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मिर्जापुर हादसा : मां की मौत की मिली सूचना, एक घंटे बाद जिंदा होने का पता चला
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चुनार जंक्शन पर रोते विलखते, मृतक के परिजन, फोटो संवाद
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पड़री/मड़िहान (मिर्जापुर)। चुनार रेलवे स्टेशन पर हादसे में सुशीला की मौत होने की सूचना मिलते ही उनका पुत्र हरिश्चंद्र आधार कार्ड लेकर पोस्टमार्टम हाउस के लिए निकलने वाला था। गांव के लोग जुट गए थे। एक घंटे बाद हरिश्चंद्र के पास फोन आया। फोन करने वाले ने सुशीला की बात बेटे हरिश्चंद्र से कराई। मां ने बेटे से कहा कि वह जिंदा है। रेलवे स्टेशन पर है। इसके बाद हरिश्चंद्र रेलवे स्टेशन चुनार पहुंचे। वहां उसे मां सुशीला मिली। उन्हें लेकर घर आया।
मड़िहान थाना क्षेत्र के महुआरी गांव निवासी सुशीला (75) चार दिन पहले राजगढ़ थाना क्षेत्र के खम्हरिया के सतपुरवा मौजा स्थित अपने मायके गई थी। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने के लिए भाई श्याम प्रसाद की पुत्री और पट्टीदारी की अन्य महिलाओं और बालिकाएं जिद करके ले गईं। सुशीला को नहीं पता कि साथ में जा रही बालिकाओं की यह अंतिम यात्रा है। ट्रेन रुकने पर बच्चे और महिलाएं ट्रेन से उतरकर रेलवे लाइन पार कर रही थीं। वृद्ध होने के कारण सुशीला ट्रेन में ही बैठी थीं। तब तक हादसा हो गया। हादसे के बाद वह प्लेटफाॅर्म की ओर उतरीं। उधर, उनकी मौत की सूचना दे दी गई। इस दौरान सुशीला ने वहां से एक युवक का मोबाइल लेकर बेटे हरिश्चंद्र को फोन कर सूचना दी। मां के जिंदा होने की सूचना पाकर पुत्र और परिवार में लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई।
शाम 7:45 बजे तक शवों का हुआ पोस्टमार्टम
मिर्जापुर। शवों का पोस्टमार्टम कराने के लिए एसीएमओ डॉ. वीके चौधरी की निगरानी में डॉ. आशुतोष शुक्ला व डॉ. विजय मौर्या मौजूद रहे। देर शाम तक शवों का पोस्टमार्टम हुआ। पहला पोस्टमार्टम अंजू, दूसरा शिव कुमार, तीसरा साधना, चौथा सविता और पांचवां कलावती के शव का हुआ। शाम 7:45 बजे तक शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
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पोस्टमार्टम हाउस पर लगाई गई थी फोर्स
मिर्जापुर। घटना के बाद दोपहर में शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। इसके बाद परिजनों और रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया। घटना के बाद किसी प्रकार का विवाद न हो, इसके लिए शहर, कटरा, राजगढ़ और आसपास क्षेत्र की पुुलिस को तैनात किया गया था।
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दो लाख की सहायता से संतुष्ट नहीं परिजन
मिर्जापुर। पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे मंत्री रविंद्र जायसवाल ने परिजनों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दो लाख रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने की जानकारी दी। इससे परिजन संतुष्ट नहीं हुए। परिजनों की मांग थी कि कम से कम पांच लाख रुपये मुआवजा मिलना चाहिए।
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दो पिकअप से आए शव
