जीएसटी: खाने-पीने की चीजों के दाम जस के तस, बर्तनों के बढ़े, दो माह बाद भी नई दरों का जमीन पर नहीं दिखा असर
जीएसटी नईं दरें लागू होने के दो माह बाद भी प्रतिदिन इस्तेमाल होने वाले सामानों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। दुकानदारों के मुताबिक बर्तन मार्केट में इसका असर दिख रहा है।
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जीएसटी की नई दरें लागू हुए दो महीने बीत गए लेकिन अभी तक रोजमर्रा में उपयोग किए जाने वाले सामान की दरों में बदलाव नजर नहीं आ रहा है। लोगों को पुरानी जीएसटी के अनुसार ही बाजार में सामान मिल रहा है।
ऐसे में लोगों को कुछ सामानों के ज्यादा पैसे चुकाने पड़ रहे है। कटरा नाज, बर्तन बाजार, चौमुखा पुल समेत अन्य बाजार में दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले सामान पुराने दाम पर ही मिल रहे हैं। ग्राहकों को जीएसटी का लाभ नहीं मिलता दिखाई दे रहा है।
पुराने दाम पर मिल रहे दूध, पनीर और बिस्किट
कटरा नाज बाजार में स्थित प्रकाश नारायण एंड संस के संचालक राकेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि वनस्पति तेल 206 रुपये प्रति किलो है। इसके दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जीएसटी की दरों को कम करने की बात पर उन्होंने कहा कि एमआरपी पर ही सामान बेचे जाएंगे।
अगर तेल के कैन पर एमआरपी कम लिखकर आता है कम दाम में ही उसे बेचा जाएगा। चौमुखा पुल के पास स्थित आरके स्टोर संचालक अविनाश गुप्ता का कहना है कि प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले सामान के मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सैम्पू, अरहर की दाल, बिस्किट, बटर और पनीर उसी दाम पर बेचा जा रहा है। इसके साथ ही साबुन और सर्फ में के दाम में कोई बदलाव नहीं है।
अरहर दाल 120 120
चीनी 45 45
दूध 75 75
वनस्पति तेल 206 206
घी 650 650
(रुपये प्रति किलो)
बर्तनों के दाम बढ़े
बर्तन बाजार के बर्तन कारोबारियों का कहना है कि जीएसटी की दरों में बदलाव होने के बाद से स्टील, कॉपर और ब्रास के दाम बढ़ गए हैं। क्योंकि कच्चे माल पर जीएसटी 18 प्रतिशत और तैयार माल पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। इससे जीएसटी में 13 प्रतिशत का अंतर है।
इससे कारोबार करने में परेशानी होती है। बर्तन बाजार में स्थित श्री साई मेटल के संचालक सुनील अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद से प्रति किलो के पीछे स्टील 20 रुपये, कॉपर 100 रुपये और ब्रास 50 रुपये महंगा हुआ है। स्टील के बर्तन 350 रुपये प्रति किलो बेचे जा रहे हैं। वहीं पीतल के बर्तन 600 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। इसके साथ ही मूर्तियों के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं।
बर्तन पुरानी नई
स्टील 240 260
कापर 850 950
पीतल 500 550
कच्चे माल और उससे तैयार बर्तन के जीएसटी में 13 प्रतिशत का अंतर है। व्यापारी लाभ लेने के बाद ही बर्तन बेचते हैं। क्योंकि जीएसटी रिटर्न होने में काफी समय लग जाता है। इसके कारण बर्तनों के दाम बढ़े हुए हैं। -अरविंद कुमार अग्रवाल (जोनी), प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल
कच्चे माल पर जीएसटी पांच प्रतिशत कम की जाए, तब जाकर बर्तन सस्ते होंगे। अधिक जीएसटी पर कच्चा माल खरीदकर कम जीएसटी पर बेचने में बर्तन में व्यापारियों को नुकसान होगा। -सुनील अग्रवाल, महानगर महामंत्री, उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल
बाजार में नया माल आना शुरू हो गया है। हालांकि, पुराने माल पर पुरानी एमआरपी है। नए माल पर कंपनी की ओर से नई एमआरपी दी जा रही है। इसके अनुसार फ्रूटी समेत कई सामान पर एक से चार रुपये तक दाम कम हुए हैं। - सुप्रीत खन्ना, प्रदेश महासचिव, उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल
खाने के तेल के दाम न तो बढ़ाए गए हैं और न ही घटे हैं। जो दाम दो महीने पहले था वही अब भी। जीएसटी पर इसका कोई असर नहीं है। वनस्पति तेल 206 रुपये पहले था और अब भी इसका दाम यही है। -राजीव कुमार अग्रवाल, स्टोर संचालक
नमकीन, बिस्किट अभी पुराने एमआरपी पर बाजार में है। नई एमआरपी आने के बाद ही दाम घटाए जाएंगे। बताया जा रहा है कि पैकेट में बिस्किट की संख्या बढ़ा दी गई है। जल्द नए एमआरपी पर सामान मिलेंगे। - वीरेंद्र कुमार, स्टोर संचालक
खाद्य सामग्री के लिए आने वाले सामान एमआरपी मूल्य पर बेचे जा रहे हैं। शैम्पू, दाल, चीनी के दाम अभी कम नहीं हुए हैं। इसके अलावा सर्फ की कुछ कंपनियों ने दाम घटाने की बजाए बढ़ा दिए हैं। - प्रखर अग्रवाल, स्टोर संचालक