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यूपी में छह की मौत: 'बहन को बचाने की कोशिश की, पर छूट गया हाथ', ममता ने बताई कहानी; प्लेटफॉर्म पर बिखरे थे शव

अमर उजाला नेटवर्क, मिर्जापुर Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 06 Nov 2025 03:07 PM IST
सार

यूपी के मिर्जापुर के चुनार रेलवे स्टेशन पर बुधवार की सुबह सवा नौ बजे रेलवे ट्रैक पार करते समय नेताजी एक्सप्रेस (कालका मेल) की चपेट में आने से दो सगी बहनों समेत छह महिलाओं की मौत हो गई। महिलाएं कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने जा रही थीं।

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Mirzapur Train Accident Mamata tells story I tried to save my sister but his hand dropped
Mirzapur Train Accident - फोटो : अमर उजाला
मिर्जापुर के चुनार रेलवे स्टेशन पर लाइन पार करते समय हुई घटना की प्रत्यक्षदर्शी मृतक अंजू की छोटी बहन ममता ने बताया कि ट्रेन चुनार स्टेशन पर आकर खड़ी हुई। बोगी से तीन नंबर ट्रैक की ओर लगभग 100 महिला, पुरुष और बच्चे उतरे। तभी लोगों को पीछे से अचानक किसी ट्रेन के तेज रफ्तार से आने की आहट हुई।


इसके बाद लोग खड़ी ट्रेन में न चढ़कर इधर उधर भागने लगे। इससे लाइन से गुजर रही ट्रेन की चपेट में कई लोग आ गए। बताया कि बहन अंजू को बचाने के लिए वह उसका हाथ पकड़कर रेलवे ट्रैक से खींच रही थी, लेकिन हाथ छूट गया और उसकी जान चली गई।
 
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चुनार स्टेशन पर दर्दनाक हादसा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
हादसे ने तैयारी की खामियां उजागर कीं
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के लिए बुधवार को चुनार रेलवे स्टेशन पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच हुए हादसे ने प्रशासनिक तैयारियों की खामियों को उजागर कर दिया। हजारों की संख्या में पहुंचे यात्रियों के लिए स्टेशन पर सीमित पुलिस बल था। जीआरपी चौकी प्रभारी रमाशंकर यादव के साथ आठ हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल ड्यूटी पर थे।
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चुनार स्टेशन पर हादसे के बाद विलाप करते परिजन - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इसके अलावा एक उपनिरीक्षक और छह आरक्षियों की अतिरिक्त मांग भी की गई थी। स्थानीय आरपीएफ टीम मौजूद रही, लेकिन भीड़ के आगे इंतजाम नाकाफी थे।
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चुनार स्टेशन पर हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
मां की मौत की मिली सूचना, एक घंटे बाद जिंदा होने का पता चला
मिर्जापुर के चुनार रेलवे स्टेशन पर हादसे में सुशीला की मौत होने की सूचना मिलते ही उनका पुत्र हरिश्चंद्र आधार कार्ड लेकर पोस्टमार्टम हाउस के लिए निकलने वाला था। गांव के लोग जुट गए थे। एक घंटे बाद हरिश्चंद्र के पास फोन आया। फोन करने वाले ने सुशीला की बात बेटे हरिश्चंद्र से कराई। मां ने बेटे से कहा कि वह जिंदा है। रेलवे स्टेशन पर है। इसके बाद हरिश्चंद्र रेलवे स्टेशन चुनार पहुंचे। वहां उसे मां सुशीला मिली। उन्हें लेकर घर आया।
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चुनार स्टेशन पर हादसे के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारी - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
मड़िहान थाना क्षेत्र के महुआरी गांव निवासी सुशीला (75) चार दिन पहले राजगढ़ थाना क्षेत्र के खम्हरिया के सतपुरवा मौजा स्थित अपने मायके गई थी। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने के लिए भाई श्याम प्रसाद की पुत्री और पट्टीदारी की अन्य महिलाओं और बालिकाएं जिद करके ले गईं। सुशीला को नहीं पता कि साथ में जा रही बालिकाओं की यह अंतिम यात्रा है। 
 
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