मिर्जापुर। हादसे के बाद बाद शवों को बैग में रखा गया। शवों को दो पिकअप से पोस्टमार्टम हाउस लाया गया। पोस्टमार्टम हाउस पर पहले पिकअप से शव के दो बैग उतारे गए। शहर कोतवाल नीरज पाठक ने शवों को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया। इसके बाद दूसरे पिकअप से बाकी शव लाए गए। पिकअप से शव लाने की दिनभर चर्चा रही कि क्या शव को इसी तरह पिकअप से पोस्टमार्टम हाउस भेजा जाना चाहिए था। शव वाहन से क्यों नहीं भेजे गए।
साधना और शिव कुमारी को पटरी की ओर उतरने से मां गीता ने रोका था
सक्तेशगढ़। हादसे में मृत दो सगी बहरों शिव कुमारी और साधना को रेलवे पटरी की ओर उतरने से उनकी मां गीता ने रोका था, पर वह नहीं मानी। शिव कुमारी व साधना अपनी मां गीता देवी, चाची सविता के साथ गई थीं। गीता को पांच पुत्रियां व एक पुत्र हैं। इसमें सबसे बड़ी बेटी सोनी व दूसरी खुशबू की शादी हो चुकी है। शिव कुमारी इंटर और साधना कक्षा आठ में पढ़ती थी। छोटा भाई आशीष व बहन आयुषी घर पर थे। पिता विजय शंकर बाहर गए थे। मौत की सूचना मिलने के बाद आयुषी व आशीष दोनों के आंसू नहीं रुक रहे थे।
मौत से गांव में मातम
सक्तेशगढ़। चुनार रेलवे स्टेशन पर हादसे में मरने वाले चार लोग राजगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सोन खम्हरियां के बिंदपुरवा मजरे के निवासी थे। चार लोगों की मौत होने से क्षेत्र व मजरे में सन्नाटा सा पसरा था। कार्तिक पूर्णिमा पर सोन खम्हरियां ग्राम पंचायत के बिंदपुरवा से 15 की संख्या में महिला व पुरुष अपने घर से समूह में बुधवार की सुबह पैदल ही लगभग छह किलोमीटर की दूरी तय करके लूसा रेलवे स्टेशन पर चुनार गोमो पैसेंजर पकड़कर चुनार गंगा घाट स्नान करने के लिए जा रहे थे।
अंजू बीए की छात्रा थी
मिर्जापुर। हादसे में मृत अंजू देवी राजगढ़ स्थित कृषक महाविद्यालय में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। अंजू तीन बहन में तीसरे नंबर पर थी। बड़ी बहन पिंकी व गुड़िया की शादी हो चुकी है। दो छोटे भाई विकास और नीरज हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए उसके साथ उसकी चचेरी बहन ममता और बुआ भी साथ गई थी।
जीएम और डीआरएम ने विभागीय जांच के दिए आदेश
चुनार। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह व डीआरएम रजनीश अग्रवाल दोपहर डेढ़ बजे चुनार स्टेशन पहुंचे। उन्होंने प्लेटफाॅर्म नंबर चार का निरीक्षण किया। महाप्रबंधक व मंडल रेल प्रबंधक ने अधीनस्थों से हादसे की जानकारी ली। उन्होंने उपरगामी सेतु व प्लेटफॉर्म का निरीक्षण किया। जीएम ने घटना की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। कहा कि जांच में किसी की लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई होगी।
ट्रेन आने पर लगाई थी आवाज
चुनार। चोपन-प्रयागराज ट्रेन से चुनार जंक्शन पर उतरीं प्रत्यक्षदर्शी राजगढ़ की खम्हरिया निवासी भागीरथी ने बताया कि ट्रेन से कुछ महिलाएं और पुरुष प्लेटफॉर्म नंबर चार की ओर उतरे। अधिकांश महिला-पुरुष रेलवे ट्रैक की ओर उतर रहे थे। इसी दौरान तीन नंबर प्लेटफॉर्म के पूर्वी छोर पर खड़े यात्रियों ने ट्रेन देखा और आवाज लगाई। लेकिन तब तक हादसा हो गया।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई
