा है। सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
रामबाबू, किसान।
माइनर में हर साल पानी की आस में रबी सीजन में किसान खेतों में बोआई तो कर लेते हैं। लेकिन नहर और माइनरों का ठीक ढंग से साफ-सफाई न होने से टेल पर बसे किसानो कों पानी के लिए तरसना पड़ता है।
-रामदास, किसान।
मोंथा चक्रवात के समय हुई बारिश से अभी तक खेतों में नमी बनी हुई है। इस बीच ज्यादातर किसान गेहूं सहित अन्य फसलों की बोआई कर चुके। ऐसे में शीघ्र ही खेतों को पानी चाहिए। कैसे पानी पहुंचेगा भगवान ही मालिक।
-जमुना, किसान।
क्षेत्र में माइनर सफाई का काम चल रहा है। माइनर में पानी होने के कारण बेड स्क्रैपिंग सफाई करना संभव नहीं है। पानी सूखने पर ही कार्य कराया जा सकता है।
-दिनेश कुमार, अवर अभियंता, एमसीडी।