रंग, कत्था और धोखाधड़ी..: सफेद अंडों की काली कहानी उजागर, देसी बनाकर ऊंची दरों पर बेचा जा रहा, ऐसे हुआ खुलासा
गोदाम में मौजूद कर्मचारियों ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि पहले चाय की पत्ती गरम करने के बाद उसमें सफेद अंडे डूबाकर निकाल लिए जाते हैं। इसके बाद इन अंडों को भूसे में रखा जाता है। इसके बाद अंडे पर सिंदूर लगा दिया जाता है।
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खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने रामपुर तिराहा बरवाड़ा मजरा स्थित गोदाम में छापा मारकर सफेद अंडे के काला कारोबार का खुलासा किया है। यहां चाय की पत्ती और कत्थे के रंग से सामान्य अंडे को देसी बनाया जाता था। साथ ही उसे करीब तीन गुने दामों पर बेचा जा रहा था। टीम ने 45360 रंगीन और 35640 सफेद अंडों के साथ चाय की पत्ती, कत्था, सिंदूर, कलर समेत अन्य सामान बरामद कर गोदाम सील कर दिया है। पुलिस ने व्यवसायी को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा व्यवसायी के अंडों की ब्रिकी पर रोक लगा दी गई है।
सहायक आयुक्त (खाद्य) राजवंश प्रकाश श्रीवास्तव को सफेद अंडे के काले कारोबार की गोपनीय सूचना मिली। इसके बाद मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी इंद्र बहादुर यादव के नेतृत्व में टीम गठित की गई। बुधवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने रामपुर तिराहा बरवाड़ा मजरा स्थित अंडा व्यवसायी अल्लाह खां के गोदाम पर छापा मारा। यहां टीम को 45360 रंगीन और 35640 सफेद अंडे मिले।
इसके अलावा कलर, सिंदूर, कत्था, चाय की पत्ती भी बरामद किया गया। मौके पर अंडा कलर करने वाले नौ मजदूर पकड़े गए। पूछताछ के दौरान अल्लाह खां अपना नाम हनीफ और बादशाह बता रहा। इस दाैरान वह खाद्य सुरक्षा अधिकारियों और पुलिस से बहस करने लगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने लाइसेंस मांगा तो दूसरे का लाइसेंस दिखाने लगा। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने नाम नहीं बताने पर व्यवसायी अल्लाह खां को धारा 39 के तहत पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। बरामद अंडों की कीमत पर लगभग 3.89 लाख रुपये बताई जा रही है। सहायक आयुक्त खाद्य के निर्देश पर गोदाम को सील कर दिया गया। साथ ही व्यवसायी के अंडे बिक्री करने पर रोक लगा दी गई। कार्रवाई दाैरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी केके यादव और प्रजन सिंह मौजूद रहे।
3.30 रुपये का अंडा, कलर चढ़ते हो जाता था 9 का
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि व्यवसायी पंजाब से अंडे की खेप सस्ते दर पर मंगाता है। व्यवसायी को एक अंडा 3.30 रुपये में पड़ता है। अंडे की खेप आने पर गोदाम में उनकी छटाई होती है। छोटे अंडों को देसी बनाने के लिए अलग किया जाता है। सफेद अंडे को रंगीन करने के बाद सेल्समैनों को छह रुपये में बेचता था। जबकि सेल्समैन बाजार में एक अंडा नौ रुपये में बेचते थे।
ऐसे करते थे काला कारोबार
गोदाम में मौजूद कर्मचारियों ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि पहले चाय की पत्ती गरम करने के बाद उसमें सफेद अंडे डूबाकर निकाल लिए जाते हैं। इसके बाद इन अंडों को भूसे में रखा जाता है। इसके बाद अंडे पर सिंदूर लगा दिया जाता है। दूसरी विधि पानी में कत्थे को थोड़ा गरम कर उसमें अंडा रखा जाता है। कर्मचारियों ने बताया कि इसके बाद सामान्य अंडे का रंग बदल जाता था और वह देसी ज्याद दिखने लगता था।
48 घंटे बाद बदल जाता है अंडे का कलर
रात नौ बजे से सुबह चार बजे तक कर्मचारी सफेद अंडे को रंगीन कर देसी बनाते हैं। सुबह 20-22 की संख्या में सेल्समैन आते हैं और अंडे की बिक्री कर कमीशन लेते हैं। रंगीन अंडे की अवधि 48 घंटे होती है। 48 घंटे के बाद अंडे का कलर बदल जाता है। इस प्रकार देसी अंडा बनाने का गोरख धंधा वर्षों से चल रहा था।
प्रतिदिन 13 से 15 लाख अंडे की होती खपत
जिले में प्रतिदिन 13 से 15 लाख अंडे की खपत होती है। वहीं सिर्फ जिले के चार पोल्टी फार्म एक लाख अंडे प्रतिदिन मुर्गियों से तैयार करते हैं। यह जानकारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सुनील दत्त प्रजापति ने दी है। उन्होंने बताया कि जिले में 19 पोल्ट्री फार्म मीट का कारोबार करते हैं। जिले की पूर्ति के लिए व्यवसायी करीब 12 लाख अंडे प्रतिदिन की खपत के लिए बाहर से मंगाते हैं।
रासायनिक रंग का कर रहे थे प्रयोग
जांच अधिकारियों के मुताबिक देसी अंडा तैयार करने के लिए रासायनिक रंगों का प्रयोग किया जा रहा था। जो शरीर के लिए भी हानिकारक है। पता चला है कि कारोबारी कई वर्षों से गोपनीय तौर पर यह कारोबार कर रहा था। रोज सुबह गोदाम के पास करीब 25 सेल्समैन अंडा सप्लाई करने के लिए आते थे। आस पास के लोगों ने इस मामले में शिकायत भी की थी।
व्यवसायी कृत्रिम ढंग से देसी अंडों को बनाकर आम जनता के साथ धोखाधड़ी कर रहा था। आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा था। इस मामले में लैब से रिपोर्ट आने पर अन्य कार्रवाई की जाएगी। रात भर हुई कार्रवाई के दौरान मौके से सभी सामानों का सैंपल लेकर जब्त किया गया है। - राजवंश प्रकाश श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त (खाद्य), मुरादाबाद जोन