चुनार। भाजपा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने घटना पर नाराजगी जताते हुए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे मंत्री रविंद्र जायसवाल से कहा कि चोपन-प्रयागराज ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर आती है। आज इसे प्लेटफार्म नंबर चार पर लाया गया। इससे यह हादसा हो गया। मंत्री ने स्टेशन अधीक्षक मेजर सिन्हा से जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि इस ट्रेन के लिए चार नंबर प्लेटफॉर्म निर्धारित है। मंत्री ने भाजपा नेताओं को आश्वस्त किया कि घटना की जांच कराई जाएगी। इस दौरान विजय बहादुर सिंह, पूर्व सभासद जगदीश गुप्ता, विजय कुमार वर्मा, किशन मोदनवाल, अभिलाष राय, मदन लाल, अविनाश गुप्ता, विवेक दूबे, आदि मौजूद थे।
तीन नातिन को बचाया पर खुद हो गई हादसे का शिकार
मिर्जापुर। चुनार रेलवे स्टेशन पर हादसे की शिकार कलावती ने अपनी तीन पौत्रियों को बचा लिया पर खुद प्लेटफॉर्म पर नहीं चढ़ सकीं। वह हादसे की शिकार हो गईं। सोनभद्र के कर्मा थाना क्षेत्र के बसवा गांव निवासी कलावती (57) पत्नी जर्नादन यादव अपने पुत्र रामबाबू की तीन पुत्रियों चांदनी (12), नैना (10), शिखा (8) के साथ सुबह सात बजकर 20 मिनट पर खैराही स्टेशन पर चोपन–प्रयागराज पैसेंजर ट्रेन से चुनार गंगा घाट स्नान करने गईं थी। हादसे के समय कलावती अपनी तीनाें पौत्रियों के साथ रेलवे लाइन पर उतरीं तो ट्रेन आने पर लोगों ने शोर मचाया। कलावती ने सबसे पहले तीनों पौत्रियों को प्लेटफॉर्म पर चढ़ाया पर खुद नहीं चढ़ सकीं। वह ट्रेन की चपेट में आ गईं। चांदनी ने फोन कर घर पर सूचना दी।
शोक जताने पहुंचे जनप्रतिनिधि
मिर्जापुर। हादसे के बाद मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता तत्काल सुनिश्चित की जाए। रमाशंकर सिंह ने कहा कि यह हादसा पूरे क्षेत्र के लिए दुखद है। सपा जिलाध्यक्ष देवी चौधरी, रोहित शुक्ला भी मौके पर पहुंचे। सपा नेता ज्योति बिंद ने आर्थिक मदद की।
आखिर किसका है छठवां शव
मिर्जापुर। हादसे के बाद छह लोगों की मौत की जानकारी हुई। इसमें छठवां शव सुशीला का बताया गया, पर उसके जिंदा होने पर अधिकारी शवों की शिनाख्त करने में जुट गए। एएसपी सिटी नितेश सिंह पोस्टमार्टम हाउस पर डटे रहे। शव क्षत-विक्षत हो गए थे। डॉक्टर और पोस्टमार्टम स्टाफ ने परिजनों को बुलाकर शवों की पहचान कराई। पांच शवों की तो पहचान हो गई पर एक शव की शिनाख्त नहीं हो सकी। उसका कुछ हिस्सा ही मिला। 40 वर्षीय महिला का शव होने की आशंका है।
शवों के हो गए थे कई टुकड़े
मिर्जापुर। हादसे के बाद शव क्षत-विक्षत हो गए थे। शव कई टुकड़ों में बंट गए थे। किसी भी शव के पूरे अंग नहीं थे। परिजनों ने कपड़े से पहचान की। शव के कुछ हिस्से ट्रेन में फंस गए थे। पोस्टमार्टम हाउस पर भी शवों को पहचानने में मुश्किलें आ रही थीं।
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शाम 7:45 बजे तक शवों का हुआ पोस्टमार्टम
मिर्जापुर। शवों का पोस्टमार्टम कराने के लिए एसीएमओ डॉ. वीके चौधरी की निगरानी में डॉ. आशुतोष शुक्ला व डॉ. विजय मौर्या मौजूद रहे। देर शाम तक शवों का पोस्टमार्टम हुआ। पहला पोस्टमार्टम अंजू, दूसरा शिव कुमार, तीसरा साधना, चौथा सविता और पांचवां कलावती के शव का हुआ। शाम 7:45 बजे तक शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
पोस्टमार्टम हाउस पर लगाई गई थी फोर्स
मिर्जापुर। घटना के बाद दोपहर में शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। इसके बाद परिजनों और रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया। घटना के बाद किसी प्रकार का विवाद न हो, इसके लिए शहर, कटरा, राजगढ़ और आसपास क्षेत्र की पुुलिस को तैनात किया गया था।
दो लाख की सहायता से संतुष्ट नहीं परिजन
मिर्जापुर। पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे मंत्री रविंद्र जायसवाल ने परिजनों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दो लाख रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने की जानकारी दी। इससे परिजन संतुष्ट नहीं हुए। परिजनों की मांग थी कि कम से कम पांच लाख रुपये मुआवजा मिलना चाहिए।
दो पिकअप से आए शव
मिर्जापुर। हादसे के बाद बाद शवों को बैग में रखा गया। शवों को दो पिकअप से पोस्टमार्टम हाउस लाया गया। पोस्टमार्टम हाउस पर पहले पिकअप से शव के दो बैग उतारे गए। शहर कोतवाल नीरज पाठक ने शवों को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया। इसके बाद दूसरे पिकअप से बाकी शव लाए गए। पिकअप से शव लाने की दिनभर चर्चा रही कि क्या शव को इसी तरह पिकअप से पोस्टमार्टम हाउस भेजा जाना चाहिए था। शव वाहन से क्यों नहीं भेजे गए।
साधना और शिव कुमारी को पटरी की ओर उतरने से मां गीता ने रोका था
सक्तेशगढ़। हादसे में मृत दो सगी बहरों शिव कुमारी और साधना को रेलवे पटरी की ओर उतरने से उनकी मां गीता ने रोका था, पर वह नहीं मानी। शिव कुमारी व साधना अपनी मां गीता देवी, चाची सविता के साथ गई थीं। गीता को पांच पुत्रियां व एक पुत्र हैं। इसमें सबसे बड़ी बेटी सोनी व दूसरी खुशबू की शादी हो चुकी है। शिव कुमारी इंटर और साधना कक्षा आठ में पढ़ती थी। छोटा भाई आशीष व बहन आयुषी घर पर थे। पिता विजय शंकर बाहर गए थे। मौत की सूचना मिलने के बाद आयुषी व आशीष दोनों के आंसू नहीं रुक रहे थे।
मौत से गांव में मातम
सक्तेशगढ़। चुनार रेलवे स्टेशन पर हादसे में मरने वाले चार लोग राजगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सोन खम्हरियां के बिंदपुरवा मजरे के निवासी थे। चार लोगों की मौत होने से क्षेत्र व मजरे में सन्नाटा सा पसरा था। कार्तिक पूर्णिमा पर सोन खम्हरियां ग्राम पंचायत के बिंदपुरवा से 15 की संख्या में महिला व पुरुष अपने घर से समूह में बुधवार की सुबह पैदल ही लगभग छह किलोमीटर की दूरी तय करके लूसा रेलवे स्टेशन पर चुनार गोमो पैसेंजर पकड़कर चुनार गंगा घाट स्नान करने के लिए जा रहे थे।
अंजू बीए की छात्रा थी
मिर्जापुर। हादसे में मृत अंजू देवी राजगढ़ स्थित कृषक महाविद्यालय में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। अंजू तीन बहन में तीसरे नंबर पर थी। बड़ी बहन पिंकी व गुड़िया की शादी हो चुकी है। दो छोटे भाई विकास और नीरज हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए उसके साथ उसकी चचेरी बहन ममता और बुआ भी साथ गई थी।
जीएम और डीआरएम ने विभागीय जांच के दिए आदेश
चुनार। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह व डीआरएम रजनीश अग्रवाल दोपहर डेढ़ बजे चुनार स्टेशन पहुंचे। उन्होंने प्लेटफाॅर्म नंबर चार का निरीक्षण किया। महाप्रबंधक व मंडल रेल प्रबंधक ने अधीनस्थों से हादसे की जानकारी ली। उन्होंने उपरगामी सेतु व प्लेटफॉर्म का निरीक्षण किया। जीएम ने घटना की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। कहा कि जांच में किसी की लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई होगी।
ट्रेन आने पर लगाई थी आवाज
चुनार। चोपन-प्रयागराज ट्रेन से चुनार जंक्शन पर उतरीं प्रत्यक्षदर्शी राजगढ़ की खम्हरिया निवासी भागीरथी ने बताया कि ट्रेन से कुछ महिलाएं और पुरुष प्लेटफॉर्म नंबर चार की ओर उतरे। अधिकांश महिला-पुरुष रेलवे ट्रैक की ओर उतर रहे थे। इसी दौरान तीन नंबर प्लेटफॉर्म के पूर्वी छोर पर खड़े यात्रियों ने ट्रेन देखा और आवाज लगाई। लेकिन तब तक हादसा हो गया।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई
चुनार। भाजपा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने घटना पर नाराजगी जताते हुए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे मंत्री रविंद्र जायसवाल से कहा कि चोपन-प्रयागराज ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर आती है। आज इसे प्लेटफार्म नंबर चार पर लाया गया। इससे यह हादसा हो गया। मंत्री ने स्टेशन अधीक्षक मेजर सिन्हा से जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि इस ट्रेन के लिए चार नंबर प्लेटफॉर्म निर्धारित है। मंत्री ने भाजपा नेताओं को आश्वस्त किया कि घटना की जांच कराई जाएगी। इस दौरान विजय बहादुर सिंह, पूर्व सभासद जगदीश गुप्ता, विजय कुमार वर्मा, किशन मोदनवाल, अभिलाष राय, मदन लाल, अविनाश गुप्ता, विवेक दूबे, आदि मौजूद थे।
तीन नातिन को बचाया पर खुद हो गई हादसे का शिकार
मिर्जापुर। चुनार रेलवे स्टेशन पर हादसे की शिकार कलावती ने अपनी तीन पौत्रियों को बचा लिया पर खुद प्लेटफॉर्म पर नहीं चढ़ सकीं। वह हादसे की शिकार हो गईं। सोनभद्र के कर्मा थाना क्षेत्र के बसवा गांव निवासी कलावती (57) पत्नी जर्नादन यादव अपने पुत्र रामबाबू की तीन पुत्रियों चांदनी (12), नैना (10), शिखा (8) के साथ सुबह सात बजकर 20 मिनट पर खैराही स्टेशन पर चोपन–प्रयागराज पैसेंजर ट्रेन से चुनार गंगा घाट स्नान करने गईं थी। हादसे के समय कलावती अपनी तीनाें पौत्रियों के साथ रेलवे लाइन पर उतरीं तो ट्रेन आने पर लोगों ने शोर मचाया। कलावती ने सबसे पहले तीनों पौत्रियों को प्लेटफॉर्म पर चढ़ाया पर खुद नहीं चढ़ सकीं। वह ट्रेन की चपेट में आ गईं। चांदनी ने फोन कर घर पर सूचना दी।
शोक जताने पहुंचे जनप्रतिनिधि
मिर्जापुर। हादसे के बाद मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता तत्काल सुनिश्चित की जाए। रमाशंकर सिंह ने कहा कि यह हादसा पूरे क्षेत्र के लिए दुखद है। सपा जिलाध्यक्ष देवी चौधरी, रोहित शुक्ला भी मौके पर पहुंचे। सपा नेता ज्योति बिंद ने आर्थिक मदद की।
आखिर किसका है छठवां शव
मिर्जापुर। हादसे के बाद छह लोगों की मौत की जानकारी हुई। इसमें छठवां शव सुशीला का बताया गया, पर उसके जिंदा होने पर अधिकारी शवों की शिनाख्त करने में जुट गए। एएसपी सिटी नितेश सिंह पोस्टमार्टम हाउस पर डटे रहे। शव क्षत-विक्षत हो गए थे। डॉक्टर और पोस्टमार्टम स्टाफ ने परिजनों को बुलाकर शवों की पहचान कराई। पांच शवों की तो पहचान हो गई पर एक शव की शिनाख्त नहीं हो सकी। उसका कुछ हिस्सा ही मिला। 40 वर्षीय महिला का शव होने की आशंका है।
शवों के हो गए थे कई टुकड़े
मिर्जापुर। हादसे के बाद शव क्षत-विक्षत हो गए थे। शव कई टुकड़ों में बंट गए थे। किसी भी शव के पूरे अंग नहीं थे। परिजनों ने कपड़े से पहचान की। शव के कुछ हिस्से ट्रेन में फंस गए थे। पोस्टमार्टम हाउस पर भी शवों को पहचानने में मुश्किलें आ रही थीं।